विदर्भ को दी दो हजार करोड़ की ज्यादा निधि, विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए

More funds of two thousand crores given to Vidarbha
विदर्भ को दी दो हजार करोड़ की ज्यादा निधि, विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए
अजित पवार का दावा विदर्भ को दी दो हजार करोड़ की ज्यादा निधि, विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार ने विदर्भ मराठवाडा को कम निधि देने के विपक्ष के आरोपों को गलत बताया है। बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को विधानसभा में पवार ने कहा कि हमें यह कहकर बदनाम किया जा रहा है कि हमने विदर्भ मराठवाडा वैधानिक महामंडल बंद कर दिया लेकिन विदर्भ को वार्षिक योजना से 26.04 फीसदी निधि दी गई जिससे विकास को गति दी जा सके। यह पैसा राज्यपाल के निधि आवंटन सूत्र के 23.03 फीसदी से तीन फीसदी ज्यादा है। इससे विदर्भ को दो हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त निधि मिली है। जहां तक मराठवाडा की बात है तो उसे राज्यपाल के फार्मूले के 18.75 के मुकाबले 18.66 फीसदी की रकम मिली है जो सिर्फ 0.11 फीसदी कम है। सरकार के फार्मूले के मुताबिक बाकी महाराष्ट्र को 58.23 फीसदी रकम मिलनी चाहिए थी जबकि उसके हिस्से 55.29 फीसदी निधि आई है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से विदर्भ में अधिवेशन नहीं हो पाया लेकिन आने वाले दिनों में वहां अधिवेशन होंगे। अजित पवार ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार पूरे राज्य के विकास के लिए काम कर रही है और किसी विभाग को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है। वित्तमंत्री ने कहा कि विपक्ष का आरोप है कि केंद्र की योजनाएं बजट में शामिल की गई हैं, लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि वे जानबूझकर इस तरह की बात कर रहे हैं या उनकी जानकारी में कमी है, इसलिए वे बजट पर इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।

निधि बढ़ी तो विधायकों ने मांगी गाड़ी

वित्त मंत्री ने सभी विधायकों की विकास निधि को 4 करोड़ से बढ़ाकर5 करोड़ रुपए करने करने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने विधायकों के चालकों का वेतन भी 15 हजार से बढ़ाकर20 हजार और निजी सहायकों का वेतन 25 से बढाकर30 हजार रुपए करने की घोषणा की। वित्त मंत्री के विधायक निधि बढ़ाने की घोषणा करते ही सत्ताधारी पक्ष के विधायकों ने मांग की कि दादा अब गाड़ी चाहिए...। इसके उत्तर में अजित पवार ने कहा कि अभी हम इलेक्ट्रिक कार का इंतजार कर रहे हैं.. देखते हैं कि इसकी कीमत कितनी है, फिर इस पर फैसला करेंगे। 

मोदी करें द कश्मीर फाइल्स टैक्सफ्री

किसानों को दी जा रही राहत के चलते राज्य पर पड़ रहे आर्थिक बोढ़ का हवाला देते हुए अजित पवार ने "द कश्मीर फाईल" को टैक्स फ्री करने की विपक्ष की मांग खारिज दी। उन्होंने कहा कि मिशन मंगल, तानाजी, पानीपत जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री किया जा चुका है। पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "द कश्मीर फाईल" फिल्म का उल्लेख किया है, ऐसे में केंद्र सरकार को ही इस फिल्म को टैक्स फ्री करने का निर्णय लेना चाहिए, ताकि यह फिल्म जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक कर मुक्त हो जाएगी। वित्त मंत्री की इस टिप्पणी पर विपक्ष ने आपत्ति प्रकट की, लेकिन पीठासीन अध्यक्ष ने कहा कि अजित पवार का भाषण खत्म होने तक किसी को भी बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके विरोध में विपक्ष ने सदन से वाकआऊट किया। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से नारेबाजी की गई।  

ज्यादा थी मंजूरी लेकिन कम लिया कर्ज

उन्होंने कहा कि मुश्किल दौर से गुजरते हुए राज्य को कर्ज से बाहर लाने के लिए राजस्व घाटा कम करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही राज्य के नागरिकों पर कर्ज का बोझ न पड़े और राज्य की गाड़ी सुचारु रूप से चले, विकास बाधित न हो, यह प्रयास बजट में किए गए हैं। पिछले साल राज्य पर 65 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था, जो इस साल बढ़कर 90 हजार करोड़ रुपए हो गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड काल में केंद्र सरकार ने चार फीसदी तक कर्ज लेने की सुविधा प्रदान की थी। इसका अर्थ यह है कि हम 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए तक कर्ज ले सकते हैं, लेकिन हमने 90 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया। कोविड काल में केंद्र सरकार को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, उसने जीडीपी का साढ़े छह फीसदी का कर्ज लिया, लेकिन राज्य में केवल तीन फीसदी कर्ज लिया।कोरोना, बेमौसम बारिश, तूफान आने की वजह से राज्य को बार-बार कर्ज लेना पड़ा। प्राकृतिक संकट के लिए 14 हजार करोड़, किसानों को आधारभूत कीमत देने के लिए 7 हजार करोड़ और एसटी महामंडल को 2 हजार करोड़ देने के लिए कुल 23 हजार करोड़ रुपए आकस्मिक निधि से खर्च करने पड़े।

वेतन-पेंशन, कर्ज भुगतान पर भारी खर्च  

वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी सरकार ने समाज के सभी वर्ग को न्याय देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग की तरफ से वेतन, पेंशन और कर्ज के भुगतान पर 1 लाख 41 हजार 288 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। 

राजस्व में आठ फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान

उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्व संग्रह 3 लाख 68 हजार 986 करोड़ रुपए था। इस बार के बजट में 4 लाख 3 हजार 427 करोड़ रुपए की राजस्व वृद्धि का अनुमान है। साथ ही राजस्व में आठ फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। पिछले वर्ष राजस्व कर 2 लाख 85 हजार 533 रुपए था, जिसके इस साल 3 लाख 8 हजार 113 करोड़ रहने का अनुमान है। राज्य सरकार ने प्रयास किया है कि राजकोषीय घाटा, सकल आय की तुलना में तीन फीसदी से ज्यादा न हो। यह दर ढ़ाई फीसदी तक रहने का अनुमान है।

फडणवीस पर पलटवार

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस पर निशान साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बनाने की कोशिश करना ठीक है, लेकिन यह कहने से क्या होने वाला है कि कुछ खास लोगों को ज्यादा पैसे दिए गए। उन्होंने याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेयी की भी 21 दलों की सरकार थी। दरअसल फडणवीस ने अपने बजट भाषण में आरोप लगाया था कि राकांपा को कुल बजट का 57.37 फीसदी, कांग्रेस को 26.27 फीसदी और शिवसेना को मात्र 16.43 फीसदी रकम आवंटित हुई है।साथ ही अजित पवार ने कहा कि जिस मुदस्सर लांबे को वक्फ बोर्ड में चुने जाने पर फडणवीस सवाल उठा रहे हैं उनका चुनाव 31 अगस्त 2019 को हुआ था जब फजडवीस खुद मुख्यमंत्री थे। शिवसेना भी इस सरकार में थी लेकिन मुझे नहीं पता कि उसके पास कितने अधिकार थे।   

 

Created On :   16 March 2022 9:49 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story