मंत्री बोले- अमरावती में लॉकडाउन की जरुरत नहीं, मुख्यमंत्री ने कहा - व्यापारियों के खिलाफ नहीं है सरकार

Minister said- No need for lockdown in Amravati, Chief Minister said - Government is not against businessmen
मंत्री बोले- अमरावती में लॉकडाउन की जरुरत नहीं, मुख्यमंत्री ने कहा - व्यापारियों के खिलाफ नहीं है सरकार
मंत्री बोले- अमरावती में लॉकडाउन की जरुरत नहीं, मुख्यमंत्री ने कहा - व्यापारियों के खिलाफ नहीं है सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर ने बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बताया कि अमरावती में लॉकडाउन लगाए जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि क्षेत्र में कोविड-19 के मामलों में कमी आ रही है। अमरावती जिले की पालकमंत्री ठाकुर ने कहा कि अमरावती संभाग और जिले में पिछले दो सप्ताह से रोजाना 213 से 300 के बीच नए मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे लॉकडाउन के बाद से नए मामलों की संख्या में गिरावट आई है। संक्रमण के मामले बढ़ने पर एक और लॉकडाउन लगाने का फैसला किया जा सकता है। मैं मुख्यमंत्री से मिली और उनके समक्ष अपनी बात रखी है। अमरावती में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी दर्ज किए जाने के बाद फरवरी और मार्च में लॉकडाउन लगाया गया था।

व्यापारियों के खिलाफ नहीं है सरकारः मुख्यमंत्री 

प्रदेश में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से लागू सख्त पाबंदियों को लेकर व्यापारियों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारी और व्यवसायियों के विरोध में नहीं है। कोरोना की बढ़ती महामारी धोखादायक होने के चलते भीड़ टालने के लिए पाबंदियां लगाई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाबंदियों को किसी के विरोध में लागू नहीं किया गया है। इसलिए व्यापारी कोरोना की लड़ाई में सहयोग करें। राज्य में लागू नई पाबंदियों को लेकर मंगलवार को व्यापारियों ने कड़ा विरोध किया था। इसके मद्देनजर बुधवार को मुख्यमंत्री ने विभिन्न व्यापारी संगठनों के पदाधिकारी और प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि राज्य की परिस्थिति काफी विचित्र है। कोरोना की यह लहर काफी बड़ी है। सरकार की किसी के रोजी-रोटी पर रोक लगाने की इच्छा नहीं थी लेकिन कोरोना के मरीज ऐसे ही बढ़ते रहे तो स्वास्थ्य सुविधाएं कम पड़ सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य दुकानों को बंद रखना नहीं बल्कि भीड़ को टालना है। व्यापारियों की ओर से दी गए जानकारी के अनुसार मुंबई में कामगारों की संख्या लाखों में हैं। कामगारों के आवाजाही और संपर्क से महामारी के प्रसार होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पाबंदियों को शिथिल करने के लिए व्यापारियों के सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी। लेकिन व्यापारियों को कामगारों और मजदूरों को अपने परिवार का सदस्य समझकर कोरोना जांच करवाना होगा। व्यापारियों को कामगारों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। 

12 लाख पहुंच सकती है मरीजों की संख्या- व्यास

बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने कहा कि केंद्र सरकार के अनुमान के मुताबिक राज्य में अप्रैल के आखिर तक कोरोना मरीजों की संख्या 12 लाख तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि फरवरी के मुकाबले राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। फिलहाल कोरोना के चार लाख मरीज इलाजरत हैं। पिछले साल सितंबर 2020 की तुलना में कई गुना मरीज बढ़े हैं। 
 

सरकार बीच का रास्ता निकालें- फडणवीस 

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार ने जिस तरीके से लॉकडाउन लागू किया है इससे व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों में बड़े पैमाने पर असंतोष है। मुझसे 17 व्यापारी संगठनों ने मुलाकात की। व्यापारियों का मनाना है कि उनके जीवन यापन का रास्ता बंद हो गया है। इसलिए सरकार को व्यापारियों से चर्चा बीच का रास्ता निकालना चाहिए। यदि सरकार ने व्यापारियों को राहत नहीं दी तो लोगों के गुस्से का विस्फोट हो सकता है। जबकि प्रदेश भाजपा के प्रवक्त केशव उपाध्ये ने कहा कि सरकार ने पहले नहीं कहा था कि दुकाने बंद कर पूरी तरह से लॉकडाउन लगा देंगे।  

व्यापारी करेंगे विरोध प्रदर्शन

भाजपा के वरिष्ठ  नेता राज पुरोहित ने बताया कि, सरकार ने धारा 144 लगाई है, लेकिन पाबंदियां लॉकडाउन की तरह लागू है। कारोबारियों का कहना है कि सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है। सरकार को चाहिए था कि सुबह 8-9 बजे से लेकर रात 7-8 बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति देती। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य करती। पालन नहीं करने वालों पर भारी जुर्माना वसूली करती, लेकिन कारोबारियों के पेट पर लात मारना सरकार को आसान लगा। गुरुवार की राज्यभर में दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक दुकानदार अपनी दुकान के साथ काली पट्टी बांधकर शंखनाद, घंटानाद करेंगे। पुरोहित ने दावा किया कि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने व्यापारियों को पूरा समर्थन देने का वादा किया है। साथ ही नागपुर में वे खुद भी विरोध में शामिल होने वाले हैं। इस बीच होटल व्यवसायियों के संगठन ने कहा है कि 8 अप्रैल को दोपहर 12.30 बजे होटल-रेस्टोरेंट के सामने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 


 

Created On :   7 April 2021 10:16 PM IST

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