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मासूम बच्ची की मौत से ज्यादा बेरहम व्यवस्था ने दु:खी किया -मजदूरी कर जमा की गई पूँजी इलाज में लगाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।चरगवाँ थाना क्षेत्र के समीपी ग्राम छपरा बिजौरी में सड़क हादसे में 6 साल की मासूम बच्ची अंशिका की मौत हो गई थी। यह हादसा एक श्रमिक परिवार की बच्ची के साथ हुआ और आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद माता-पिता ने बेटी का इलाज कराने हर संभव कोशिश की, लेकिन लापरवाह व्यवस्था के चलते उनकी बेटी की जान नहीं बचाई जा सकी। पूरा परिवार बेटी की मौत से ज्यादा बेरहम व्यवस्था से दु:खी है। बच्ची के पिता राम कुमार का कहना था कि सही तरीके से इलाज हो जाता, तो बच्ची की जान बच जाती।
ज्ञात हो कि ग्राम छपरा बिजौरी निवासी राम कुमार ठाकुर की बेटी 6 वर्षीय अंशिका पहली कक्षा में पढ़ती थी और वह 18 दिसम्बर की शाम को स्कूल से लौट रही थी। घर के पास रोड पार करते समय कार चालक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए उसे टक्कर मार दी थी। हादसे में बच्ची को सिर में गंभीर चोट आई थी और उसे इलाज के लिए मॉडल रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहाँ पर तीन दिनों तक बच्ची बेहोशी की हालत में पड़ी रही और उसका ऑपरेशन नहीं हो सका। इस बीच कार मालिक द्वारा इलाज का खर्च उठाने से इनकार किए जाने के बाद मजदूरी करने वाले बच्ची के माता-पिता ने अपनी खून-पसीने की मेहनत से जोड़ी गई पाई-पाई उसके इलाज में लगा दी, लेकिन बेटी का ऑपरेशन नहीं हो पाया और उसकी हालत बिगड़ती चली गई। उसके बाद उसे मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया था। हादसे के बाद इलाज के नाम पर पूरा परिवार प्रताडि़त होता रहा और 24 दिसम्बर को बच्ची की मौत हो गई थी।
1 पुलिस की भूमिका पर सवाल
पीडि़त परिजनों का कहना था कि एक्सीडेंट के बाद परिजन की सूचना पर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया और दो दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई। वहीं बच्ची की मौत होने के बाद पुलिस हरकत में आई और कार क्रमांक एमपी 49 सी 6264 को जब्त कर कार मालिक सुरेंद्र सिंह पटेल की गिरफ्तारी कर मामले की खानापूर्ति की गई।
ग्रामीणों ने जताया आक्रोश
छपरा बिजौरी के ग्रामीणों ने घटना को लेकर आक्रोश जताते हुए माँग की है कि राम कुमार और उसका पूरा परिवार मेहनत, मजदूरी करके जीवन-यापन करता है। हादसे के बाद इलाज के नाम पर उसकी जमा पूँजी लुट गई है। ऐसी स्थिति में शासन-प्रशासन को आगे आकर गरीब परिवार को आर्थिक मदद के साथ ही क्षतिपूर्ति राशि दिलानी चाहिए।
माता-पिता को नहीं थी खबर
मासूम बच्ची का एक्सीडेंट होने के बाद ग्रामीणों ने टक्कर मारने वाले कार चालक को रोककर बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल पहुँचाया था। इस हादसे से अनजान राम कुमार और उसकी पत्नी मजदूरी करने के लिए दूसरे गाँव गए थे। गाँव वालों ने उन्हें खोजकर सूचना दी और अस्पताल पहुँचाया था। बच्ची की जान नहीं बच पाने से पूरा गाँव सदमे में है।
Created On :   30 Dec 2019 1:10 PM IST