नई सुविधाओं के साथ तैयार हो रहा मेडिकल और सुपर अस्पताल

Medical and super hospital getting ready with new facilities
नई सुविधाओं के साथ तैयार हो रहा मेडिकल और सुपर अस्पताल
नई सुविधाओं के साथ तैयार हो रहा मेडिकल और सुपर अस्पताल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सन् 2020 मार्च में जब कोविड-19 ने दस्तक दी, तो यहां का मेडिकल विभाग पूरी तरह सक्षम तो नहीं था, लेकिन इस महामारी की चुनौती को स्वीकार करने के लिए खुद को तैयार किया। आनन-फानन में उन व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराया गया, जो यहां पहले से मौजूद नहीं थीं। इस महामारी ने मेडिकल क्षेत्र की तमाम कमियों को उजागर किया और बहुत कुछ सीख भी दिया। भविष्य में ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए नागपुर के मेडिकल विभाग ने उन तमाम कमियों की समीक्षा की है, जिन्हें दूर कराना और सुविधाएं देना निहायत ही जरूरी है। नागपुर के लोगों को भी स्वास्थ्य विभाग से यह उम्मीद है कि इस नए वर्ष 2021 में वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो अब तक नहीं हैं। इस उम्मीद पर स्वास्थ्य विभाग भी खरा उतरने के लिए कुछ योजनाएं तैयार की है, जिन्हें वह इस वर्ष उपलब्ध कराने वाला है। 

गॉयनिक विभाग में पहले से ही इनफर्टिलिटी ओपीडी मौजूद है, लेकिन इन व्रिटो फर्टिलिटी (आईवीएफ) सेंटर की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए 1.2 करोड़ के उपकरणों की खरीदी की जाएगी। यह एक अलग यूनिट होगा। इसके लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। यह यूनिट उन दंपतियों के लिए सहारा बनेगा, जो संतान प्राप्ति से वंचित हैं। 

ईएनटी : (नाक, कान, गला) विभाग का आधुनिकीकरण अपग्रेडेशन के तहत नए साल में 76 लाख के नए सर्जिकल उपकरण खरीदे जाएंगे। सभी उपकरण उच्च क्षमता वाले होंगे।

यह भी मिलने की उम्मीद

इस नए साल 2021 में मेडिकल और सुपर स्पेशलिटी में कई तरह की नई सुविधाएं शुरू की जाएंगी, जिसमें लगभग स्वास्थ्य विभाग के हर क्षेत्र में विकास किया जाएगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण ट्रांसप्लांट सेंटर को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। साथ ही मिल्क बैंक, बोन बैंक, सिमुलेटिंग लैब, नई कैथ लैब जैसी कई सुविधाएं शुरू की जाएंगी। इसके साथ ही राष्ट्रसंत तुकड़ोजी क्षेत्रीय कैंसर अस्पाल और कैंसर रिलीफ अस्पताल में भी एडवांस लिनियर एक्सलरेटर मशीन बुलाई गई है, जिसका फायदा नए साल में मरीजों को मिल पाएगा।

कैथलैब मशीन :  सुपर के हृदय रोग विभाग में नई कैथलैब मशीन खरीदी जाएगी। सुपर में फिलहाल एक कैथलैब मौजूद हैं। इसका उपयोग अधिक रहता है, जिससे मरीजों की वेटिंग स्थिति रहती है। इसके लिए एक और कैथलैब खरीदी जा रही है।

फाइब्रोस्कैन मशीन : गैस्ट्रोएंटरोलॅाजी विभाग में नई फाइब्रोस्कैन मशीन लगाई जाएगी। मौजूदा मशीन को करीब 7-8 वर्ष होने से उसकी क्षमता कम हो गई है। नई मशीन की लागत करीब 1.10 करोड़ रुपए आएगी। इससे लिवर से जुड़ी बीमारी का इलाज किया जा सकेगा।

नई लिफ्ट : सुपर में 2 नई लिफ्ट लगाई जाएंगी। साथ ही कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग को 4 नए वेंटिलेटर दिए जाएंगे।

एंडोस्कोपी यूनिट : प्रसूति विभाग में नया एंडोस्कोपी यूनिट शुरू की जाएगी। इसके लिए करीब डेढ़ करोड़ के उपकरण की खरीदी की जाएगी। इससे समूची और सटीक सर्जरी हो सकेगी। 

नए वार्ड : सुपर में तीन नए वार्ड शुरू किए जाएंगे। यह बनकर तैयार हो चुके हैं। नए साल में यह पूरी तरह शुरू किए जाएंगे।
मॉलिक्यूलर पैथालॉजी

मेडिकल में मॉलिक्यूलर पैथालॉजी भी तैयार की जा रही है। यह कैंसर की बीमारी में उपयोगी साबित होगी। इसमें जेनेटिक सिक्वेंसिंग के तहत शरीर के किस हिस्से में ट्यूमर है। इसका पता लगाया जाता है। बाद में टारगेटेट थैरेपी यानी जहां कैंसर वहीं इलाज किया जाता है। इससे शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान नहीं पहुंचता। इस प्रकल्प के लिए 72 लाख खर्च किए जाएंगे।

सिमुलेटिंग लैब 

इसके लिए भी तैयारियां चल रहीं हैं। इसमें डॉक्टर मशीनों पर सर्जरी और ऑपरेशन कर सकेंगे। इसके लिए अब तक 5 करोड़ मंजूर हो चुके हैं। इसमें गायनिक, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, रेडियोलॉजी और कैडवर डिसेक्शन टेबल भी खरीदी जाएंगी।

ट्रांसप्लांट सेंटर

इसे शुरू करने की भी योजना तैयार की जा रही हैं। इसके साथ सर्टिफाइड कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।

राष्ट्रसंत तुकड़ोजी रीजनल कैंसर अस्पाल और कैंसर रिलीफ अस्पताल में एडवांस लिनियर एक्सलरेटर मशीन बुलाई है। इसका लाभ अगले साल से मरीजों को मिल सकेगा।

बोन बैंक : अस्थि रोग विभाग में ‘बोन बैंक’ शुरू किया जाएगा। इस तरह का बैंक देश में सिर्फ टाटा मेमोरियल मुंबई, चेन्नई और दिल्ली एम्स में ही है। यह देश का चौथा बैंक होगा। शरीर के अलग-अलग हिस्सों की अस्थियों को बैंक में रखा जाएगा। जरूरत के अनुसार मरीजों में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। यह प्रकल्प करीब 1.10 करोड़ का है।

 

 


 

Created On :   3 Jan 2021 3:38 PM IST

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