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मोखा का कबूलनामा कर्मचारियों से नष्ट कराए थे इंजेक्शन - 200 नकली इंजेक्शन लगाए जाने की बात भी स्वीकारी
रेमडेसिविर मामला , हरकरण को आज पेश किया जाएगा कोर्ट में
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाने के मामले में आरोपी बनाए गए सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा से एसआईटी ने घंटों पूछताछ की। इस दौरान पहले तो मोखा इंजेक्शन नकली होने की जानकारी देने में आनाकानी करता रहा बाद में उसने कबूल किया कि अस्पताल की साख बचाने के लिए यह सच जानबूझकर छिपा लिया था और बचे हुए इंजेक्शन नष्ट करवाए थे। वहीं इस मामले में मोखा व उसके बेटे को एक साथ बैठाकर भी पूछताछ कर दोनों के बयानों की पुष्टि कराई गई। इस मामले में पुलिस आज हरकरण की रिमांड पूरी होने पर उसे कोर्ट में पेश करेगी।
सूत्रों के अनुुसार नकली इंजेक्शन मामले में बुधवार को रिमांड पर लिए गए मोखा ने पहले तो एसआईटी को गुमराह किया लेकिन सख्ती बरते जाने पर उसने पूरा सच उगल दिया। उसने कबूला कि गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री पकड़े जाने की जानकारी जैसे ही उसे लगी तो उसने बचे हुए इंजेक्शन नष्ट करने के लिए अस्पताल मैनेजर सोनिया खत्री शुक्ला और पत्नी जसमीत का सहारा लिया और फिर कर्मचारियों की मदद से इंजेक्शन नष्ट कराए। मोखा ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को करीब 200 नकली इंजेक्शन लगाए जाने व बाकी नष्ट करना बताया है। वहीं पिता-पुत्र को आमने-सामने बैठाकर की गई पूछताछ में उन्होंने नकली आईडी का उपयोग करना कबूल किया है। ज्ञात हो कि मोखा के बेटे को पुलिस ने तीन दिन की रिमांड पर लिया था और आज शुक्रवार को उसकी रिमांड अवधि पूरी होने पर उसे कोर्ट मेंं पेश किया जाएगा।
हरकरण के साथियों से जल्द होगी पूछताछ
सूत्रों के अनुसार हरकरण से हुई पूछताछ में उसके कुछ साथियों के नाम उजागर हुए थे। इनमें संजू खत्री व बाबी मनचंदा से पूछताछ करने के लिए एसआईटी दोनों को नोटिस जारी करेगी और जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी। ज्ञात हो कि इनमें से किसी एक को हरकरण द्वारा 4 नकली रेमडेसिविर दिए जाने की जानकारी दी गई थी।
सपन को नहीं दी गई पेमेंट
पूछताछ में मोखा ने बताया कि अस्पताल में कार्यरत देवेश चौरसिया ने उसे दवा सप्लायर सपन जैन से मिलवाया था। उसके बाद सपन की कंपनी भगवती फार्मा से करीब 8 माह से सिटी अस्पताल में दवाएँ व मरीजों से जुड़ी अन्य सामग्री बुलाई जा रही थी। इसी दौरान रेमडेसिविर की किल्लत होने पर सपन के माध्यम से गुजरात की कंपनी से रेमडेसिविर इंजेक्शन बुलाए गये थे इसका भुगतान उसने नहीं किया था, बल्कि 15 लाख रुपये सपन के द्वारा रीवा निवासी सुनील मिश्रा को दिए गये थे।
अस्पताल से गायब हुआ मोबाइल
सूत्रों के अनुसार मोखा से उसके मोबाइल के संबंध में पूछे जाने पर उसने मोबाइल अस्पताल में गुम होना बताया है। इसके बाद एसआईटी अब अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे खंगाल कर मोबाइल का पता लगाने में जुटी है। जाँच टीम की मानें तो मोखा के मोबाइल में नकली इंजेक्शन से जुड़े सारे राज छिपे हैं और मोबाइल बरामद होने पर इस बात का पता चल सकेगा कि इस काम में उसके साथ कौन-कौन जुड़ा है।
अभी नहीं दर्ज हुए साथियों के बयान माँगी जानकारी
जानकारों का कहना है कि इस मामले में सपन के बयान महत्वपूर्ण होंगे और जल्द ही उसे इंदौर से जबलपुर लाया जाएगा। वहीं सपन व देवेश चौरसिया के बीच क्या करार था। वहीं बैंक को एक पत्र लिखकर देवेश द्वारा एक साल में किए गये ट्रांजेक्शन की जानकारी माँगी गई है।
सूत्रों के अनुसार मोखा के बेटे हरकरण से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ था कि उसने अपने किसी साथी को 4 इंजेक्शन दिए थे।
इनका कहना है
नकली रेमडेसिविर मामले में दस्तावेज बरामद करने साक्ष्य जुटाने के लिए मोखा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं इस मामले में कुछ अन्य नाम सामने आए हैं जल्द ही उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
-सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी
Created On :   28 May 2021 2:05 PM IST