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देवली नगर परिषद के सुरेश वैद्य की सदस्यता रद्द, 1 लाख की कॉस्ट भी लगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने देवली नगर परिषद के नामांकित सदस्य सुरेश वैद्य की सदस्यता रद्द कर दी है। हाईकोर्ट ने उन पर एक लाख रुपए की कॉस्ट भी लगाई है। वैद्य के खिलाफ उनके प्रतिद्वंदी पंकज तड़स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वैद्य पर आरोप लगाया था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के सहारे स्वयं को पात्र बताकर परिषद पर नामांकन प्राप्त कर लिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनकर सोमवार को निर्णय दिया कि वैद्य ने अपनी सत्यता साबित करने के लिए कोई ठोस दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। वहीं मामले में न्यायपालिका का भी खासा समय गया है। ऐसे में हाईकोर्ट ने वैद्य को एक लाख रुपए पंकज तड़स को एक माह के भीतर कॉस्ट के रूप में अदा करने के आदेश दिए है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा ने पक्ष रखा। वैद्य की ओर से एड. आदित्य देशपांडे ने पक्ष रखा।
यह था मामला
27 नवंबर 2016 को देवली नगर परिषद के चुनाव हुए। 21 दिसंबर 2016 को राज्य सरकार ने नगर परिषद पर नामांकन के जरिए चुने जाने वाले नगरसेवकों के नियम जारी किए। नामांकन के लिए याचिकाकर्ता पंकज तड़स, एक अन्य व्यक्ति अब्दुल नईम का नाम नगरसेविका शोभा तड़स ने प्रस्तावित किया। इसी प्रकार प्रतिवादी सुरेश वैद्य का नाम भी सुनील बसु द्वारा प्रस्तावित किया गया। सभी उम्मीदवारों के नाम और संबंधित दस्तावेज जिलाधिकारी वर्धा को भेजे गए। 26 दिसंबर 2016 को जिलाधिकारी कार्यालय ने नामांकन के लिए पात्र और अपात्र सदस्यों की सूची जारी की। जिसमें सुरेश वैद्य को पात्र और याचिकाकर्ता पंकज तड़स को अपात्र करार दिया गया। 27 दिसंबर 2016 को परिषद की पहली आम सभा बुलाई गई। और सुरेश वैद्य और एक अन्य पात्र उम्मीदवार को नामांकन के जरिए नगर परिषद की सदस्यता दे दी गई। याचिकाकर्ता के अनुसार सुरेश वैद्य ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए स्वयं को नामांकन के लिए पात्र करार दिया। ऐसे में उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
Created On :   7 Jan 2020 12:48 PM IST