MPSC परीक्षा अब 21 मार्च को होगी, 10वीं-12वीं की ऑफ लाइन परीक्षा के लिए अभियान चलाएगी सरकार

MPSC exam date will be announced today, Government will campaign for offline examinations of 10th-12th
MPSC परीक्षा अब 21 मार्च को होगी, 10वीं-12वीं की ऑफ लाइन परीक्षा के लिए अभियान चलाएगी सरकार
MPSC परीक्षा अब 21 मार्च को होगी, 10वीं-12वीं की ऑफ लाइन परीक्षा के लिए अभियान चलाएगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की राज्य सेवा पूर्व परीक्षा-2020 अब 21 मार्च को होगी। एमपीएससी की ओर से शुक्रवार को यह घोषणा की गई। इससे पहले एमपीएससी की तरफ से 14 मार्च को आयोजित इस परीक्षा को कोरोना संकट के चलते गुरुवार को टाल दिया गया था। इससे नाराज अभ्यर्थियों ने पुणे समेत कई जिलों में जमकर हंगामा किया। भाजपा ने इस मुद्दे को जमकर भुनाने की कोशिश की। सत्ताधारी कांग्रेस और राकांपा के मंत्रियों और नेताओं ने परीक्षा टालने पर नाराजगी जताई थी। इससे बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि परीक्षा की नई तारीख की घोषणा शुक्रवार को कर दी जाएगी। इससे अनुसार एमपीएससी ने राज्य सेवा पूर्व परीक्षा 21 मार्च को कराने का फैसला किया है। एमपीएससी ने कहा है कि 14 मार्च को तय परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को वितरित हॉल टिकट पर परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश दिया जाएगा। एमपीएससी ने बताया कि 27 मार्च 2021 को आयोजित महाराष्ट्र अभियांत्रिकी सेवा पूर्व परीक्षा 2020 और 11 अप्रैल 2021 को आयोजित महाराष्ट्र दुय्यम सेवा अराजपत्रित समूह-ब संयुक्त पूर्व परीक्षा 2020 नियोजित तारीख पर होगी। इन दोनों परीक्षाओं की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया है।  

उपमुख्यमंत्री ने एमपीएससी को फटकारा 

एमपीएससी की ओर से अचानक परीक्षा टालने के कारण राज्य सरकार की हुई किरकिरी से नाराज उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एमपीएससी को फटकार लगाई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत विचार है कि एमपीएससी को परीक्षा के आयोजन को ठीक तरीके से निपटाना चाहिए था लेकिन  एमपीएससी इससे निपटने में कम पड़ गई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थियों का सड़क पर उतरना दुर्भाग्यपूर्ण है। एमपीएससी स्वायत्त संस्था है। लेकिन कुछ लोगों ने राजनीति गरमाने का प्रयास किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं परीक्षा टलने के कारण अभ्यर्थियों को हुई परेशानी के लिए खेद प्रकट करता हूं।

श्वेत पत्र जारी करे सरकारः चंद्रकांत पाटील 

वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि 21 मार्च को एमपीएससी की परीक्षा होगी या नहीं। इसको लेकर मेरे मन में आशंका है। 14 मार्च को आयोजित परीक्षा को क्यों स्थगित किया गया। इस बारे में सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। सरकार को बताना चाहिए परीक्षा आयोजित करने की तैयार नहीं थी अथवा मराठा आरक्षण के कारण इसे स्थगित किया गया था। यदि मराठा आरक्षण के कारण परीक्षा को टाला गया है तो 21 मार्च को भी वही समस्या आएगी। जबकि विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि कोरोना के कारण एमपीएससी की परीक्षा पांच बार टली है पर उम्मीद है कि आगे ऐसा नहीं होगा। जिस तरीके से बजट अधिवेशन आयोजित किया गया उसी तरह सरकार परीक्षा आयोजित करें। 
 

बैगर मेरी जानकारी के सचिव ने लिया परीक्षा टालने का फैसला - वडेट्टीवार ने दी सफाई

एमपीएससी परीक्षा टालने को लेकर प्रदेश के आपदा प्रबंधन, मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार की नाराजगी सामने आई है। गुरुवार को वडेट्टीवार ने कहा कि एमपीएससी ने कहा है कि आपदा प्रबंधन, मदद व पुनर्वसन विभाग के 10 मार्च के पत्र के आधार पर परीक्षा टाली गई है लेकिन कोरोना संक्रमित होने के कारण मैं अस्पताल में हूं। मुझे अंधेरे में रखकर सचिव स्तर पर इस बारे में फैसला लिया गया है। इस संबंध में जांच की जाएगी। मेरा परीक्षा टालने के फैसले का कोई समर्थन नहीं है। वहीं एमपीएससी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण कई जिलों में पाबंदी लगाई गई है। इसलिए परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है। 
 

10वीं-12वीं की ऑफ लाइन परीक्षा के लिए अभियान चलाएगी सरकार

वहीं अब प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि महाराष्ट्र बोर्ड के कक्षा दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों के ऑफलाइन पद्दति से परीक्षा देने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में विद्यार्थियों के सामन स्तर पर (वी कैन डू इट ऑफलाइन एक्जाम) ऑफलाइन पद्धति से परीक्षा देने के लिए यह अभियान चलाया जाएगा। गुरुवार को चर्नी रोड स्थित बालभवन में राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक मंडल (बोर्ड) की परीक्षा के संबंध में बैठक हुई। इसमें अभिभावक संगठन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। गायकवाड ने कहा कि प्रैक्टिकल परीक्षा और जनरल जमा करने के लिए पूरे राज्य के विद्यार्थियों के लिए एक तरह का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में निवासी स्कूल बंद है। उन निवासी स्कूलों में केवल 10 वीं के विद्यार्थियों को रहने और परीक्षा देने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। गायकवाड ने कहा कि विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए परीक्षा लेना उचित होगा। इसलिए शिक्षक विद्यार्थियों को ऑफलाइन पद्धति से परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा, शैक्षणिक वर्ष का नुकसान न हो और परीक्षा की पूर्व तैयारी के लिए समय मिल सके। इन सभी पहलुओं पर विचार कर परीक्षा का टाइम टेबल तैयार किया गया है। टाइम टेबल के लिए और कुछ सूचनाएं होंगी तो उसके बारे में बताएं। उस संबंध में सलाहकार समिति से चर्चा करके सकारात्मक फैसला किया जाएगा। गायकवाड ने कहा कि सरकार की ओर से सह्याद्री चैनल पर विद्यार्थियों के लिए व्याख्यानमाला शुरू किया गया है। परीक्षा की पूर्व तैयारी के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न और स्वाध्याय के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विद्यार्थियों के मन में आने वाले सामान्य प्रश्नों के बारे में वेबसाइट पर जल्द ही एफएक्यू दिया जाएगा। इस बैठक में स्कूली शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वंदना कृष्णा, एसएससी मंडल के परियोजना समन्वयक दिनकर पाटील, एसईआरटी के निदेशक दिनकर टेमकर, उप निदेशक विकास गरड समेत विभाग के अधिकारी और शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद थे। 

Created On :   12 March 2021 5:26 PM IST

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