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राशन की लिस्ट से कटेंगे 5 हजार से ज्यादा फर्जी नाम
प्रशासन की सख्ती -10 दिन में अभियान चलाकर नाम अलग करने के निर्देश
6 महीने से नहीं पहुँचे राशन दुकानों में, जिले में साढ़े 3 लाख से ज्यादा हितग्राही
डिजिटल डेस्क जबलपुर । गरीबों के हक का राशन कई लोग ऐसे हैं जो अभी भी डकार रहे हैं, दूसरी तरफ जो वाकई हकदार हैं उन्हें राशन नहीं मिल रहा है। हर दिन शिकायतें मिलने के बाद अब खाद्य विभाग को आदेश दिए गए हैं कि हर क्षेत्र से ऐसे लोगों की लिस्ट निकाली जाए जिनके फर्जी नाम जुड़े हैं। विभाग ने जब सूची निकाली तो लगभग 5 हजार नाम सामने आए हैं। अब इन नामों को अलग करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। अगले 10 दिन तक अभियान चलाकर राशन की लिस्ट से फर्जी नाम अलग करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले में साढ़े 3 लाख से ज्यादा हितग्राही हैं जिनके नाम से हर माह राशन जारी होता है। अब वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू हो रही है ऐसे में कहीं से भी राशन लिया जा सकेगा। ऐसी स्थिति में ये फर्जी नाम वाले भी हर माह राशन निकालते रहेंगे या उनके नाम से कोई और राशन लेता रहेगा। इसलिए खाद्य विभाग को आदेश दिए गए हैं कि हर हाल में फर्जी नाम अलग किए जाएँ ताकि जो वास्तविक गरीब हैं उन्हें लाभ मिल सके।
लॉकडाउन में भी राशन की नहीं पड़ी जरूरत
राशन वितरण की योजना गरीबों के लिए चलाई जा रही है। जिले में अभी 5 हजार ऐसे लोग मिले हैं जो कोरोना संक्रमण फैलने और लॉकडाउन लगने के बाद भी जिन्हें राशन की जरूरत नहीं पड़ी। इनमें भी ज्यादातर ऐसे हैं जो 6 महीने से राशन दुकान नहीं आए हैं। ऐसे लोगों के भी नाम काटे जाएँगे। राशन की लिस्ट से नाम कटने के बाद अगर कोई दस्तावेज पेश करेगा तो उसका नाम जोड़ भी दिया जाएगा। नाम काटने का काम एनआईसी द्वारा किया जाएगा।
जिले में 942 दुकानें 6 जिले में 942 राशन दुकानें हैं जिनमें से शहरी क्षेत्र में 445 तो ग्रामीण क्षेत्र में 497 दुकाने हैं। जिनमें 3 लाख 46 हजार से ज्यादा कार्डधारियों को हर माह राशन वितरित किया जाता है। शासन द्वारा कार्डधारी प्रति सदस्य को 3 किलो गेहूँ और 2 किलो चावल दिया जाता है। इसके अलावा अभी केन्द्र सरकार की तरफ से 5 किलो गेहूँ प्रति सदस्य के अनुसार मुफ्त बाँटा जा रहा है।
इनका कहना है
पिछले 6 महीने से जो राशन लेने नहीं आ रहे हैं ऐसे लोगों के ई-रजिस्टर से नाम निकाले गए हैं, इसके साथ ही बहुत से लोगों के आधार कार्ड भी जमा नहीं हैं मतलब ये फर्जी तरीके से नाम जुड़े हैं। जो भी नाम सामने आए हैं उनका सत्यापन कराया जाएगा और उसके बाद नाम अलग किए जाएँगे।
सुधीर दुबे, जिला आपूर्ति नियंत्रक
Created On :   2 July 2021 4:27 PM IST