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जिला अस्पताल में क्षमता से ज्यादा बच्चे भर्ती, मेडिकल का आईसीयू भी फुल, आ रहे स्क्रब टाइफस के मामले
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। इससे न सिर्फ परिजन बल्कि डॉक्टर भी चिंतित हैं। आलम यह है कि पिछले कुछ दिनों में ही बच्चे तेजी से मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। जिला अस्पताल विक्टोरिया की ओपीडी में गत 10 दिनों में ही आने वाले बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है। यही हाल मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों के भी हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि मौसम में लगातार बदलाव इसके पीछे का अहम कारण है। चिकित्सकों के अनुसार जो बच्चे बीमार पड़ रहे हैं उनमें सबसे ज्यादा वायरल फीवर और प्लू के मामले हैं। बड़ी संख्या में बच्चे भी डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा पीलिया, सर्दी, खाँसी, उल्टी, दस्त, साँस लेने में तकलीफ जैसे मामले भी देखे जा रहे हैं। 6 माह से 14 वर्ष की उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
लापरवाही से लीवर, किडनी और ब्रेन पर असर
मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अव्यक्त अग्रवाल का कहना है कि बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। कई बार बुखार उतर जाने के बाद भी बच्चा पहले की तरह एक्टिव नहीं दिखता, इस बात पर ध्यान देना चाहिए। इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले बच्चों में बुखार का एक प्रकार "स्क्रब टाइफस" भी देखा जा रहा है, लापरवाही करने पर इसका असर लीवर, किडनी और ब्रेन पर भी पड़ता है। इसके अलावा कुछ बच्चों में डेंगू के चलते हार्ट पर भी प्रभाव देखा गया है।
बढ़ रहे डेंगू के मरीज
सरकारी रिकॉर्ड में डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 105 के आस-पास पहुँच रही है। इनमें से करीब आधे बच्चे हैं। हालाँकि सूत्रों का कहना है कि शहर में डेंगू पीडि़तों की संख्या सैकड़ों में हैं, जो कई निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लार्वा विनष्टीकरण और सर्वे के लिए मलेरिया विभाग की विभिन्न टीमें सक्रिय हैं।
Created On :   20 Aug 2021 3:17 PM IST