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विदर्भ में मिला जुला और महाराष्ट्र में बेअसर, कुछ जगहों पर प्रदर्शन तक सीमित रहा किसान आंदोलन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान समिति द्वारा आयोजित भारत बंद मुंबई में बेअसर रहा जबकि राज्य के दूसरे हिस्सों में भी यह विरोध प्रदर्शन तक सीमित रहा। किसानों के 40 संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने बंद का समर्थन किया था। राज्य में कांग्रेस और राकांपा भी बंद के समर्थन में थीं लेकिन शिवसेना ने इससे दूरी बनाए रखी और मन से समर्थन देने की बात कही। बंद के दौरान देश की आर्थिक राजधानी में सब कुछ सामान्य रहा। सड़क यातायात, लोकल ट्रेने सामान्य रूप से चलीं, दुकानें, कार्यालय, वित्तीय संस्थानों में भी खुले रहें। मुंबई के सायन इलाके में राकांपा नेता और राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक की अगुआई में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सायन सर्कल की दुकानें बंद रखीं गईं लेकिन प्रदर्शन खत्म होते हीं दुकाने फिर खुल गईं। मुंबई के कुछ इलाकों में राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों से जुड़े लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। मीडिया से बातचीत में मलिक ने कहा कि राकांपा जनजीवन ठप कर लोगों के लिए परेशानी नहीं खड़ा करना चाहती। हमारा प्रदर्शन सिर्फ प्रतीकात्मक है। केंद्र सरकार किसानों की इच्छाओं को कुचल नहीं सकती। लोकतंत्र में हर फैसले को बदला जा सकता है ये कानून भी वापस लिए जा सकते हैं। सरकार किसानों से बातचीत किए बिना कानून नहीं बना सकती। इस तरह कानून बनाना तानाशाही की ओर इशारा कर रहा है और हम इसी का विरोध कर रहे हैं।
हम मन से किसानों के साथ हैः राऊत
किसानों के भारत बंद से खुद को अलग रखने वाली शिवसेना के प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि देश के किसान एक साल से सड़कों पर हैं और लाठियां और गोलियां खा रहे हैं। केंद्र सरकार की नीतियों और कोरोना के चलते उद्योग बंद हैं और बेरोजगार लोग घर पर ही बैठे हैं। ऐसे में पहले से ही सब बंद हैं। हम भी मन से किसानों के बंद के साथ हैं। महानगर के अंधेरी और जोगेश्वरी इलाकों में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए कानून वापस लेने की मांग की। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी चैतन्य एस ने बताया कि मुंबई में बंद शांतिपूर्ण रहा और इस दौरान कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई।
भारत बंद नागपुर में बेअसर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
केंद्र सरकार के विरोध में भारत बंद आंदोलन शहर में बेअसर रहा। व्यवसाय क्षेत्र व अन्य संस्थाएं खुली रहीं। हालांकि कांग्रेस व अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं नेे सड़कों व चौराहों पर केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया, नारेबाजी की। कांग्रेस ने देश व्यापी बंद का आह्वान किया था। शहर में बंद के लिए शहर कांग्रेस ने प्रदर्शन कार्य का नियोजन किया था। कांग्रेस ने केेंद्र सरकार की नीतियों की अालोचना करते हुए कहा है कि इस सरकार के रहते सामान्य नागरिक का जीना मुश्किल हो रहा है। केंद्र सरकार व भाजपा किसान विरोधी है। कृषि सुधार संबंधी तीन विधेयकों के विरोध में दिल्ली में लंबे समय से किसान आंदोलन चल रहा है। केंद्र सरकार उस आंदोलन की सुध तक नहीं ले रही है। पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने से आर्थिक संकट भी गहराता जा रहा है। जीवनावश्यक वस्तुओं की कृत्रिम महंगाई बढ़ी है। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे के नेतृत्व में शहर में सभी विधानसभा क्षेत्र स्तर पर प्रदर्शन किया गया।
नागपुर के इन स्थानों पर हुआ प्रमुख प्रदर्शन
दक्षिण नागपुर में प्रदर्शन का नेतृत्व गिरीश पांडव ने किया। संजय महाकालकर गजराज हटेवार, किशोर गीद, मनोहर तांबुलकर, दिनेश तराले, विश्वेश्वर अहिरकर, वीन बेलगे प्रमुखता से शामिल थे। दक्षिण पश्चिम नागपुर में प्रदर्शन का नेतृत्व ब्लाक अध्यक्ष पंकज थोरात ने किया। पंकज निघोट, रजत देशमुख कुमार बोरकुटे, नंदा देशमुख, प्रशांत ढाकणे, सुनीता जिचकार शामिल थे। मध्य नागपुर में अब्दुल शकील ने नेतृत्व किया। गोपाल पट्टम, मोतीराम मोहाड़ीकर, महेश श्रीवास, हैदरअली दोसानी, राजेश कुंभलकर, अभय रणदिवे, नईम शेख, अशोक निखाड़े, तौषिक शेख, सदानंद सपाटे, नंदा पराते, नफीजा सिराज, संतोष गोटाफोटे, उबेद रजा शामिल थे। पूर्व नागपुर में अभिजीत वंजारी के नेृत्तव में राजेश पौनीकर, युवराज वैद्य, ज्ञानेश्वर ठाकरे, ईरशाद अली, निर्मला बोरकर, मनीष उमरेडकर, राजेश खानोरकर, मिलिंद दुपारे, राकेश कनोजे, मुजीब वारसी शामिल थे। पश्चिम नागपुर में प्रदर्शन में देवेंद्र रोटेले, प्रकाश राव, राजकुमार कमनानी, प्रमोद ठाकुर, सरस्वती सलामे, अनीषा शेख, करुणा घरडे, रवि जागड़े, राजेंद्र चौधरी शामिल थे। उत्तर नागपुर में ईरशाद मलिक सुनीता ढोले, सूरज आवले, विवेक निकोसे, स्नेहा निकोसे, बाबी दहीवले सहित अन्य कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल हुए।
विदर्भ के जिलों में मिलाजुला असर
भारत बंद की घोषणा की गई थी, जिसका जिलों में मिलाजुला असर रहा। विविध किसान संगठन व राजनीतिक दलों ने प्रदर्शन किया। अमरावती में आंदोलन में किसान संघर्ष समन्वय समिति के साथ ही विविध संगठनों ने भारत बंद में हिस्सा लिया है। विविध तहसीलों में राजनीतिक व किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया। वर्धा शहर समेत जिलेभर में भारत बंद बेअसर दिखाई दिया। यवतमाल जिले में आंदोलन का असर मिलाजुला रहा। आंदोलन के दौरान कांग्रेस के नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा कि कृषि कानूनों को लागू कर किसानों को खत्म करने का प्रयास केंद्र सरकार कर रही है। किसानों से बेहद कम दाम में उपज लेकर कुछ माह गोदाम में रखकर ज्यादा दाम में बेचा जानेवाला है। भारत बंद में चंद्रपुर, गड़चिरोली, गोंदिया और भंडारा में मिलाजुला असर दिखाई दिया।
Created On :   27 Sept 2021 8:17 PM IST