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निवासी चिकित्सक की परीक्षा के मामले में उलझा एमयूएचएस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयूएचएस) नाशिक, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) नागपुर के हड्डी रोग विभाग के निवासी चिकित्सक की परीक्षा नहीं करवाने के मामले में बुरी तरह उलझ चुका है। निवासी चिकित्सक को कोरोना पॉजिटिव होने से उसे ऑनलाइन पद्धति से परीक्षा नहीं देने दी गई थी, जबकि राज्य में करीब 5 विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा दिलाने की चर्चा है। नागपुर सहित औरंगाबाद के एक निवासी चिकित्सक का परीक्षा परिणाम भी रोक दिया गया है, जो विश्वविद्यालय के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
परीक्षा परिणाम भी रोका गया : राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 5 निवासी चिकित्सकों की परीक्षा ऑनलाइन ली गई, जबकि नागपुर में ऐसा नहीं किया गया और औरंगाबाद के विद्यार्थी का परिणाम भी रोक दिया गया। फिलहाल एमयूएचएस ने मामले को लेकर कोई भी स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है। जानकारों का कहना है कि वर्तमान के नियमानुसार विद्यार्थी को उपस्थित होकर परीक्षा देनी होगी। ऑनलाइन के मामले में परीक्षा लेने वाले अधिकतम 2 परीक्षक ऑनलाइन हो सकते हैं, लेकिन शेष को मौजूद होकर परीक्षा लेनी होगी।
यह है मामला : मेडिकल के हड्डी रोग िवभाग के निवासी चिकित्सक डॉ. रोहित गर्ग को कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से परीक्षा देने का मौका नहीं िदया गया। हालांकि निवासी चिकित्सक के वार्ड से लेकर परीक्षक के कक्ष तक सभी जगह ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था कर ली गई थी। मामले में परीक्षक का कहना था कि एमयूएचएस यदि लिखकर अधिकृत पत्र देता है, तो हम ऑनलाइन परीक्षा ले लेंगे, लेकिन एमयूएचएस ने ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया, जिससे परीक्षा रोक दी गई। उसके बाद निवासी चिकित्सक का परीक्षा परिणाम विद हेल्ड (परीक्षा परिणाम रोकना) कर दिया गया। परीक्षा के विषय को लेकर अब तक 3 बार मेडिकल द्वारा एमयूएचएस को पत्र लिखा जा चुका है।
Created On :   27 Sept 2020 3:55 PM IST