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नल-जल योजना नहीं हुईं शुरू : दो दर्जन से अधिक गांवों में पानी की त्राहि - त्राहि
डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले में दो दर्जन से अधिक नल-जल योजनाएं पूरी तरह से बंद हो गई हैं। सबसे ज्यादा समस्या मोटर जलने की है। वहीं कुछ जगह बिजली के तार चोरी हो गए हैं, तो कहीं बिल जमा नहीं होने से कनेक्शन कट गया है। नलजल योजना बंद होने से गर्मी की शुरुआत में ही ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत धुरवार में करीब एक सप्ताह पहले ही मोटर जलने से नलजल योजना बंद हो गई है। यहां तीन बोर कराए गए हैं, शुरुआत में दो बोर से पानी की सप्लाई शुरू की गई थी, लेकिन एक मोटर जलने के कारण काफी दिनों से एक बोर से एक मोहल्ले में ही पानी की सप्लाई हो रही थी। करीब एक सप्ताह पहले मोटर जलने से यह भी बंद हो गया है। योजना का संचालन बंद होने से लोगों को हैंडपंप से पानी भरना पड़ रहा है। गांव की आबादी करीब ढाई हजार है। यहां 2015 में नल जल योजना शुरू हुई थी। इसी तरह पड़मनियां कला, खेतौली, गोड़ारू, सोन टोला, देवरी सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में भी मोटर जलने से करीब एक माह से नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हुई हैं।
10 दिन में शुरू कराने हैं
कमिश्नर शोभित जैन ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक में पीएचई के अधिकारियों को 15 दिन के भीतर बंद नल-जल योजनाओं को सही कराने के निर्देश दिए थे। पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक एक भी बंद नल जल योजना शुरू नहीं हो पाई है। अधिकारियों का कहना है कि संबंधित एसडीओ गांवों का सर्वे कर रहे हैं। समस्याओं को देख रहे हैं। बंद नल जल योजनाओं को सुधरवाने के लिए जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
होगी धारा 40 की कार्रवाई
नल-जल योजनाओं का संचालन पंचायत के माध्यम से कराया जाता है, लेकिन पंचायतों की लापरवाही स्थानीय लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। जिले में कुल 171 नल जल योजनाएं संचालित हैं। इनमें से 27 नल जल योजनाएं वर्तमान में बंद हैं। कमिश्नर ने निर्देश दिए हैं कि जो पंचायतें काम में अड़ंगा लगा रही हैं, वहां धारा 40 की कार्रवाई की जाए। धारा 40 की कार्रवाई संबंधित सरपंच को पद से पृथक करने के लिए की जाती है।
हैंडपंप बिगड़े, ईई को कारण बताओ नोटिस
पीएचई के कार्यपालन यंत्री एचएस धुर्वे को कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ग्राम पंचायत देवगवां के ग्राम कटहरी में हैंडपंप खराब होने से पेयजल संकट था, लोग तालाब का पानी पी रहे थे। गुस्साए ग्रामवासियों ने लोकसभा निर्वाचन का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। कलेक्टर ने इसकी जांच कराई थी। जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि अधिकांश हैंडपंप लंबे समय से खराब थे, जिनका सुधार पीएचई के कार्यपालन यंत्री द्वारा समय पर करा दिया गया होता तो ग्राम में पेयजल संकट एवं 2 हैंडपंप भरने की स्थिति उत्पन्न नहीं होती। उनकी लापरवाही के कारण ग्रामवासियों को लंबे समय से जल संकट से जूझना पड़ा। कलेक्टर ने श्री धुर्वे को नोटिस जारी कर तीन दिवस के अन्दर जवाब प्रस्तुत करने निर्देश दिए हैं।
Created On :   26 March 2019 1:41 PM IST