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सांसद गावित बोले - प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें केन्द्र सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अगस्त 2020 में पालघर जिले के तारापुर एमआईडीसी क्षेत्र की जल प्रदूषण फैलाने वाली सौ औद्योगिक इकाइयों पर 160 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन इन इकाइयों ने अब तक जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया है। पालघर से शिवसेना सांसद राजेन्द्र गावित ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से मांग की है कि जल प्रदूषण फैलाने वाली इन औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही सांसद गावित ने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि वह केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दें कि वह पर्यावरण की बहाली के लिए 160 करोड़ रुपये के भुगतान के संबंध में एनजीटी द्वारा दिए गए आदेश को लागू करने के लिए शीघ्र कार्यवाही शुरु करें। नियम 377 के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए गावित ने केन्द्र की पर्यावरण स्थिति रिपोर्ट 2021 के हवाले से बताया कि रिपोर्ट ने 2009 से 2018 के बीच तारापुर एमआईडीसी को सबसे प्रदूषित औद्योगिक क्लस्टर घोषित किया है। एनजीटी ने भी अगस्त 2021 में अपने आदेश में जल प्रदूषण फैलाने वाली 102 औद्योगिक इकाइयों और प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार नियामक संस्था सेंट्रल एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट पर क्षतिग्रस्त पर्यावरण को नवीनीकृत करने के लिए सामूहिक रुप से 160 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था।
सांसद गावित ने सदन में कहा कि इन प्रदूषणकारी उद्योगों ने उन पर एनजीटी द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि का अब तक भुगतान नहीं किया है और अब भी इनकी ओर से अनुपचारित सिंथेटिक और रासायनिक अपशिष्ट के माध्यम से निरंतर प्रदूषण फैलाना जारी है। इससे क्षेत्र के तारापुर से केल्वे तक मछली पकड़ने वाले 18 गांवों के निवासियों के जीवन और आजीविका को प्रभावित हुई है। जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं कराए जाने से वायु, भूमि और जल प्रदूषण में निरंतर वृद्धि होने के कारण तारापुर क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य पर विपरित परिणाम हो रहा है। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि वह इस मुद्दे का संज्ञान ले और सीपीसीबी को निर्देश दें कि वह इन इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करें।
Created On :   25 March 2022 8:42 PM IST