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एजुकेशन हब नागपुर के इस क्षेत्र में 35 प्रतिशत बच्चे नहीं कर पाते 12 के बाद पढ़ाई, जानिए कारण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले कुछ वर्षों में नागपुर ने एजुकेशन हब के रूप में भले ही पहचान बनाई हो, पर इसी जिले का हिंगना तहसील की स्थिति किसी दाग से कम नहीं है। हिंगना तहसील क्षेत्र शिक्षा के मामले में सबसे पिछड़ा है। हाल ही में नागपुर, वर्धा, भंडारा और गोंदिया जिलों में हुए सर्वेक्षण में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। खास बात यह कि पिछड़ा वर्गों की स्थिति और बुरी है। एससी, एसटी, एनटी वर्ग का ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशो (जीईआर) 15% से भी कम है। यही नहीं, 12वीं के बाद 35 फीसदी बच्चे आगे की पढ़ाई ही नहीं कर पाते। आंकड़ों पर गौर करें तो हिंगना के उच्च शिक्षा संस्थानों में 35 प्रतिशत सीटें खाली रह जाती हैं। इस तहसील क्षेत्र में 12वीं कक्षा की विविध शाखाओं में औसतन हर साल 1700 विद्यार्थी पास होते हैं। बावजूद इसके 2637 सीटों की क्षमता वाले विभिन्न कॉलेजों में कुल 934 सीटें खाली रह जाती हैं।
पिछड़े वर्गों की स्थिति सबसे बुरी
हिंगना क्षेत्र में 26.7 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। इस क्षेत्र में स्कूल या शिक्षा केंद्र में जीईआर (ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशो) महज 13.92% है। इसमें भी यदि वर्गवार स्थिति देखें तो हालत और बुरे हैं। हिंगना में महिलाओं का जीईआर 15.59 %, अनुसूचित जाति (एससी) का जीईआर 12.77%, अनुसूचित जनजाति (एसटी) 13.05 % और एनटी का जीईआर महज 9.16 %। ऐसे में हिंगना न सिर्फ नागपुर जिले बल्कि वर्धा, भंडारा और गोंदिया में भी सर्वाधिक पिछड़ा तहसील है।
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ये हैं कारण
हिंगना और बुटीबोरी एमआईडीसी में कार्यरत मजदूर वर्ग की संख्या ज्यादा है।
कान्होली बारा और कवडस जैसे पिछड़े गांव ज्यादा हैं, यहां पर्याप्त संख्या में स्कूल तक नहीं हैं।
ग्रामीण विद्यार्थियों को हिंगना शहर तक आने के लिए संसाधन नहीं हैं।
हिंगना के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और आवागमन के साधनों की कनेक्टिविटी अच्छी नहीं है।
26.7 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है, जो निजी स्कूल-कॉलेज का खर्च वहन नहीं कर सकती।
हर साल कॉलेज में प्रवेश लेने वाले
संकाय छात्र छात्राएं
ह्युमेनिटिज- 221 410
कॉमर्स एंड मैनेजेमंट 449 451
साइंस एंड टेक्नोलॉजी 389 259
इंटर डिसिप्लिनरी 238 257
प्रवेश लेने वाले 2637
हिंगना के शिक्षण संस्थान
यशवंतराव चौहान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
प्रियदर्शिनी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियिरंग एंड टेक्नोलॉजी
जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
लता मंगेशकर चिकित्सा अस्पताल व महाविद्यालय
सेंट जेवियर्स स्कूल
एसेंस इंटरनेशनल स्कूल
स्कूल ऑफ स्कॉलर्स
जीएच रायसोनी विद्यानिकेतन
मुफ्त हो शिक्षा
निजी स्कूलों में बच्चो को पढ़ना बहोत महगा हो गया है। हम वनाडोगरी न प की ओर से राजीवनगर में पुरानी स्कूल को दिल्ली की तरह बनाकर मुफ्त में शिक्षण देने के प्रयास में लगे हैं। शिक्षण मुफ्त होगा तो सुशिक्षित का प्रमाण बढ़ेगा।
आभा काले, नियोजन सभापति, न प वानाडोंगरी
स्कूल के समय पर बस नहीं है
हिंगना के ग्रामीण क्षेत्र के कई गांव में विद्यर्थियों के लिए स्कूल के समय पर बस नहीं है। जिसके चलते स्कूल में वक्त पर आने जाने के लिए बहोत परेशानी का सामना करना पड़ता है। सभी गाव में स्कूल के समय बस सेवा शुरू करने से शिक्षन का प्रमाण बढ़ेगा।
नीलेश तुमडाम, विद्यार्थी
हिंगना तहसील में है मजदूर वर्ग
हिंगना तहसील में हिंगना और बूटीबोरी यह दो बड़ी एमआईडीसी है। यहा पर काम करने के लिए दूसरे राज्य से मजदूर वर्ग आता है। उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने से बच्चो को नहीं पढ़ा पाते हैं। उससे शिक्षण का प्रमाण काम होता है।
नरेंद्र वाघ, सरपंच, ग्राम पंचायत वाघ उमरी
Created On :   24 Feb 2020 10:43 AM IST