सार्वजनिक- निजी भागीदारी से बनेंगे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

MBBS seats will increase in next 10 years, Super specialty hospital to be built with public-private partnership
सार्वजनिक- निजी भागीदारी से बनेंगे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
अगले 10 साल में बढ़ेंगी MBBS सीटें  सार्वजनिक- निजी भागीदारी से बनेंगे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से प्रदेश में नए चिकित्सा महाविद्यालय और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (अतिविशेषोपचार रुग्णालय) के निर्माण को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस नीति को लागू करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था (आईएफसी) मदद करेगी। इसके लिए सुदूर इलाकों की परियोजना को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में उद्योग विभाग की ‘पैकेज स्कीम ऑफ इंसेंटिव’ इस योजना के लिए लागू की जा सकेगी। राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति प्रावधानों की जांच कर प्रस्तावों को मंजूरी देगी। इसके द्वारा स्नातकोत्तर मेडिकल शिक्षा में तीन सालों में 1000 स्नातकोत्तर (एमडी / एमएस / डीएनबी) की सीटें बढ़ेंगी। इसमें नए सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय में 350 और वर्तमान सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में 650 सीट शामिल होंगी। जबकि अगले 10 साल में स्नातक मेडिकल शिक्षा में हर साल 2600 एमबीबीएस विद्यार्थियों की सीटें बढ़े सकेंगी। 

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इससे नए सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में 1800 एमबीबीएस और वर्तमान चिकित्सा महाविद्यालय में 800 एमबीबीएस विद्यार्थी तैयार होंगे। हर साल अतिरिक्त 2500 मुख्य ऑपरेशन, प्रत्येक मेडिकल कालेज में हर साल 5 लाख ओपीडी सेवा और 50 हजार मरीजों को अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकेंगी। साल 2026 से हर साल 200 अतिरक्त अतिविशेषोपचार सीटें तैयार होंगी। राज्य में स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, महानगर पालिका और नगर पालिकाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। लेकिन राज्य के ग्रामीण और छोटे शहरी इलाकों में जनता को दर्जेदार और कीफायती चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती है। 

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सरकारी अस्पतालों में रिक्त हैं डाक्टरों के पद

राज्य में फिलहाल डॉक्टरों की कमी के चलते सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों अधिकांश पद रिक्त हैं। लगातार जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए राज्य में नए सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय बनाने की आवश्यकता है। महाविद्यालय के निर्माण के लिए पीपीपी मॉडल पर निधि का स्त्रोत उपलब्ध किया जा सकेगा। साल 2030 तक लक्ष्य पूरा करने के लिए नीति को लागू करने की दृष्टि से प्राधिकरण अथवा महामंडल बनाया जा सकता है। 

Created On :   1 Sept 2021 8:37 PM IST

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