शर्मनाक: इस मां ने पैदा होते ही चर्च के सामने छोड़ दिया मासूम को, एसएससीयू में मिला सहारा

mother left her son to let him die in front of church
शर्मनाक: इस मां ने पैदा होते ही चर्च के सामने छोड़ दिया मासूम को, एसएससीयू में मिला सहारा
शर्मनाक: इस मां ने पैदा होते ही चर्च के सामने छोड़ दिया मासूम को, एसएससीयू में मिला सहारा

डिजिटल डेस्क मंडला। जिसका कोई नहीं होता, उसका भगवान होता है,यह कहावत चरितार्थ हो रही है बीजाडांडी थाने के इस मामले में जहां भैंसवाही चर्च के सामने नवजात को निर्दयी मां मरने के लिए छोड़ गई। चर्च के फादर ने बीजाडांडी पुलिस के सुपुर्द किया। जहां से उपचार के लिए जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। यहां नर्स स्टाफ पिछले एक सप्ताह से देखरेख कर रहा है और नवजात सुरक्षित है। यहां बच्चे को मां-बाप की तरह ही नर्स स्टाफ से प्यार मिल रहा है। पुलिस ने अपराध कायम कर जांच शुरू की है। नवजात को गोद लेने के लिए परिवार तैयार है लेकिन गोदनामे की प्रक्रिया में समय लग रहा है।
जानकारी के मुताबिक भैंसवाही चर्च के सामने एक दिन का नवजात दरवाजे के सामने कोई छोड़ गया। चर्च के फादर ने उसे देखा। यहां दो दिन तक चर्च के स्टाफ ने परिवार का पता किया। लेकिन जानकारी नहीं लगी। जिसके बाद बीजाडांडी पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 317 के खिलाफ मामला दर्ज किया। नवजात के माता-पिता का पता लगाने के लिए जांच शुरू की है। पुलिस ने आंगनबाड़ी के आरोग्य केंद्र में एएनसी जांच रिपोर्ट देखी है। जिससे मां का पता लगाया जा सके। लेकिन कोई पता नहीं लगा है। पुलिस ने आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी दी है।
एसएनसीयू में देखरेख
पुलिस ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र मे भर्ती किया। जहां से एसएनसीयू जिला अस्पताल रैफर किया गया है। यहां गहन चिकित्सा इकाई में नवजात का लालन -पालन बड़े ही दुलार से हो रहा है। नर्स स्टाफ मासूस को मां की कमी नहीं होने दे रही है। नवजात का नामकरण भी कर दिया गया है। शाश्वत के नाम से पूरा स्टाफ पुकारता है। लेकिन हमेशा के लिए एसएनसीयू में नहीं रखा जा सकता। लेकिन स्टाफ को चिंता सता रही है। यहां का स्टाफ चाहता है कि शाश्वत को माता-पिता मिल जाए। जो जन्म के ना हो लेकिन वही लाड़ दुलार का उसे पाले।
गोद लेने भी तैयार
शाश्वत को गोद लेने के लिए परिवार तैयार है। जब 3 अक्टूबर को शाश्वत थाने में था। इसी दौरान यहां पदस्थ पुलिस कर्मी का दिल पिघल गया था। उसने गोदनामे के  लिए आवेदन कर दिया है। इसके अलावा आर्मी के एक जवान ने भी गोदनामे की इच्छा जताई है। लेकिन इसमें अभी समय लगेगा। तब तक शाश्वत को मां- पिता के प्यार के वंचित रहना पड़ेगा।
इनका कहना है
बीजाडांडी पुलिस ने 3 अक्टूबर से नवजात यहां भर्ती है, नर्स स्टाप देखरेख कर रहा है, नवजात पूरी तरह से स्वस्थ है।
डॉ. श्याम रोटेला, एसएससीयू प्रभारी

Created On :   10 Oct 2017 11:35 AM GMT

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