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करोड़ों का गड़बड़झाला, मंत्री ने स्वीकारा-14 हितग्राहियों के ऋण में हुई अनियमितता
डिजिटल डेस्क, कटनी। फसल ऋण घोटाला की तरह जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति मर्यादित कटनी में स्वरोजगार योजना में दिए गए ऋण में भी अनियमितता की पुष्टि हुई है। मुड़वारा विधायक द्वारा लगाए गए अतारांकित प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय मंत्री ने स्वीकार किया कि 14 प्रकरणों में बैंक स्तर पर ऋण/ मार्जिन मनी वितरण में अनियमितता की गई। कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच में ऋण एवं मार्जिन मनी वितरण में सेंट्रल मप्र ग्रामीण बैंक देवरीटोला द्वारा गड़बड़ी करने की पुष्टि हुई है। जांच में 92 लाख रुपए के ऋण स्वीकृत किए गए। जिनमें 27.75 लाख रुपए अनुदान राशि दी गई।
आवेदन में हस्ताक्षर नहीं और कर लिया नगदीकरण
कलेक्टर द्वारा अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने प्रतिवेदन में ऋण वितरण में गड़बड़ी पर बड़ा खुलासा किया है। 14 हितग्राहियों की शिकायत पर कराई गई जांच में सात हितग्राहियों ने बयान में स्वीकार किया कि शपथ पत्र और आवेदन में उनके हस्ताक्षर ही नहीं है। ऐसे हितग्राहियों में मंजा बाई पति अनिल चौधरी, मिथला बाई पति संतोष कुमार रैदास, उषा बाई पति राजू, सोनी बाई पति नीरज चौधरी, रुकमणि पति राज चौधरी, मिथिला पति लटोरा सभी निवासी खरखरी नंबर-2 ने बयान में जांच समिति को बताया था कि ऋण के लिए आवेदन एवं शपथ पत्र में उनके हस्ताक्षर नहीं है। जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि सभी 14 हितग्राहियों के ऋण प्रकरण पर जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति मर्यादित कटनी द्वारा बैंक को 27 लाख 75 हजार रुपए की मार्जिन मनी चेक माध्यम से भेजी गई। जिसमें बैंक ने ऋण राशि एवं मार्जिन मनी का नगदीकरण भी कर लिया।
जिनके आवेदन नहीं, उन्हें भी कर्ज मंजूर
सेंट्रल मप्र ग्रामीण बैंक देवरीटोला में गड़बड़ी यहीं नहीं रुकी, वरन ऐसे हितग्राहियों के नाम पर भी कर्ज मंजूर कर दिया, जिनके प्रकरण अंत्यावसायी सहकारी समिति मर्यादित कटनी ने बैंक भेजे ही नहीं थे। जांच में अनुसूचित जाति के ऐसे चार हितग्राही सामने आए हैं, जिनके आवेदन बैंक नहीं भेजे गए। इनके खातों में जमा ऋण राशि के अनुसार वो भी मांग के अनुसार मार्जिन मनी अनुदान राशि नहीं है।
Created On :   20 Feb 2019 2:04 PM IST