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हर दिन आ रहे 500 से अधिक मालवाहक वाहन - कोरोना संक्रमण का खतरा
डिजिटल डेस्क कटनी । लॉक डाउन के दौरान लोगों को अत्यावश्यक सामग्री उपलब्ध कराने शासन ने सशर्त छूट दी है। इस सप्लाई चैन के जिले के लिए खतरा बनने की संभावना से शहरवासी ही नहीं वरन 30 दिन से जिले को ग्रीन जोन में रखे वॉरियर भी डरे हुए हैं। अब हर किसी को यही भय सता रहा है कि कहीं यह जिला भी कोरोना की चैन से न जुड़ जाए। क्योंकि सबसे अधिक वाहन इंदौर शहर से आते हैं जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार को पार कर चुकी है। इंदौर से परचून, इलेक्ट्रिक आयटम, वाशिंग पाउडर, साबुन, नमक, खाद्य तेल, दवाईयों, मेडिकल उपकरण आदि की सप्लाई होती है जबकि कटनी से दाल, आटा, चावल सहित अन्य सामग्री दूसरे शहरों में जाती है। प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित इंदौर एवं जबलपुर में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के संक्रमित होने के मामले सामने आने से ऐसे वाहनों के कागजातों की जांच करने में पुलिस भी घबराती है। सामग्री की सतत आपूर्ति के लिए सप्लाई चैन को बनाए रखना भी जरुरी है लेकिन ऐहतियात बरतना भी उतना ही आवश्यक है। क्योंकि बाहर से आने वाले वाहनों के चालक एवं खलासी शहर में दिन भर तो रुकते हैं। इस दौरान वे लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले मजदूरों से भी मिलते हैं। पिछले दिनों ऐसे भी उदाहरण सामने आए जब बाहर से आने वाले वाहनों के ड्राइवर, खलासी शहर में बेफिक्र होकर घूमते देखे गए।
जांच के नाम पर औपचारिकता-
इंदौर, जबलपुर, महाराष्ट्र से आने वाले वाहनों की जांच पीरबाबा नाका में की जाती है। यहां वाहन चालकों की जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि स्वास्थ्य विभाग की टीम के पास सैनिटाईजर तक नहीं था। थर्मल स्कैनर खराब हो चुका है। साधारण थर्मा मीटर का आवश्यक होने पर उपयोग होता है। सीएमएचओ डॉ.एस.के.निगम स्वयं स्वीकारते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के पास दानदाताओं द्वारा दिया गया सैनिटाइजर ही है। उससे किसी तरह काम चलाया जा रहा है। शासन को 100 नॉन टच थर्मामीटर, 200 पल्स आक्सीमीटर की डिमांड भेजी है। स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध संसाधनों से ही जांच की स्थिति को समझा जा सकता है। वहीं पुलिस कर्मचारी भी दूर से ही कागजात देखकर वाहनों को आगे बढ़ाने में अपनी सुरक्षा समझते हैं।
करना होंगे सुरक्षा के उपाय-
जिला ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.एम.तिवारी ने कहा कि इंदौर से आने वाले वाहन वर्तमान में गंभीर चिंता का विषय है। कोरोना वायरस के संक्रमण मुम्बई के बाद इंदौर सबसे बड़ा हॉट स्पॉट है। यहां जांच की वैसी सुविधाएं भी नहीं है। इंदौर से यदि वाहनों की आवाजाही रोकना संभव नहीं है तो प्रशासन, ट्रांसपोर्टर एवं व्यापारियों को ऐसा सुरक्षित सिस्टम बनाना होगा ताकि सभी सुरक्षित रहें। श्री तिवारी के अनुसार बाहर से आने वाले वाहनों के स्टाफ को ठहरने के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराकर उन्हे लोडिंग-अनलोडिंग के समय तक क्वारेंटाइन करना चाहिए। इसके अलावा पीरबाबा से गोदाम तक वाहनों को स्थानीय के ड्राइवरों के माध्यम से गोदाम तक लाया जाए। इंदौर एवं अन्य शहरों से आने वालेे वाहनों के स्टाफ की मेडिकल जांच आवश्यक रूप से की जाना चाहिए।
इनका कहना है
इंदौर सहित अन्य राज्यों एवं शहरों से आने वाले वाहनों की चैकपोस्ट में जांच की जाती है। इंदौर हॉट स्पॉट बन चुका है, ऐसी स्थिति में वहां से आने वाले वाहनों के चालकों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया गया है। साथ ही चालकों को भी समझाइश दी जाती है कि वे शहर में कहीं घूमने नहीं निकलें। वैसे भी पुलिस द्वारा लॉक डाउन में सख्त निगरानी की जा रही है।
संदीप मिश्रा एएसपी
Created On :   25 April 2020 6:58 PM IST