नाबालिग ने मां के साथ रहने से किया इंकार तो अदालत ने दिया चिल्ड्रेन होम में रखना निर्देश 

Minor refused to live with the mother
नाबालिग ने मां के साथ रहने से किया इंकार तो अदालत ने दिया चिल्ड्रेन होम में रखना निर्देश 
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका  नाबालिग ने मां के साथ रहने से किया इंकार तो अदालत ने दिया चिल्ड्रेन होम में रखना निर्देश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुष्कर्म का शिकार नाबालिग पीड़िता ने जब मां के साथ रहने से मना कर दिया तो बांबे हाईकोर्ट ने पुलिस को उसे उल्हासनगर में लड़कियों के लिए बनाए गए सरकारी विशेष चिल्ड्रिन होम में रखने का निर्देश दिया। बेटी को कोर्ट में हाजिर करने की मांग को लेकर मां ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हेबियस कार्पस) याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस याचिका को लेकर संबंधित पुलिस उपायुक्त को हलफनामा दायर करने को कहा था। 

न्यायमूर्ति पीडी नाईक व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की अवकाश पीठ के सामने मां की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि नाबालिग लड़की का पता लगा लिया गया है। लड़की का अपरहरण किया गया था। पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म व पाक्सो कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पीड़िता की प्रारंभिक मेडिकल जांच की जा चुकी है और आरोपी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बीच खंडपीठ ने 18 साल से कम आयु कि पीड़िता से बातचीत की। इस दौरान पीड़िता ने मां पर प्रताड़ित व परेशान करने का आरोप लगाया और कहा कि वह मां के साथ नहीं रहना चाहती।

इस पर खंडपीठ ने मामले की जांच से जुड़े दस्तावेज व पुलिस उपायुक्त के हलफनामे पर गौर करने के बाद पुलिस को पीड़िता को उल्हासनगर में लड़कियों के लिए बनाए गए विशेष चिल्ड्रन होम में अगले आदेश तक रखने की अनुमति प्रदान कर दी। इसके साथ ही पीड़िता को जांच के लिए महिला डाक्टर के पास ले जाने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने पुलिस को अगली सुनवाई के दौरान मामले को लेकर आगे की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई 14 जून को रखी है। 

Created On :   27 May 2022 4:08 PM IST

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