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नागपुर में रोके जाने पर राज्यमंत्री कडू ने दी सफाई, आंबेडकर बोले - मैं सीएम होता तो इस्तीफा ले लेता
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में अपने अनोखे तरीके के आंदोलन के लिए जाने वाले प्रहार संगठन के प्रमुख तथा प्रदेश के स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू का खौफ सरकार में शामिल होने के बावजूद कायम है। मंगलवार को इसका नजारा एक बार फिर देखने को मिला। अपने ही राज्य मंत्री कडू से डरकर प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने उन्हें मुंबई में अंबानी-अडानी के कार्यालय पर किसानों के मोर्चा में शामिल होने से नागपुर में रोक दिया था। कडू के राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा हुआ है जब वे किसी आंदोलन में नहीं पहुंच सके। इस पर बुधवार को कडू ने बुधवार को ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार को डर था कि मेरे आंदोलन में शामिल होने से ज्यादा हंगामा हो सकता है। इसलिए मुझे पुलिस प्रशासन ने नागपुर में रोक लिया था। लेकिन फिर मैंने प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख से फोन पर बात की। जिसके बाद उन्होंने मुझे नागपुर से मुंबई आने के लिए अनुमति देने को कहा। इसके बाद मैंने दोपहर 12 बजे नागपुर से मुंबई आने का प्रयास किया लेकिन सीधे हवाई सेवा नहीं होने के कारण मुझे मुंबई पहुंचने में देरी हुई। इस कारण मैं मुंबई के आंदोलन में शामिल नहीं हो सका।
केंद्र के समर्थन में हैं महा विकास आघाडी सरकारः आप
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि महाविकास आघाड़ी सरकार केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के समर्थन में है। इसके लिए अपनी ही सरकार के राज्य मंत्री को गिरफ्तार करने से परहेज नहीं करती अथवा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नागपुर पुलिस पर कोई नियंत्रण नहीं है। नागपुर पुलिस अभी भी आरएसएस मुख्यालय से आदेश ले रही है। आप के राज्य सचिव धनंजय शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार कृषि कानून के विरोध में है तो सरकार को इस पर प्रस्ताव पारित करना चाहिए। आप के आरोपों पर कडू ने कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल मैं ही किसानों के पक्ष में हूं। उन्होंने कहा कि पूरी महाविकास आघाड़ी सरकार किसानों के साथ मजबूती के खड़ी है।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति की ओर से बांद्रा स्थित अंबानी-अडानी कार्यालय के सामने मोर्चा निकाला गया था। इसमें स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष व पूर्व सांसद राजू शेट्टी समेत शेकाप, लोक संघर्ष मोर्चा समेत सहित कई संगठनों के नेता शामिल हुए थे। हालांकि पुलिस ने मोर्चे में शामिल नेताओं और किसानों को अंबानी-अडानी के कार्यालय तक नहीं पहुंचने दिया था। पुलिस ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीच में रोक लिया था।
कडू को पुलिस ने नागपुर में ही रोका
राज्यमंत्री बच्चू कडू को पुलिस ने नागपुर में ही रोक लिया। उन्हें सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस से बाहर नहीं निकलने दिया। गृहविभाग को मुंबई से ही इस तरह के आदेश होने से पुलिस भी मौके पर डटी रही। बाहर पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त लगाए रखा गया। दोपहर तक उन्हें नागपुर में ही रोका गया। सरकार पर दबाव बनाने और वरिष्ठ मंत्रियों से संपर्क के बाद आखिरकार दोपहर 12 बजे के बाद उन्हें मुंबई जाने के लिए अनुमति मिली, जिसके बाद उन्हें छोड़ा गया। लेकिन इस प्रकरण को लेकर नागपुर में राजनीतिक ड्रामा जारी रहा। हालांकि राज्यमंत्री बच्चू कडू इस मामले में सरकार का बचाव करते दिखे। बच्चू कडू ने कहा कि मेरे आंदोलन में सहभागी होने को लेकर पुलिस प्रशासन में कुछ ‘गैर-समझ’ हुआ था। वह अब दूर हो गया है। मैं अब मुंबई जाने के लिए निकला हूं। उन्होंने कहा कि वे अंबानी से अपील करेंगे कि अपने मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन करें कि किसानों के हित में कृषि कानून वापस ले। इसके बाद वे अपने काफिले के साथ एयरपोर्ट की ओर रवाना हो गए। मंगलवार को मुंबई में किसानों का भव्य मोर्चा आयोजित किया गया था। अंबानी के खिलाफ यह मोर्चा था। मोर्चे में बच्चू कडू शामिल होने जा रहे थे। इसके लिए वे सोमवार रात को नागपुर पहुंचे थे। सुबह विमान से मुंबई जाने वाले थे। जैसे ही वे सुबह 9.15 बजे सिविल लाइन्स स्थित सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस से बाहर निकले, उन्हें पुलिस ने रोक दिया। विशेष यह कि बच्चू कडू को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। विमानतल पर जाने से बच्चू कडू को रोकें, यह आदेश मुंबई से मिलने की जानकारी पुलिस ने दी। उन्हें रोकने के बाद मुंबई से सीधे संपर्क शुरू हो गया। मुंबई में महाविकास आघाड़ी सरकार में अपने वरिष्ठ मंत्रियों से उन्होंने संपर्क किया। इसके बाद उन्हें मुंबई जाने के आदेश पुलिस को दिए गए। इसके बाद वे दोपहर में विमान से मुंबई में मोर्चा में शामिल होने के लिए निकले। राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार होने से राज्य के मंत्री को मुंबई में आने से रोकने की यह पहली घटना है।
मैं सीएम होता तो बच्चू कडू से इस्तीफा ले लेता- आंबेडकर
वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन शुरू है। आंदोलन में शामिल होने के लिए राज्यमंत्री बच्चू कडू खुद बाइक से दिल्ली गए थे। मैं मुख्यमंत्री होता तो बच्चू कडू का इस्तीफा ले लेता। मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों को आंदोलन करने का अधिकार नहीं है। या तो मंत्री रहें या फिर आंदोलन करें। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार और भाजपा दोनों पर जमकर निशाना साधा। पत्र-परिषद में एड. आंबेडकर ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को समर्थन दिया है, यह सिर्फ दिखावा है। पंजाब सरकार की तरह महाराष्ट्र सरकार भी कानून क्यों नहीं बना रही है? अधिवेशन के दो दिन कांजूर मार्ग और कंगना पर बर्बाद हुए। किसानों के लिए समय नहीं दिया। आंबेडकर ने कहा कि, कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना का आरोप है कि भाजपा संविधान विरोधी व्यवहार कर रही है, लेकिन ये तीनों पार्टियां भी इसी तरह का बर्ताव कर रही हैं। आरएसएस, भाजपा पूरी तरह तानाशाह पद्धति से काम कर रही है। दिल्ली के आंदोलन से यह दिखाई दे रहा है। किसान ठंड में सिकुड़ रहा है, लेकिन सरकार निर्णय नहीं ले रही है। किसानों का हम अभिनंदन करते हैं और समर्थन देते हैं। आंबेडकर ने कहा कि इन तीन कानूनों से सरकारी खरीदी खत्म हो जाएगी। सरकार खरीदी नहीं करेगी। फिर फूड सिक्योरिटी का क्या होगा। फूड सिक्योरिटी देना नहीं है, यह सरकार की भूमिका है। सरकार अगर खरीदी नहीं करेगी तो नागरिकों को सब्सिडी का अनाज नहीं मिलेगा, इससे जीने का प्रश्न खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि वंचित बहुजन आघाड़ी के नाम से हम ग्राम पंचायत चुनाव लड़ेंगे।
Created On :   23 Dec 2020 5:12 PM IST