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बेटे की मौत का गम सहन नहीं कर पाई माँ ने भी दम तोड़ा
डिजिटल डेस्क जबलपुर। घमापुर चौक के पास रहने वाले एक युवक की मौत की खबर सुनने के बाद उसकी माँ को भी इतना गहरा सदमा लगा कि उसने भी आखरी साँस ले ली। माँ-बेटे की मौत 24 घंटे के अंतराल में हुई। इन दोनों की मौत पर मोहल्ले वाले एवं रिश्तेदार भी दहशत में आ गए और यह शक प्रगट करने लगे कि कहीं कोरोना से तो उनकी मौत नहीं हुई है। इसके कारण जब कोई उन माँ-बेटे को हाथ लगाने तैयार नहीं हुआ तो पुलिस ने फिर मोक्ष संस्था की मदद से उनका अंितम संस्कार कराया। इस संबंध में जानकारी मिली है कि घमापुर चौक के पास रहने वाले 35 साल के मोनू जायसवाल को बीमार होने के कारण विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मोनू को फिट आते थे और काफी दिनों से उसका इलाज भी चल रहा था। मोनू अपनी माँ 65 वर्षीय मीना जायसवाल के साथ ही रहता था। उनके परिवार में माँ-बेटे के अतिरिक्त और कोई नहीं था। मोनू को इलाज के दौरान बचाया नहीं जा सका और उसकी मौत के बाद उसकी डेड बॉडी को मरचुरी में रखवा दिया गया था क्योंकि उसकी माँ भी विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती थी। मोनू की मौत की जानकारी उसकी माँ मीना को लगी तो उसकी तबियत घर में ही खराब हो गई। लोगों ने उसे विक्टोरिया अस्पताल पहुँचाया जहाँ 28 मई को उसकी मौत हो गई।
रिश्तेदारों व मोहल्ले वालों ने दूरी बनाई - माँ-बेटे की मौत की जानकारी मिलते ही पूरे मोहल्ले में यह अफवाह फैल गई कि कहीं उनकी मौत कोरोना से तो नहीं हुई जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी। इसके कारण अधिकांश रिश्तेदारों एवं मोहल्ले वालों ने इनकी मौत से दूरी बना ली।
कोरोना से संबंध नहीं - डॉक्टरों का कहना था कि इन दोनों की मौत का कोरोना से कोई सम्बंध नहीं है। इस मामले में मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर ने जानकारी दी है कि मृतक परिवार के दो रिश्तेदार ही उनके पास आये थे जिनकी उपस्थिति में चौहानी में सवेरे पुत्र मोनू का और शाम को माँ मीना का अंतिम संस्कार किया गया।
Created On :   30 May 2020 2:25 PM IST