25 से ज्यादा गैस सिलेंडर फटे, बेलतरोड़ी क्षेत्र के महाकाली नगर में लगी भीषण आग

More than 25 gas cylinders burst, huge fire broke out in Mahakali Nagar of Beltarodi area
25 से ज्यादा गैस सिलेंडर फटे, बेलतरोड़ी क्षेत्र के महाकाली नगर में लगी भीषण आग
आग का तांडव 25 से ज्यादा गैस सिलेंडर फटे, बेलतरोड़ी क्षेत्र के महाकाली नगर में लगी भीषण आग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बेलतरोड़ी क्षेत्र के महाकाली नगर में सोमवार की सुबह करीब 10.20 बजे आग लग गई, जिससे 92 झोपड़ियां जलकर खाक हो गईं। इस दौरान एक-एक कर करीब 25 गैस सिलेंडरों के ब्लास्ट होने से बस्ती में अफरा-तफरी मची रही। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। आग बस्ती के पूर्वी हिस्से से शुरू हुई। गैस सिलेंडरों के फटने, हवा, उच्च तापमान, लकड़ी, बांस, प्लास्टिक आदि के कारण आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया।  कुछ पक्के मकानों ने आग फैलने से रोकने में मदद की। घटना की जानकारी मिलने पर नागपुर जिले के पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत, विधायक टेकचंद सावरकर, जिलाधिकारी आर. विमला, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। डॉ. राऊत ने पीड़ितों को मदद का आश्वासन दिया। दमकल विभाग के अनुसार  7 वाटर टेंडर, दो वाटर बाउजर, दो वाटर लिफ्टिंग पंप यूनिट, मिहान से एक वाटर टेंडर और पुलिस विभाग के वज्र वाहन को सेवा में लगाया गया था। दमकल अधिकारी राजेंद्र उचके ने कहा कि क्षेत्र में अग्निशमन वाहनों के प्रवेश के लिए उचित सड़क नहीं थी। इलाके में एक नाबालिग लड़की के लापता होने की खबर फैली थी, लेकिन इस संबंध में किसी ने न तो पुलिस और न ही दमकल अधिकारियों से संपर्क किया। दमकल विभाग के 15 से अधिक वाहनों ने आग पर काबू पाया। एक दर्जन से अधिक एम्बुलेंस भी तैनात की गई थीं। झोपड़ी की जगह देने 2 से 3 लाख की वसूली : आग के बारे में पूछताछ करने के दौरान कोई अपने पड़ोसी झोपड़ी मालिक तक का नाम बताने से कतरा रहा था। कुछ लोग मिले, जिनमें गजानन भालेकर, तुलाराम परदेसी पटेल, मिथिलाबाई, बिहारी साहू, भुरु पटेल शामिल हैं। इन लोगों की मानें, तो उन्होंने झोपड़ी की जगह पाने के लिए मनहरण पटेल नामक किसी व्यक्ति को 2 से 3 लाख रुपए दिए हैं। तब उन्हें महाकाली नगर की इस बस्ती में रहने की जगह मिली, जिस पर वे झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रहते थे। आग ने उनके घर के गहने, कपड़े, अनाज, नकदी व अन्य जीवनोपयोगी वस्तुएं जलाकर खाक कर दी। पीड़ित मजदूर वर्ग के लोग हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार, झारखंड के निवासी शामिल हैं। 

कुछ लोगों ने की बदसलूकी

घटना को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। दमकल विभाग के अधिकारी उचके का कहना है कि कुछ आपराधिक छवि के लोग घटना के लिए कवरेज करने पहुंचे जहां मीडिया से बदसलूकी की, वहीं दमकल के काम में रुकावट डाल कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किए। घटना के बारे में तरह-तरह की चर्चा है। कोई बता रहा था कि आग श्रवण नामक व्यक्ति के घर के पीछे जल रहे कचरे से लगी, तो कोई बता रहा था कि आग एक झोपड़ी के अंदर से लगी, जिसमें गैस सिलेंडर ब्लास्ट हो गया और पूरी बस्ती में आग फैल गई। इस झोपड़ी में रहने वाले सुबह पूजापाठ करके अपने काम पर चले गए थे।  महाकाली नगर में लगी आग में 3 कारें जलकर खाक हो गईं। चर्चा है कि  बस्ती में कुछ लोग अवैध तरीके से गैस सिलेंडर की रिफिलिंग करते थे। हर झोपड़ी में 3 से ज्यादा सिलेंडर रखे गए थे। एक झोपड़ी में इतने सिलेंडर मिलना कई सवाल खड़े करता है। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने नाम  न छापने की शर्त पर बताया कि इस दिशा में पुलिस को जांच करनी चाहिए।  चर्चा यह भी है कि घटनास्थल की बस्ती शासकीय जमीन पर बसी हुई है।

आंखों में आंसू लिए देखते रहे खाक होते आशियाने

आग ने अशोक नगरी महाकाली नगर की पूरी बस्ती को चपेट में ले ली थी। एक के बाद एक गैस सिलेंडरों के धमाके हो रहे थे। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं हर कोई जान बचाने खुले मैदान की ओर भाग रहा था। कुछ युवक हिम्मत कर लोगों की जान बचाने आगे आए। सबसे पहले कुछ गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर  पहुंचाया गया। जिनकी झोपड़ियां आग में जल रही थीं, वे आंखों में आंसू लिए अपने आशियाने को जलते हुए देखते रहे, लेकिन कर कुछ नहीं पाए। कुल लोग कहते सुने गए कि गनीमत हुई अगर घटना रात में हुई होती, तो कई लोगों की जान चली जाती।

सब कुछ जलकर खाक हो गया

आग ने देखते ही देखते ही लोगों की मेहनत की कमाई को खाक कर दिया।  किसी ने अपनी मां की बीमारी के लिए पैसे रखे थे, तो कोई बच्चों की स्कूल के लिए फीस जमा कर रखा था। एक व्यक्ति ने गांव भेजने के लिए 55 हजार रुपए जमा करके रखा था। लोगों के तन पर जो कपड़े थे, वही बचे, बाकी सब कुछ जल कर खाक हो गया। बस्ती में 92 लोगों के घरों में आग लगी, जिससे करीब 375 से अधिक लोग प्रभावित हुए।  पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने परिसर में भेंट दी। उन्होंने पीड़ितों को प्रशासन की ओर से योग्य मदद करने का निर्देश दिया। 92 में से 77  झोपड़ियों को भारी नुकसान हुआ है।  उपविभागीय अधिकारी इंदिरा चौधरी ने घटनास्थल पर पुलिस के साथ कार्य में मदद की। जिलाधिकारी आर. विमला भी मौके पर पहुंचीं।

 

Created On :   10 May 2022 2:49 PM IST

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