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6 लाख से ज्यादा वाहनों ने नहीं भरा 17 करोड़ का ग्रीन टैक्स
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में आरटीओ के नियम तोड़ने वालों की कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी भरमार है, लेकिन सबसे ज्यादा नियमों को ठेंगा अमरावती व नागपुर के वाहनधारक दिखा रहे हैं। ग्रीन टैक्स के मामले में नागपुर जिले ने अमरावती के अलावा सभी जिलों को पीछे छोड़ते हुए 17 करोड़ 29 लाख रुपए का टैक्स बकाया है। जबकि दूसरे स्थान पर अमरावती जिला है, जहां 21 करोड़ से ज्यादा का टैक्स बकाया है। प्रादेशिक परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार नागपुर शहर, नागपुर पूर्व व नागपुर ग्रामीण में 6 लाख 98 हजार वाहनधारकों ने वाहनों को 15 साल पूरे होने के बाद भी न तो ग्रीन टैक्स भरा और न ही वाहनों काे सरेंडर किया है।
क्या है ग्रीन टैक्स
नियमानुसार किसी भी दोपहिया वाहन या चारपहिया वाहन को चलाने के लिए कंपनी 15 वर्ष की अवधि निर्धारित करती है। यानी बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए यह गाड़ियां चल सकती हैं। इसके बाद गाड़ियां शहर में चलाने लायक नहीं रहती हैं। ऐसे में या तो इन्हें आरटीओ से परमिशन लेकर भंगार किया जाता है या एक विशेष प्रक्रिया पास कर ग्रीन टैक्स अदाकर अगले 5 वर्ष के लिए वैलिड किया जाता है।
आंकड़ों पर एक नजर
अप्रैल 2022 के आंकड़ों के अनुसार राज्य में सबसे ज्यादा ग्रीन टैक्स नहीं भरने वाले वाहन अमरावती के साथ नागपुर जिले में हैं। नागपुर जिले की बात करें तो नागपुर शहर के 15 हजार से ज्यादा वाहन हैं, इसकी बकाया राशि 3 करोड़ 34 लाख है। वहीं नागपुर पूर्व में 17178 वाहन हैं, जिनके 4 करोड़ 16 लाख रुपए बकाया है। नागपुर ग्रामीण की बात करें तो 37642 वाहनों ने ग्रीन टैक्स नहीं भरा है, जिससे 9 करोड़ 79 लाख रुपए का टैक्स बकाया है। टैक्स नहीं चुकाने के मामले मे पहले नंबर पर अमरावती है, जिसमें 93261 वाहनों का 21 करोड़ 20 लाख का टैक्स बकाया है। इसी तरह चंद्रपुर में 11 करोड़ 57 लाख, गड़चिरोली में 5 करोड़ 18 लाख, वर्धा मे 3 करोड़ 27 लाख, वाशिम में 5 करोड 67 लाख, अकोला में 6 करोड़ 44 लाख रुपए का टैक्स बकाया है।
Created On :   5 May 2022 6:05 PM IST