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वुहान के टक्कर की लैब नागपुर में हो रही है तैयार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले दस सालों में संतरानगरी के नाम कई उपलब्धियां जुड़ चुकी हैं। अब एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। साल 2023 के मध्य में यहां एशिया की पहली और सबसे बड़ी बीएसएल (बायोसेफ्टी लेवल) फोर लैब शुरू हो जाएगी। अब तक देश में बीएसएल वन, बीएसएल टू और बीएसएल थ्री मानकवाली लैब हैं। इनमें से बीएसएल थ्री देश की एकमात्र लैब पुणे में है। नागपुर में बननेवाली लैब इससे भी अत्याधुनिक होगी, जो बीएसएल फोर होगी। देश में और एशिया में इस तरह की कोई लैब नहीं है। चीन के वुहान शहर में ऐसी लैब है। इसके अलावा अमेरिका, कनाडा और रूस में बीएसएल फोर लैब है। बायोसेफ्टी लेवल उस सावधानी या तैयारी को कहते हैं, जिसमें खतरनाक रोगाणुओं (वायरस और बैक्टीरिया) को प्रयोगशालाओं के अंदर रखा जाता है। दुनिया में बायोसेफ्टी लेवल लैब की चार श्रेणियां हैं। इनमें बीएसएल वन, बीएसएल टू, बीएसएल थ्री और बीएसएल फाेर शामिल हैं।
राज्य ने की शुरुआत, केंद्र करेगा इमारत का निर्माण
देश भर से कोरोना और उसके संभावित नए वैरिएंट के सैंपल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी यानी राष्ट्रीय विषाणु संस्थान में भेजे जाते हैं। यहां सैंपलों संख्या इतनी अधिक हो जाती है कि उनकी रिपोर्ट 8-10 दिन बाद ही मिल पाती है। 2023 में इस समस्या से निजात मिलेगी। शहर के सेमिनरी हिल्स में अत्याधुनिक बीएसएल फोर वॉयरोलॉजी लैब का निर्माण शुरू हो चुका है। कुल 20412 वर्गमीटर जमीन में से 6804 वर्ग मीटर में लैब का निर्माण हो रहा है। तीन महीने से इसका निर्माण कार्य चल रहा है। लैब के लिए तीन माले की इमारत का निर्माण किया जाएगा। इस समय जमीन के चारों ओर सुरक्षा दीवार बन चुकी है। इसके अलावा मुख्य प्रवेश द्वार का काम हो रहा है। निर्माणकार्य के लिए 95 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वर्तमान में यह काम राज्य के लोकनिर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद मुख्य इमारत के निर्माण का काम केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। 2023 के जुलाई तक इसका निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दो साल पहले आईसीएमआर ने यह प्रस्ताव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय को दिया था। इसे मंजूरी मिलने के बाद अक्टूबर से काम शुरू किया गया है।
पुणे में एकमात्र लैब है बीएसएल थ्री
नागपुर में बनने वाली बीएसएल फोर लैब देश के लिए मील का पत्थर साबित होगी। नवंबर महीने में इस लैब के निर्माण की शुरुआत होते ही केंद्र सरकार के परिवार व स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव डॉ. बलराम भार्गव ने दौरा कर निरीक्षण किया था। उन्हाेंने नागपुर में लैब बनाने का कारण बताते हुए कहा था कि नागपुर देश के मध्य में होने से बीएसएल फोर लैब यहां बनाने का निर्णय लिया गया है। सालभर पहले आईसीएमआर ने यह प्रस्ताव दिया था। कोरोनाकाल की जरूरत को देखते हुए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने तुरंत मंजूरी दे दी थी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) द्वारा लैब का संचालन किया जाएगा।
यह होगी विशेषता
इस लैब में इंसानों की बीमारियों का कारण बनने वाले विविध वायरस की जांच की जाएगी। उस बीमारियों के निदान के लिए आवश्यक औषधि के निर्माण के लिए विविध प्रयोग किए जाएंगे। लैब के चारों और वायरस प्रोटेक्शन एरिया बनाया जाएगा, ताकि कोई भी वायरस वहां से बाहर नहीं जा सकेगा। हवा से वायरस को फैलने से रोकने के लिए विशेष मशीनें होंगी।
Created On :   5 Jan 2022 2:51 PM IST