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मेडिकल में बड़ा हादसा टला- ऑक्सीजन आपूर्ति पाइप लाइन में अचानक लीकेज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शनिवार को मेडिकल में बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां के लिक्विड ऑक्सीजन आपूर्ति टैंक की पाइप लाइन में लीकेज होने के बाद वार्ड क्रमांक 1 में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो गई। पता चलते ही सबसे पहले जंबो सिलेंडर लगाकर व्यवस्था बहाल की गई। फिर आनन-फानन में मरम्मत करने वालों को बुलाकर सुधार कार्य शुरू कर दिया। करीब रात 9 बजे तक सुधार कार्य चला, तब जाकर लीकेज बंद हुआ। डॉ. अतुल राजकोंडावार, चिकित्सा अधीक्षक के मुताबिक पाइपलाइन लीकेज के चलते ऑक्सीजन आपूर्ति की समस्या पैदा हो गई थी। जैसे ही पता चला जंबो सिलेंडर की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। उधर शीघ्र ही मरम्मत कार्य भी शुरू किया गया। यह मामूली घटना थी। अब कोई समस्या नहीं है। सब कुछ पूर्ववत हो चुका है।
सांस लेने में होने लगी दिक्कत
शनिवार को शाम 6 बजे के आसपास अचानक मेडिकल के वार्ड क्रमांक-1 में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो गई। इसकी जानकारी मेडिकल प्रशासन को मिलते ही वहां की जांच की गई। उस समय वार्ड क्रमांक-1 में कुछ मरीज थे। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। तब पता चला कि ऑक्सीजन आपूर्ति की पाइप लाइन में लीकेज हो चुका है। इससे मेडिकल में खलबली मच गई, लेकिन प्रबंधन की ओर से तुरंत जंबो सिलेंडर की व्यवस्था की गई, इससे मरीजों को कोई दिक्कत नहीं हुई। हालांकि घटना के दौरान उन्हें दूसरे वार्ड में स्थानांतरित करने पर भी विचार किया जाता रहा, लेकिन उसकी नौबत नहीं आई। सूत्रों के अनुसार वार्ड में 10 से अधिक मरीज थे। सतर्कता के कारण मरीजों की जान पर आया संकट टल गया।
प्रशासन ने दिखाई सतर्कता
मेडिकल परिसर में पुराना लिक्विड ऑक्सीजन आपूर्ति टैंक है। शनिवार की शाम इस टैंक से जुड़ी पाइपलाइन में लीकेज हो गया था। वहां से लिक्विड ऑक्सीजन बाहर निकलने लगा था। पाइप लाइन से ऑक्सीजन बाहर निकलने से वह संबंधित वार्ड क्रमांक-1 तक नहीं पहुंच पा रहा था। वार्ड में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने की जानकारी मेडिकल प्रशासन को मिली। संबंधित अधिकारी ने सतर्कता दिखाते हुए वहां का दौरा किया। शीघ्र ही मरम्मत कार्य शुरू किया गया। रात 9 बजे तक काम चला, तब जाकर लीकेज बंद हुआ।
घटना सीधे प्लांट से जुड़ी है
मेडिकल परिसर में 3200 एलपीएम का और शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के पास 3200 और 2000 एलपीएम के 3 ऑक्सीजन प्लांट तैयार किए गए हैं। इसके अलावा वार्ड क्रमांक 24 के पीछे एक ऑक्सीजन प्लांट शुरू है। शनिवार को लीकेज की घटना इसी प्लांट से जुड़ी थी। यहां से पाइपलाइन द्वारा वार्ड में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है।
ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक के पास कोई सुरक्षा रक्षक नहीं था। यहां से निकलने वाली ऑक्सीजन धीरे-धीरे वहीं फैलने लगी थी। मरम्मत कार्य पूरा होने तक टैंक के पास जमीन पर 6 इंच तक ऑक्सीजन फैल चुकी थी। मरम्मत कार्य पूरा होने से राहत मिली। अन्यथा यहां बड़ा हादसा होने में समय नहीं लगता। मरम्मत के दौरान आधे घंटे से अधिक समय तक शटडाउन किया गया था।
Created On :   16 Jan 2022 4:23 PM IST