विवाह : वर्ष का अंतिम शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर, इसके बाद 22 अप्रैल तक करना पड़ेगा इंतजार

Marriage : The last auspicious time of the year will be waited till December 11, followed by April 22.
विवाह : वर्ष का अंतिम शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर, इसके बाद 22 अप्रैल तक करना पड़ेगा इंतजार
विवाह : वर्ष का अंतिम शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर, इसके बाद 22 अप्रैल तक करना पड़ेगा इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इस वर्ष दिसंबर में विवाह के 5 शुभ मुहूर्त थे। इसमें से एक मुहूर्त निकल गया। अब 4 मुहूर्त बचे हैं। 11 दिसंबर इस वर्ष का अंतिम शुभ मुहूर्त है। इसके बाद 22 अप्रैल तक कोई मुहूर्त नहीं है। ज्योतिषि शास्त्र के अनुसार वर्ष 2021 के जनवरी, फरवरी, मार्च महीने में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। ग्रहों के अस्त होने व खरमान के कारण ऐसा हो रहा है। अगले वर्ष 2021 में 51 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। बृहस्पति और शुक्र ग्रह के कारण साल के शुरुआती महीनों में विवाह नहीं हो पाएंगे। मकर संक्रांति के बाद 19 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु तारा अस्त रहेगा। फिर 16 फरवरी से 17 अप्रैल तक शुक्र तारा अस्त रहेगा। इस कारण विवाह का मुहूर्त 22 अप्रैल को होगा। इसके बाद देवशयन से पहले यानी 15 जुलाई तक 37 दिन विवाह के मुहूर्त हैं। 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए 13 दिन रहेंगे।

पंडित अशोक शास्त्री ने बताया कि शादी, सगाई और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ महीना, तिथि, वार, नक्षत्र और शुभ दिवस का विचार किया जाता है। वर, वधू, मांगलिक कार्य करने वाले व्यक्ति की राशि के हिसाब से शुभ मुहूर्त निकलता है।

देवउठनी ग्यारस के साथ 25 नवंबर से विवाह व शुभ कार्यों की शुरुआत हुई। 30 नवंबर और 1 दिसंबर को शुभ मुहूर्त था। इसके बाद अब दिसंबर 7, 8, 9 और 11 को शुभ मुहूर्त है। 11 दिसंबर चालू वर्ष का अंतिम शुभ मुहूर्त रहेगा। इसके बाद सीधे 21 अप्रैल तक विवाह व शुभ कार्यों पर रोक रहेगी। 131 दिन बाद 22 अप्रैल को शुभ मुहूर्त रहेगा।

16 फरवरी को वसंत पंचमी है। इसे भी विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है, लेकिन इस दिन सूर्योदय के साथ ही शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। इस कारण पंचांगों में इसे विवाह मुहूर्त में नहीं गिना गया है। हालांकि, लोक परंपरा के चलते उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में वसंत पंचमी पर विवाह होते हैं।

वर्ष 2020 में विवाह के लिए मिले 26 दिन

वर्ष 2020 में जनवरी से मार्च तक होली से पहले 19 दिन मुहूर्त थे। 15 मार्च से मल मास शुरू हो गया। मार्च महीने में देश लॉकडाउन रहा। इस कालावधि में अप्रैल से जून तक 23 शुभ मुहूर्त रहने के बावजूद विवाह नहीं हो पाए। चातुर्मास के चलते जुलाई से 24 नवंबर तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहे। पंचांग में 25 नवंबर को देव उठनी ग्यारस से 7 दिन शुभ मुहूर्त बताए गए हैं। इसमें से 25 और 30 नवंबर तथा 1 दिसंबर शुभ मुहूर्त निकल गए। अब 7, 8, 9 और 11 दिसंबर शुभ मुहूर्त बचे हैं। यानी इस वर्ष शुभ मुहूर्त के 26 दिन ही विवाह के लिए मिल सके। हालांकि पंचांग के अनुसार सालभर में 49 शुभ मुहूर्त रहे।


 

Created On :   6 Dec 2020 4:44 PM IST

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