नागपुर : अब नहीं दिखेगा सीताबर्डी किला स्थित 118 इन्फेन्ट्री बटालियन का ऑफिस

Nagpur: 118 Infantry Battalion office will no longer be seen
नागपुर : अब नहीं दिखेगा सीताबर्डी किला स्थित 118 इन्फेन्ट्री बटालियन का ऑफिस
नागपुर : अब नहीं दिखेगा सीताबर्डी किला स्थित 118 इन्फेन्ट्री बटालियन का ऑफिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी की पहचान बन चुका और विदर्भ का एकमात्र सीताबर्डी किला स्थित 118 इन्फेन्ट्री बटालियन यानी प्रादेशिक सेना कार्यालय अब नहीं दिखेगा। बुधवार को प्रादेशिक सेना कार्यालय अपने स्टॉफ और सामान सहित नागपुर से भुसावल शिफ्ट हो गया है। जवानों से क्वार्टर भी खाली कराया लिया गया। अब यहां उत्तर महाराष्ट्र एवं गुजरात सेना (उमंग) का मुख्यालय होगा। 118 इन्फेन्ट्री बटालियन से अल्प समय में क्वार्टर और कार्यालय खाली कराने से स्थानीय जवानों में भारी नाराजगी बताई जा रही है। उन्होंने नाराजगी भी दर्ज करायी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं।

500 जवान रहते थे यहां

विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि 118 इन्फेन्ट्री बटालियन कार्यालय में करीब 500 जवान हैं। वर्ष 1949 से यह बटालियन सीताबर्डी किला परिसर में ही होने से अनेक जवान अब परिवार सहित नागपुर में ही बस गए हैं। कुछ क्वार्टर में रहते हैं तो कुछ शहर में। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी यहीं चल रही है। अचानक बटालियन कार्यालय को ही भुसावल शिफ्ट करने का निर्णय लेने से अनेक जवानों के परिवार सकते में आ गए हैं। सूत्रों ने बताया कि किसी भी बटालियन को शिफ्ट करने के लिए नियमानुसार 90 दिन का समय मिलता है, लेकिन स्थानीय स्टॉफ को एक महीने में ही कार्यालय और क्वार्टर शिफ्ट करने के आदेश दिए गए। बुधवार को पूरा परिसर खाली कर सामान भुसावल के लिए भेज दिया गया है। इसे लेकर स्थानीय कार्यालय के जवानों में नाराजगी बताई जा रही है। बताया गया कि कुछ जवानों ने सीताबर्डी किला परिसर में ही कुछ जगह मांगी थी, ताकि बटालियन का नागपुर में अस्तित्व बना रहे। लेकिन यह मांग भी खारिज कर दी गई।

बटालियन के नाम अनेक उपलब्धियां

जानकारी के अनुसार, वर्ष 1949 में 118 इन्फेन्टरी बटालियन यानी प्रादेशिक सेना कार्यालय सीताबर्डी किला पर शुरू किया गया था। विदर्भ के 11 जिलों में यह एकमात्र प्रादेशिक सेना का कार्यालय है। 99 एकड़ क्षेत्र में यह परिसर फैला है। किला पुरातत्व विभाग से भी जुड़ा है। आजादी आंदोलन से जुड़े अनेक प्रतीक यहां अभी भी मौजूद है। इस बटालियन के नाम अनेक उपलब्धियां है। दावा किया गया कि दूसरे विश्व युद्ध और श्रीलंका में भी इस बटालियन ने हिस्सा लिया था। कई प्राकृतिक आपदा और फौजी कार्रवाई में बटालियन की मदद ली गई थी। 1999 में हुए करगिल युद्ध में भी सेना की भूमिका रही। विशेष यह कि किसी शहर के बीच यह एकमात्र बटालियन थी। हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर सीताबर्डी किला परिसर को नागरिकों के लिए खोला जाता है ताकि आजादी आंदोलन का इतिहास पता चल सके। अब उमंग का मुख्यालय इसकी इजाजत देगा या नहीं? इसे लेकर भी संदेह है।

उमंग को पहले कामठी में जगह मिलने का दावा

सूत्रों ने बताया कि उमंग मुख्यालय को सीताबर्डी किला परिसर में जगह देने से पहले उन्हें कामठी कन्टोनमेंट बोर्ड के पास जगह देने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन उमंग के अधिकारियों को यह जगह पसंद नहीं आई। इसके बाद उन्होंने सीताबर्डी किला परिसर की जगह देने की मांग की। बताया गया कि मुंबई में ही सेना मुख्यालय के दो सब-एरिया थे, जिस कारण अब एक मुख्यालय को नागपुर में शिफ्ट किया गया।

सेना की भूमिका

इस मामले में सेना कार्यालय की ओर से कोई भी आधिकारिक प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया गया है, लेकिन अपुष्ट सूत्रों ने बताया कि मुंबई क्षेत्र में दो सब एरिया होने की वजह से उत्तर महाराष्ट्र एवं गुजरात सब एरिया को नागपुर अप्रैल 2018 में नागपुर शिफ्ट कर िदया गया है। सीताबर्डी किला में स्थित 118 इन्फेन्ट्री बटालियन को स्थानांतरित कर िदया गया है। समय-समय पर ऐसे बदलाव होते रहते हैं। चूंकि इस बटालियन को कई सालों से स्थानांतरित नहीं किया गया था, जबकि स्थानांतरण की प्रक्रिया समय-समय पर होती रहती है। कहीं 10 साल में, तो कहीं 5 और 3 साल में भी बदल दिया जाता है।

Created On :   13 Nov 2019 4:56 PM GMT

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