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म्यूकर माइकोसिस के मरीज अधिक, हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाएं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। म्यूकर माइकोसिस से पीड़ित मरीजों के इलाज में उपयोगी एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की भारी कमी है। इसी मुद्दे पर गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। न्या.सुनील शुक्रे व न्या.अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने कहा कि कोविड और म्यूकर माइकोसिस से जीतने के लिए संयुक्त प्रयासों की जरूरत है। हमारा रिस्पांस टाइम ऐसा होना चाहिए, जैसा किसी युद्ध के दौरान होता है। सुनवाई में न्यायालयीन मित्र एड. श्रीरंग भंडारकर ने कोर्ट को अवगत कराया कि शहर में म्यूकर माइकोसिस के मरीजों की तुलना में एम्फोटेरेसिन-बी की आपूर्ति बेहद कम है। जरूरत के 10 प्रतिशत इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे। हाईकोर्ट ने माना कि सिर्फ नागपुर या विदर्भ ही नहीं, पूरे प्रदेश में म्यूकर माइकोसिस के एक्टिव मरीजों के लिए बड़ी संख्या में एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत है। इसका उत्पादन केंद्र सरकार के हाथ में है और मौजूदा स्थिति में यह उत्पादन और वितरण बहुत कम है। केंद्र सरकार को इस इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाना होगा। साथ ही महाराष्ट्र में एक्टिव मरीजों की संख्या देखते हुए एम्फोटेरेसिन-बी का कोटा भी बढ़ाना होगा। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को एम्फोटेरेसिन-बी के उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे माल का आयात बढ़ाने के साथ ही इंजेक्शन का उत्पादन भी बढ़ाने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट के अनुसार, केंद्र यदि अधिक कच्चा माल आयात कर भी ले, तो एम्फोटेरेसिन-बी की कमी तब तक दूर नहीं हो सकती, जब तक उत्पादन करने वाली फार्मा कंपनियों की संख्या नहीं बढ़ेगी। ऐसे में हाईकोर्ट ने नागपुर और अमरावती के विभागीय आयुक्तों को उनके क्षेत्रों में स्थित फार्मा कंपनियों से संवाद स्थापित करके कोर्ट को रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पीले और सफेद फंगस की बीमारी से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। इसके लिए एसओपी में जरूरी बदलाव के भी आदेश दिए गए हैं। मामले में मध्यस्थी अर्जदार की ओर से एड. मीतिशा कोटेचा ने मुद्दा उठाया कि जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया गया Covid Nagpur.in पोर्टल नियमित अपडेट नहीं हो रहा है। हाईकोर्ट ने सभी अस्पतालों से इसे नियमित तौर पर अपने अपडेट भेजने के आदेश दिए हैं। मध्यस्थी अर्जदारों की ओर से एड.रुख्सार शेख, एड.श्वेता भुरभुरे व एड.दीपाली कर्नेवार ने पक्ष रखा।
बच्चों और युवाओं का टीकाकरण बढ़ाएं
तीसरी लहर में बच्चों और युवाओं के संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जरूरी प्रबंध करने के आदेश दिए हैं। मुख्य रूप से टीकाकरण बढ़ाने को कहा गया है। न्यायालयीन मित्र के अनुसार, पोस्ट कोविड बीमारियों में एमआईएस-सी और एमआईएस-एन बीमारी बढ़ रही है। ऐसे में इन बीमारियों को ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के दायरे में लाना चाहिए। इस पर भी राज्य सरकार को उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं।
अस्पताल सहयोग नहीं कर रहे : मनपा
मनपा की ओर से अधिवक्ता सुधीर पुराणिक ने कोर्ट को बताया कि शहर के निजी अस्पतालों के अनाप-शनाप बिलों के संबंध में लगातार मनपा को शिकायतें मिल रही हैं। इसकी जांच के लिए मनपा जब संबंधित अस्पताल से रिकॉर्ड मांगती है तो अस्पताल उन्हें सहयोग नहीं करते। आईएमए ने इस पर सफाई दी है कि मनपा द्वारा दिया गया नोटिस पीरियड बहुत कम होने के कारण अस्पताल पर्याप्त जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। वहीं विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन की ओर से एड.प्रदीप अरोरा ने ऐसी शिकायतों की सुनवाई अदालत में करने का पक्ष रखा है। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से अपने शपथ-पत्र प्रस्तुत करने को कहा है।
वर्धा में हो रहे उत्पादन का उपयोग कैसे होगा
उल्लेखनीय है कि वर्धा की फार्मा कंपनी द्वारा प्रतिदिन 4500 एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन का उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन इसके उपयोग पर नीति स्पष्ट नहीं है। हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि वर्धा में हो रहा उत्पादन केंद्र के कोटे में जाएगा या फिर इसका उपयोग केवल महाराष्ट्र तक सीमित होगा। अगली सुनवाई में इस पर शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं।
Created On :   28 May 2021 3:29 PM IST