जीएसटी की विसंगति और ऑनलाइन व्यापार के विरोध में लामबंद हुए व्यापारी

Merchants rallied against GST discrepancy and online trade
जीएसटी की विसंगति और ऑनलाइन व्यापार के विरोध में लामबंद हुए व्यापारी
जीएसटी की विसंगति और ऑनलाइन व्यापार के विरोध में लामबंद हुए व्यापारी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जीएसटी की विसंगतियों तथा ऑनलाइन व्यापार के बढ़ते दुष्प्रभाव पर कैट द्वारा भारत बंद का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में 26 फरवरी को जबलपुर में भी व्यापार बंद किया जाएगा। शहर के सभी व्यापारी संगठन, चेम्बर, ट्रांसपोर्ट यूनियन के साथ अन्य पदाधिकारियों द्वारा रैली निकालकर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के संभाग अध्यक्ष जितेंद्र पचौरी ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा में बताया कि जीएसटी व्यापारियों के लिए सिरदर्द बन गया है। आदमी व्यापार करे कि टैक्स ही भरता रहे। साल भर में व्यापारियों को अलग-अलग तरह के 26 बार रिटर्न भरना पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं जीएसटी की कोई लिमिट तय नहीं है। यह 6 से 28 फीसदी तक लगाया जा रहा है।
इस अवसर पर जबलपुर चेम्बर के राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी का उद्देश्य ई-कॉमर्स को बढ़ावा दिया जाना है, जिससे छोटे व्यापारी पूरी तरह से टूट जाएँगे। इनका कहना है कि ऑनलाइन व्यापार के माध्यम से विदेशी व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है, जबकि देश के व्यापार को मजबूत किया जाना चाहिए। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के नरिंदर सिंह पांधे ने कहा कि करों के बोझ तले ट्रांसपोर्ट व्यापार बंद होने की कगार पर है। इनका कहना है कि डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए और टोल टैक्स हटाया जाना चाहिए। पत्रकारवार्ता में दीपक सेठी, अमनप्रीत छाबड़ा व श्री नेमा ने बताया कि जीएसटी कर प्रणाली सरलीकृत होने के बजाय बेहद जटिल हो गई है। जीएसटी मूल घोषित उद्देश्य के एकदम विरुद्ध है। कर प्रणाली को सरल और तर्कसंगत बनाने के बजाय व्यापारियों पर कर का ज्यादा से ज्यादा बोझ डाला जा रहा है। पत्रकारवार्ता में जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के हिमांशु अग्रवाल व कैट के संदेश जैन सहित अन्य पदाधिकारी व व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Created On :   25 Feb 2021 9:07 AM GMT

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