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हादसे के बाद जागा मेडिकल विभाग, शुरू किया छज्जा तोड़ अभियान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल परिसर के कई इमारतों के छज्जे तोड़ दिए गए हैं और कई के तोड़े जाने हैं। यह कवायद सुरक्षा के लिहाज से की जा रही है। हाल ही में मेडिकल के त्वचा विभाग की इमारत के प्रवेश द्वार के छज्जे के गिर जाने से दो लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद लोक निर्माण विभाग मेडिकल व मेयो की इमारत की स्ट्रक्चरल ऑडिट कर रही है। ऑडिट में वीएनआईटी की टीम मदद कर रही है।
फाइबर के हल्के छज्जे लगेंगे
सूत्रों के अनुसार, वीएनआईटी की टीम में सुरक्षा की दृष्टि से सबसे पहले मेडिकल परिसर के कई इमारतों के छज्जों का तोड़ने का सुझाव दिया है। परिसर में डेंटल कॉलेज समेत कई होस्टलों में छज्जे तोड़ दिए गए हैं। सुरक्षा की लिहाज से परिसर के सभी इमारतों में फाइबर के हल्के छज्जे लगाने का निर्णय लिया गया है। मेडिकल व मेयाे के इमारतों की देखभाल और समय-समय पर स्ट्रक्चरल ऑडिट की जिम्मेदारी लोकनिर्माण विभाग की है। ऐसे में इमारतों की पूरी जांच और मरम्मत के बदले केवल छज्जों को हटाने पर जोर दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा लगता है मानों त्वचा विभाग के हादसे के बाद मेडिकल परिसर के हर छज्जे को खतरनाक कारण मान लिया गया है और विभाग ‘न रहेगा छज्जा, न होंगे हादसे’ की तर्ज पर काम कर रहा है।
स्ट्रक्चरल ऑडिट पूरा
पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर परिसर की कुछ इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट पूरा कर लिया गया है। शेष इमारतों के ऑडिट के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। -डॉ. सजल मित्रा, डीन मेडिकल
उपायों पर काम किया जाएगा
इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद सुझाए गए उपायों पर काम किया जाएगा। फिलहाल सबसे पहले छज्जों को हटाने का सुझाव दिया गया है। इसलिए छज्जे तोड़े जा रहे हैं। - डॉ. अविनाश गावंडे, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, मेडिकल
मेयो की कई इमारतें भी खतरनाक
लोकनिर्माण विभाग की मांग पर वीएनआईटी ने मेयो की इमारतों का भी सर्वेक्षण किया था। लगभग 38 एकड़ में फैले मेयो के कई िवभाग की इमारत 100 वर्ष पुरानी हैं और उनकी हालत ठीक नहीं है। आपातकालीन विभाग की इमारत 1881 की है। वीएनआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, वार्ड क्रमांक 3, 4, 7 और 8 की स्थिति खतरनाक है।
Created On :   8 Jan 2020 12:20 PM IST