Medical Market : मिर्गी, विटामिन-सी, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और इंसुलिन की कमी

Medical Market: lack of medicine for Epilepsy, Vitamin-C, hydroxy chloroquine and insulin
Medical Market : मिर्गी, विटामिन-सी, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और इंसुलिन की कमी
Medical Market : मिर्गी, विटामिन-सी, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और इंसुलिन की कमी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी के चलते शहर की दवा दुकानो व दवा बाजार में दूसरी बीमारियों की दवाओ की कमी हो गई है । कोरोना के कारण सैनिटाइजर,मास्क और हैंड ग्लब्स की ब्रिकी बढ़ गई है। दवा बाजर में प्रतिदिन 12 हजार से ज्यादा इनकी ब्रिकी हो रही है। साथ ही कुछ दिन पहले हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा के बारे में अफवाह उड़ी थी,जिसके चलते दवा मार्केट में इसकी भी कमी हो गई है। कोरोना को लेकर फैली अफरा-तफरी के बीच लोगो ने इसे कोरोना का इलाज समझ कर मेडीकल स्टोर्स से थोक के भाव में दवाईयां  खरीद ली थी। जिसके कारण मार्केट में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन  की किल्लत हो गई है। जबकि सरकार ने भी साफ किया कि इस दवाई का कोरोना के इलाज से कोई लेना देना ही नहीं है। दवा व्यापारियों के अनुसार  कोरोना के कारण इन दिनो ट्रांसपोर्टेशन भी कम हो गई है। लॉकडाऊन के कारण सभी को घर में रहने के लिए कहा गया है। इसलिए अब लोगो ने तीन-चार महीनो की दवाईयो का स्टॉक कर लिया है। पहले जो लोग 15 दिन की दवाई लेते थे,अब तीन-चार महीने की दवाईयां ले रहे है। सीएंडएफ (क्लियरिंग एंड फॉरवर्डिंग एजेंट) के यहां से सप्लाय काफी कम है। पहले दवाओं के अगर 30 ट्रक आते थे,पर अब केवल 10 ट्रक माल ही आ पाता है। कोरोना संक्रमण ने  दूसरी बीमारियों के मरीजो की मुश्किल बढ़ा दी है

मुंबई से नहीं आ पा रहा स्टॉक

महाराष्ट्र स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन विदर्भ जोन वाइस प्रेसीडेंट मोहन अभ्यंकर ने बताया कि लॉकडाउन  के कारण ट्रांसपोर्टेशन कम हो गया है। जिससे मुंबई से दवाईयो का स्टॉक नहीं आ पा रहा है। दवा बाजार में विटामिन-सी,इंसुलिन और मिर्गी के लिए टेग्रीटोल दवा की कमी हो गई है। मास्क की प्रतिदिन 12 हजार से ज्यादा ब्रिकी हो रही है। इसके साथ ही सैनेटाइजर और ग्लब्स की भी कमी नहीं है। एन-95 मास्क भी उपलब्ध है

हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की है कमी

महाराष्ट्र स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मुकुंद दुबे  ने बताया कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की दवा की कमी हो गई है। इस दवा को लेकर अफवाह होने से लोगो ने इसे खरीद कर रख लिया है,जिससे दवा बाजार में भी इसकी कमी हो गई है। बाकी दवाओ की कमी नही है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इंडस्ट्री में रॉ मटेरियल उपलब्ध है। पहले 80 प्रतिशत रॉ मटेरियल चाइना से आता था। लेकिन अब  साउथ कोरिया,साउथ अफ्रीका तथा अन्य देशो से रॉ मटेरियल आ रहा है

मलेरिया की दवा में है कमी

दवा दुकान संचालक ललित डडुरे ने बताया कि मलेरिया की दवा लेरिगो,लेरिगो-डीएस और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की कमी हो गई है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन तो मार्केट में आना बंद हो गई है। सैनेटाइजर की क्वालिटी बहुत खराब आ रही है। लोकल और ब्रांडेड कंपनियों के सैनेटाइजर भी एकदत पतले आ रहे है। इनके रेट कम होने से क्वालिटी पर इफेक्ट पड़ा है

डेटॉल लिक्विड की है शॉर्टेज

दवा दुकान संचालक अनूप नटिये के अनुसार जैसे कुछ दिनो पहले मार्केट से सैनेटाइजर गायब हो गया था,उसी तरह इन दिनो डेटॉल लिक्विड गायब हो गया है। डेटॉल लिक्विड की बहुत शॉर्टेज हो गई है। सरकार के निर्देशो का पालन करते हुए किसी भी व्यक्ति को बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा नही दे रहे है। अगर कोई व्यक्ति पैरासिटामॉल या कोई दवा लेने भी आता है तो उसकी डिटेल लेते है। साथ ही उस व्यक्ति का नंबर भी लेना आवश्यक है।

 

 

Created On :   20 April 2020 3:31 PM IST

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