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महापौर बोले - हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने प्रबल इच्छाशक्ति जरूरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महापौर दयाशंकर तिवारी ने कहा कि विदेशों में हिंदी भाषा को अधिक सम्मान दिया जा रहा है, जबकि देश में हिंदी को अभी तक राष्ट्र भाषा का सम्मान नहीं मिल सका है। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रबल इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। महापौर तिवारी क्रांतिकारी आजाद शाहू की 97 वीं जयंती पर शाहू नगर के वृंदावन लॉन में आयोजित ‘हिंदी सेवा सम्मान-2021’ में बोल रहे थे। महापौर तिवारी के हाथों दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार विनोद झाड़े को हिंदी सेवा सम्मान से गौरवान्वित किया गया। शाहू समाज के उमेश शाहू को भी सम्मानित किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एस.एन. विनोद ने की। पूर्व विधायक दीनानाथ पडोले, क्रांतिकारी आजाद शाहू स्मृति मंच के रामरक्षा शाहू, नारायण शाहू, राकेश शाहू, गेेंदलाल शाहू उपस्थित थे। संचालन डा. विनोद जैस्वाल ने किया। कार्यक्रम में ज्ञानेश्वर रक्षक, किशोर झाड़े, कमलेश समर्थ, सुभाष घाटे, रचना शाहू, दिनेश झाड़े, हर्षद झाड़े, चित्रलेखा शाहू, मनोज मालवीय, चंद्रकांत बडगे, कुसुम झाड़े, रवि गाडगे, दिलीप गौर, दर्शित झाड़े, ज्योति द्विवेदी, कंगना, ख्याति, रेवती शाहू आदि उपस्थित थे।
अधूरी जानकारी से बचे
सत्कारमूर्ति वरिष्ठ पत्रकार विनोद झाड़े ने कहा कि संचार क्रांति के दौर में तेजी से जानकारी मिल रही है, लेकिन जो जानकारी मिल रही है वह अधूरी है। जाे दिख रहा है वह पूर्ण सत्य नहीं है। पहले देरी से जानकारी मिलती थी, लेकिन सही जानकारी मिलती थी। इतिहास पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। गलत बातों का विरोध होना चाहिए। क्रांतिकारी आजाद शाहू के विचारों को आगे बढ़ाना जरूरी है। सज्जनों की कायरता से भ्रष्ट एवं दुराचारियों के हौसले बढ़ रहे है। चौथे स्तंभ को आैर मुखर होकर आगे आने की जरूरत है।
Created On :   4 Jan 2022 5:26 PM IST