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नागपुर मनपा की नाराजगी - बगैर अनुमति दिया विज्ञापन का ठेका, आमदनी पर टैक्स न लगाने की गुजारिश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में हरियाली वाली परिवहन सेवा देने का दावा करनेवाली मेट्रो और मनपा के बीच ठन गई है। मामला शहर भर में मेट्रो के पिलर और डिवाइडर पर लगे पौधों की देखभाल से जुड़ी है। मनपा के उद्यान विभाग ने करोड़ों की लागत से निर्मित हैंगिग वॉल और डिवाइडर के पौधों की देखभाल से इनकार कर दिया, तो महामेट्रो ने विज्ञापन से देखभाल करने के प्रस्ताव को अनुमति देने का आग्रह मनपा से किया है। साथ ही इस विज्ञापन से होनेवाली आमदनी को कर मुक्त करने की भी मांग की है। बड़ी बात यह है कि इस साल के आरंभ में ही मनपा की अनुमति के बिना ही महामेट्रो प्रशासन ने मुंबई की एक निजी एजेंसी को करोड़ों के विज्ञापन का अधिकार दे दिया।
महामेट्रो प्रशासन ने मनपा आयुक्त को 29 जून 2021 को पत्र भेजा है। इस पत्र में मेट्रो के पिलर और डिवाइडर की हरियाली क्षेत्र को उद्यान विभाग को देखभाल की जिम्मेदारी लेने का निवेदन किया है। इन क्षेत्रों में एयरपोर्ट से सीताबर्डी इंटरचेंज स्टेशन, इंटरचेंज से लोकमान्य नगर और अजनी से एयरपोर्ट तक के फ्लाईओवर के डिवाइडर और पिलर की हरियाली को चिह्नित कर उल्लेख किया गया है। मनपा की ओर से देखभाल जिम्मेदारी नहीं लेने पर महामेट्रो ने एनओसी देने का निवेदन किया गया, ताकि निजी एजेंसी के माध्यम से विज्ञापन लगवाकर देखभाल खर्च निकाला जा सके। इस पत्र पर भी मनपा के उद्यान विभाग ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया और निजी संस्थाओं को दत्तक देकर देखभाल कराने की सलाह दी है।
{शुल्क लगाने से मिले छूट : उद्यान विभाग ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया, तो 30 जुलाई को महामेट्रो के कार्यकारी निदेशक आनंद कुमार ने मनपा को दोबारा से पत्र भेजा। इस पत्र में डिवाइडर और हरियाली की देखभाल के लिए विज्ञापनदाता एजेंसी को नियुक्त करने की अनुमति मांगी गई। पत्र में विज्ञापन फलकों से होने वाली आमदनी पर कोई भी टैक्स नहीं लगाने का भी आग्रह किया गया है। बता दें कि मनपा की विज्ञापन नीति के तहत मनपा क्षेत्र में विज्ञापनों को लगाने के लिए लीज शुल्क का भुगतान करना होता है।
महामेट्रो प्रशासन ने रिच-1 के पिलर पर विज्ञापन के लिए टेंडर प्रक्रिया को 6 माह पहले पूरा किया है।
मुंबई की एजेंसी के माध्यम से न्यू साउथ एयरपोर्ट स्टेशन से धंतोली पुलिस स्टेशन तक सभी पिलर पर विज्ञापन फलक लगाने के अधिकार दिए गए हैं। इन पिलर पर 11,000 वर्ग फीट क्षेत्र का समावेश है। प्रत्येक पिलर के दोनों ओर 48 वर्गफीट के दोनों ओर विज्ञापन लगाए जा सकेंगे, ताकि आम जनता दोनों ओर के हिस्सों के विज्ञापन को देख सके। इस तरह के प्रत्येक विज्ञापनदाता को 96 वर्गफीट का क्षेत्र उपलब्ध हो पाएगा। विज्ञापन से मेट्रो प्रशासन को खासी आमदनी होने की संभावना है, लेकिन इसके बदले में मनपा को लीज शुल्क देकर अनुमति लेने के लिए कोई भी प्रयास नहीं हुुआ है।
22 स्टेशन चिह्नित
महामेट्रो 22.293 किमी क्षेत्र में 22 स्टेशनों वाले क्षेत्र को रिच-1 आरेंज लाइन नाम दिया है। इस रिच में मुंजे चौक से खापरी तक मेट्रो ने 311 स्थानों पर पिलर के बीच आकर्षक डिजाइन और हैंगिग ट्री वॉल के रूप में विकसित किया है, लेकिन अब डबल डेकर पुल समेत सभी पिलर पर विज्ञापन की अनुमति देकर आमदनी जुटाने का प्रयास कर रहा है। इन स्थानों की देखभाल में प्रतिवर्ष 35 लाख रुपए का खर्च करना पड़ता है। इसके तहत ही मेट्रो ने जनवरी माह में टेंडर प्रक्रिया कर निजी ठेका एजेंसी अलख एडवरटाइजमेंट को तय भी कर दिया है। इस एजेंसी की ओर से 121 स्थानों पर कुल 11,616 वर्ग फीट क्षेत्र में विज्ञापन फलक लगाए जाएंगे। विज्ञापनों से होनेवाली आमदनी से पौधों और सौदर्यीकरण की देखभाल के साथ ही 10 लाख रुपए की राशि महामेट्रो को दी जाएगी। हालाकि इस विज्ञापन के लिए मनपा से अब तक कोई भी अनुमति नहीं ली गई है।
Created On :   8 Aug 2021 3:48 PM IST