बीते साल कम मेहरबान था मानसून

Monsoon was less kind last year
बीते साल कम मेहरबान था मानसून
इस साल फिर आसमान पर सबकी नजर बीते साल कम मेहरबान था मानसून


डिजिटल डेस्क जबलपुर। बीते कुछ सालों में यदि वर्ष 2019 को छोड़ िदया जाए तो बारिश अपने औसत के करीब भी नहीं पहुँच रही है। मानसून हर साल आता तो अच्छे संकेतों के साथ है लेकिन बारिश का कोटा पूरा नहीं हो पा रहा है। बीते साल 2021 में पूरे मानसून सीजन में केवल 25 इंच बरसात दर्ज हुई। वैसे पिछले कुछ सालों से हर साल मानसून पड़ोसी जिलों में तो फिर भी मेहरबान रहता है लेकिन यहाँ पर बादल छाने के बाद भी उम्मीद के अनुरूप बारिश नहीं हो पाती है। जुलाई माह में जब बारिश ज्यादा होने की संभावना होती है उसी समय बादल निराश कर लौट जाते हैं। मौसम वैज्ञानिक देवेन्द्र तिवारी कहते हैं कि इस बार मानसून समय पर सक्रिय हुआ है और अभी जून के माह में औसत के करीब बरसात आसपास के जिलों में हो चुकी है। आगे अरब सागर, बंगाल की खाड़ी में जो सिस्टम बना है उसमें पूर्वी मध्य प्रदेश के जिलों में 3 से 4 दिनों तक अच्छी बारिश की आस है।
मानसून ब्रेक के बीच उमस -
मानसून ब्रेक के बीच उमस भरी गर्मी अभी ज्यादा है। रविवार को दिन में तीखी धूप के साथ उमस भरी गर्मी रही। शाम के वक्त हालांकि बरसात हुई लेकिन दिन में बादलों के साथ गर्मी ने बेचैन िकया। अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री दर्ज िकया गया, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 24.9 डिग्री दर्ज िकया गया। अगले 24 घंटों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है।
बीते सालों में बारिश -
2017-37
2018-41
2019-63
2020-42
2021-25
2022 में अब तक - 6.8
सभी बारिश के आँकड़े इंच में )
किस माह कितने इंच पानी गिरता है -
जून माह में - 7 से 8
जुलाई - 18 से 20
अगस्त - 17 से 18
सितंबर- लगभग 8 इंच
औसत बारिश इतनी -
एक्सपर्ट के अनुसार शहर में औसत बारिश 52 से 55 इंच तक होती है। इसमें कभी आँकड़ा इस औसत तक पहुँचता है तो कभी औसत से नीचे तक रहता है। वैसे 1971 से 2020 तक औसत रूप से बारिश 49 इंच के करीब दर्ज हुई है। किसी साल ज्यादा बारिश होती है तो कभी यह स्थिति बनती है िक सूखे जैसे हालात पैदा हो जाते हैं।

 

Created On :   26 Jun 2022 11:05 PM IST

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