मोदी कैबिनेट के अहम फैसले: कर्मयोगी योजना को मंजूरी, जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल भी पास
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया, मोदी सरकार ने कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी है और जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल भी पास किया गया है। कर्मयोगी योजना के भर्ती के बाद सिविल सेवकों के स्किल्स को बढ़ाया जाएगा।
Mission Karmayogi aims to prepare Indian Civil Servants for future by making them more creative, constructive, imaginative, innovative, proactive, professional, progressive, energetic, enabling, transparent and technology-enabled: Govt of India https://t.co/gKte91bVg4
— ANI (@ANI) September 2, 2020
सरकार के मुताबिक, कर्मयोगी योजना के तहत सिविल सेवकों को नई तकनीक, उनकी क्षमता पर ध्यान देने की कोशिश की जाएगी। सिविल सेवकों का व्यक्तिगत से लेकर संस्थागत तौर पर विकास किया जाएगा। मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवकों को भविष्य के लिए और अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करना है।
कर्मयोगी योजना की जानकारी देते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली ने बताया, इस मिशन के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक एचआर काउंसिल (HR Council) का गठन किया जाएगा, जिसका काम पूरे मिशन के तहत नियुक्ति पर निर्णय लेना होगा। इस योजना के लिए बड़े स्तर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी बनाया जाएगा।
Mission Karmayogi: The institutional structure of NPCSCB#CivilService4NewIndia #CabinetDecisions pic.twitter.com/JoE3Pg812X
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) September 2, 2020
सचिव सी. चंद्रमौली कहा, एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और इनोवेटिव, सक्रिय और विनम्र, प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, रचनात्मक और सृजनात्मक होना चाहिए। मिशन कर्मयोगी सिविल सेवक की न केवल व्यक्तिगत कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस करेगा बल्कि इंस्टिट्युशनल कैपेसिटी बिल्डिंग और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है।
Capacity Building Commission will be set up which will harmonise training standards, create shared faculty resources will have a supervisory role over all training institutions so that there"s common understanding of India"s aspirations development goals: C Chandramouli
— ANI (@ANI) September 2, 2020
जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक 2020
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक 2020 लाने का फैसला लिया गया है। इसमें उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिन्दी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषा रहेंगी। जम्मू और कश्मीर में डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करने की लंबे समय से मांग की जा रही थी। साथ ही इस फैसले में 5 अगस्त, 2019 के बाद समानता की भावना को भी ध्यान में रखा गया है। केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया कि, तीन महत्वपूर्ण समझौते भी हुए हैं। पहला जापान के साथ वस्त्र मंत्रालय का, खनन मंत्रालय का फिनलैंड के साथ और नवीन ऊर्जा मंत्रालय का डेनमार्क के साथ।
Created On :   2 Sep 2020 9:38 AM GMT