मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर 46 महीनों में खर्च किए 4343.26 करोड़ रुपए 

मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर 46 महीनों में खर्च किए 4343.26 करोड़ रुपए 
मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर 46 महीनों में खर्च किए 4343.26 करोड़ रुपए 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले 46 महीनों में विज्ञापनों पर 4343.26 करोड़ खर्च किया है। इसमें प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और बाह्य मीडिया को दिए गए विज्ञापनों के खर्च शामिल हैं। आरटीआई से मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने प्रधानमंत्री कार्यालय से केंद्र में भाजपा सरकार के गठन के बाद अब तक विभिन्न विज्ञापनों पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। गलगली को केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आऊटरिच एंड कम्यूनिकेशन विभाग के वित्तीय सलाहकार तपन सूत्रधर ने इस बारे ने जानकारी दी है। 

आरटीआई से मिली जानकारी 
इसके अनुसार केंद्र सरकार ने 1 जून 2014 से 31 मार्च 2015 के बीच विज्ञापनों के लिए प्रिंट मीडिया पर 424.85 करोड़ और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 448.97 करोड़ और बाह्य मीडिया (पोस्टर, बैनर इत्यादी) पर 79.72 करोड़ रुपए खर्च किया। आर्थिक वर्ष 2015-16 में प्रिंट मीडिया को 510.69 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 541.99 करोड़ और बाह्य मीडिया को 118.43 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए गए हैं। जबकि साल 2016-17 में प्रिंट मीडिया को 463.38 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 613.78 करोड़ और बाह्य मीडिया पर 185.99 करोड़ रुपए विज्ञापनों के लिए खर्च किए गए। वहीं साल 2017-18 में 1 अप्रैल से 7 दिसंबर 2017 के बीच प्रिंट मीडिया पर 333.23 करोड़ खर्च किया गया। 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 के बीच इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 475.13 करोड़ खर्च हुए। 1 अप्रैल 2017 से 31 जनवरी 2018 तक बाह्य मीडिया पर  147.10 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।  

पिछले साल की तुलना में कम खर्च 
विज्ञापनों पर होने वाले खर्च को लेकर आलोचना होने के बाद मोदी सरकार ने पिछले साल की तुलना में साल 2017-18 में 25 प्रतिशत कम खर्च किया है। साल 2016-17 में विज्ञापनों पर कुल 1263.15 करोड़ खर्च करने वाली सरकार ने वर्ष 2017-218 में 955.46 करोड़ खर्च किया है। विज्ञापनों पर इस आर्थिक वर्ष में 308 करोड़ कम खर्च किया गया है। इस पर गलगली ने कहा कि जनहित से जुड़े विज्ञापनों पर खर्च करना अपेक्षित है लेकिन कभी-कभी सरकार विज्ञापनों पर अनावश्यक खर्च करती है। इससे जनता के पैसों की बर्बादी होती है। इसलिए विज्ञापनों पर हुए सभी खर्च की जानकारी सरकार को वेबसाइट पर जारी करना चाहिए।  

Created On :   14 May 2018 1:03 PM GMT

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