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एसटी कर्मचारी की आत्महत्या से फिर शुरु हुआ आंदोलन, विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल (एसटी) के अहमदनगर के शेवगाव डिपो के चालक दिलीप काकडे के शुक्रवार को आत्महत्या करने के बाद से एसटी कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा है। जबकि एसटी कर्मचारियों की लगातार हो रही आत्महत्या की घटनाओं को लेकर भाजपा ने महाविकास आघाड़ी पर हमला बोला है। इस बीच एसटी महामंडल का राज्य सरकार में विलीनीकरण की मांग तेज हो गई है। एसटी महामंडल के विलीनीकरण करने समेत कई मांगों को लेकर एसटी के कर्मचारियों ने अहमदनगर, धुलिया, कोल्हापुर, सोलापुर, रायगड समेत कई अन्य डिपो में काम बंद आंदोलन शुरू किया है। इससे दिवाली के ऐन पहले एसटी की बसों में सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। एसटी कर्मचारियों ने महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी संयुक्त कृति समिति पर कर्मचारियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। सोलापुर में एसटी के एक कर्मचारी ने कहा कि कृति समिति ने सरकार की ओर से कर्मियों के महंगाई भत्ते को 12 से 28 प्रतिशत बढ़ाने के बाद गुरुवार को हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी है। कृति समिति के पदाधिकारी सरकार से हर बार समझौता करके आंदोलन को खत्म कर दते हैं। लेकिन अब हमें कृति समिति का यह फैसला मंजूर नहीं है। एसटी महामंडल को राज्य सरकार में विलय के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। यदि एसटी महामंडल का विलय नहीं हो सकता है तो हमें सरकारी कर्मचारियों के जितना वेतन मिलना चाहिए।
एसटी ने दी कार्रवाई की चेतावनी
दूसरी ओर कर्मचारियों के आंदोलन शुरू करने के बाद एसटी महामंडल ने कार्रवाई की चेतावनी दी है। एसटी महामंडल ने कहा कि एसटी कर्मचारी संयुक्त कृति समिति ने हड़ताल वापस ले ली है। फिर भी राज्य के कुछ एसटी के डिपो में कर्मचारी खुद ही अपने मर्जी से आंदोलन जारी रखे हुए हैं। अगर कर्मचारियों ने अपना आंदोलन तत्काल वापस न लिया तो एसटी महामंडल के नियमों के अनुसार उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है। इस संबंध में एसटी महामंडल के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक शेखर चन्ने ने एसटी डिपो के नियंत्रकों को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि आंदोलन में शामिल सभी कर्मचारियों को उनकी सेवा समाप्ती संबंधी कार्यवाही की नोटिस दी जाए।
वेतन में देरी के कारण कर्मचारी कर रहे आत्महत्याः परब
इस बीच प्रदेश के परिवहन मंत्री तथा एसटी महामंडल के अध्यक्ष अनिल परब ने कहा कि अहमदनगर में एसटी कर्मी के आत्महत्या की घटना दुर्भाग्य पूर्ण है। मैंने उनके परिजनों से फोन पर बात की है। परब ने स्वीकार किया कि वेतन में देरी के कारण आर्थिक संकट के चलते एसटी कर्मचारी आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। परब ने कहा कि हर महीने एसटी कर्मचारियों का वेतन देने में थोड़ी देरी हो रही है। लेकिन हम लोग एसटी कर्मचारियों का पूरा वेतन चुकता करेंगे। परब ने कहा कि मेरी एसटी कर्मचारियों से अपील है कि वे आत्महत्या जैसा कोई गंभीर कदम न उठाए। परब ने कहा कि एसटी महामंडल का राज्य सरकार में विलय करने की मांग को मैंने सरकार तक पहुंचा दी है। इस बारे में राज्य सरकार उचित फैसला करेगी।
पीड़ादायी का एसटी कर्मचारी की आत्महत्याः फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एसटी कर्मचारी की आत्महत्या की खबर पीड़ादायक है। इसके पहले 28 एसटी कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं। अनियमित वेतन के कारण एसटी के कर्मचारी परेशान है। सरकार एसटी कर्मचारियों की समस्याओं को जल्द निराकरण करे।
25 से अधिक कर्मचारी कर चुके हैं खुदकुशीः दरेकर
विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि वेतन समय पर न मिलने के कारण पिछले एक साल में 25 से अधिक एसटी कर्मचारियों ने आत्महत्या की है। दरेकर ने कहा कि राज्य सरकार को नींद से उठकर एसटी कर्मचारियों के हितों के लिए ठोस फैसला करना चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि सरकार की ढुलमुल नीति के कारण एसटी के 29 कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं।
Created On :   29 Oct 2021 8:55 PM IST