मप्र में शासकीय सेवकों के लिए आनंद शिविर बना व्यवसाय

MP happiness ministry is business for government servant
मप्र में शासकीय सेवकों के लिए आनंद शिविर बना व्यवसाय
मप्र में शासकीय सेवकों के लिए आनंद शिविर बना व्यवसाय

डिजिटल डेस्क,भोपाल। शिवराज सरकार ने आनंद मंत्रालय तो खोल दिया है,लेकिन अब यह तीन आध्यात्मिक संस्थानों के लिए व्यवसाय बन गया है। आनंद मंत्रालय के तहत निर्मित भोपाल स्थित राज्य आनंद संस्थान सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों एवं जिला कलेक्टरों से कह रहा है कि वह इन तीनों आध्यतिम्क संस्थानों के प्रदेश के बाहर स्थित केंद्रों में आयोजित शिविरों में भाग ले तथा बदले में भारी भरकम शुल्क अदा करे।

गौरतलब है कि राज्य में आनंद विभाग का गठन 6 अगस्त 2016 को किया गया तथा 12 अगस्त 2016 को रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसायटी में राज्य आनंद संस्थान का पंजीयन कर इसकी स्थापना की गई। इस विभाग के प्रमुख खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य हैं। आनंद विभाग एवं संस्थान  का उद्देश्य आनंद की अनुभूति के लिए कार्ययोजना बनाना एवं गतिविधियों का निर्धारण करना है। इसी के तहत देश की तीन प्रसिध्द आध्यात्मिक संस्थाओं आर्ट ऑफ लिविंग, ईशा फाउण्डेशन एवं इनिशिएटिव ऑफ चेंज से अनुबंध किया गया है। इन तीनों संस्थानों ने सिर्फ शासकीय सेवकों के लिए आनंद शिविर लगाने का कार्यक्रम क्रियान्वित करना प्रारंभ किया है। इसके लिए वह पंजीकरण से लेकर शिविर में भाग लेने की भारी भरकम फीस भी इन शासकीय सेवकों से वसूल कर रहा है।

वर्तमान में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था बैंगलौर में आनंद शिविर का आयोजन कर रहा है जो कि 16 जनवरी से प्रारंभ हो गया है तथा 19 जनवरी तक चलेगा। इसमें मप्र के शासकीय सेवकों को भाग लेने के लिए 500 रुपये प्रति व्यक्ति पंजीयन शुल्क, 1800 रुपए प्रति व्यक्ति प्रशिक्षण फीस तथा साथ में पति या पत्नी के होने पर प्रति व्यक्ति अलग से 7500 रुपए शुल्क रखा गया है। इसमें मप्र से करीब 80 शासकीय सेवकों ने पंजीयन कराया है तथा निर्धारित शुल्क का भुगतान किया है। दो माह पहले भी ऐसा शिविर लगाया गया था जिसमें मप्र से 60 शासकीय सेवकों ने शुल्क अदा कर भाग लिया था। 

 बैंगलोर आर्ट ऑफ लिविंग डॉयरेक्टर पुष्प दंत प्रोग्रामका कहना है कि बैंगलोर में आर्ट ऑफ लिविंग ने आनंद शिविर लगाया है। यह मप्र के शासकीय सेवकों के लिये है। इसकी क्षमता सौ व्यक्तियों की है। अब तक 80 शासकीय सेवकों ने पंजीयन कराया है। शिविर में भाग लेने के बाद उन्हें प्रमाण-पत्र दिया जाता है।’’

 

Created On :   17 Jan 2018 11:08 AM IST

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