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ईडी के पास पहुंचे सबूत में हुआ बड़ी एंट्रियों के नामों का खुलासा
डिजिटल डेस्क, नागपुर, सुनील हजारी। पंकज मेहाड़िया और उनके साथियों की पांच कंपनियों में 875 करोड़ का हिसाब-किताब दर्ज है। इसमें 450 से अधिक नाम शामिल हैं। जिसकी जांच ईडी कर रही है। अधिकांश एंट्रियां काले धन को सफेद करने के लिए की गई थीं। मामला दर्ज करने के पहले ईडी की जांच में भी इसकी पुष्टि हुई तब जाकर कुछ दिनों पहले प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें से कुछ बड़ी एंट्रियों की जानकारी दैनिक भास्कर के हाथ लगी है, यहां उसी का खुलासा किया जा रहा है। 40 से 50 करोड़ तक की एंट्रियों वाले नामों ने सवाल सुनने के बाद चुप्पी साध ली है। वे हिसाब नहीं दे पाए कि आखिर उनकी किस बात की एंट्रियां हैं। जबकि कुछ लोगों ने स्वीकारा कि उन्होंने संबंधित कंपनियों से लेन-देन किया और उनका पैसा भी डूब गया। जबकि कुछ ने कहा कि कंपनियों से उन्होंने अपना हिसाब- किताब निपटा लिया है, इसलिए नाम उजागर नहीं करें। हालांकि अभी और भी रसूखदार धीरे-धीरे सामने आएंगे। जिस पर हमारी नजर बनी हुई है। यहां हम केवल वही नाम दे रहे हैं, जिनका पक्ष हमने जाना है। नामों की सूची बहुत लंबी है।
क्या है मामला
पंकज मेहाड़िया और लोकेश जैन, कार्तिक जैन, बालमुकंुद केयाल, प्रेमलता मेहाड़िया ने मेहाड़िया सेल्स ट्रेड काॅर्पोरेशन, मेहाड़िया सेल्स ट्रेड काॅर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड, नंदलाल डी मेहाड़िया, लोकेश मेटेलिक्स, सद्गुरु इंटरप्राइजेज, नंद सन्स लॉजिस्टिक लिमिटेड कंपनियों के माध्यम से 875 करोड़ का बाजार से लेन-देन किया और अप्रैल 2017 में खुद एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में जाकर हाथ खड़े कर दिए कि वह पैसा नहीं दे सकता। अपनी बैलेंसशीट भी सबमिट की कि वह संबंधित रकम नहीं दे सकता है और न ले सकता है। इसी विवाद में नवंबर 2021 में पुलिस की ईओडब्ल्यू शाखा में मामला दर्ज हुआ। जहां पंकज पुलिस की गिरफ्त में है और उसके अन्य साथी फरार हैं। हाल ही में इस केस की जांच पूरी कर पांचों कंपनियों और उनके डायरेक्टरों को दोषी भी माना। हालांकि मात्र अभी तक 40 लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थी, बाकी 843 करोड़ का हिसाब बाकी है।
भास्कर का सवाल
पांच घोटालेबाज कंपनियों में आपकी एंट्रियां क्यों हैं? यदि यह सही है तो आपने करोड़ों रुपए की रकम लेने और देने के लिए अब तक सामने क्यों नहीं आए
42 करोड़ से अधिक की एंट्री पर जवाब नहीं दे पाए
नाम- संजय अग्रवाल
कितनी एंट्री : सुरेंदर फिस्कल प्रा.लि. ग्रेस इंडस्ट्रीज, सन विजय रोलिंग इंजीनियरिंग लि. व निजी नामों से पांचों कंपनियों में 42 करोड़ 56 लाख 83 हजार 560 रुपए से अधिक की एंट्री हैं।
संजय अग्रवाल से दैनिक भास्कर ने संपर्क किया, उनके मोबाइल पर बात हुई। उन्होंने पूरा मामला सुन लिया और जब जवाब देने की बारी आई तो कहा कि वे कहीं व्यस्त हैं, थोड़ी देर में बात करते हैं। इसके बाद उनका कोई फोन नहीं आया और जब मैसेज कर दो बार जवाब मांगा गया तब भी वे इस पर कोई जवाब नहीं दे पाए।
45 करोड़ से अधिक की एंट्री पर कहा- वो जवाब नहीं देंगे
नाम- विनोद गर्ग
कितनी एंट्री- बाइब्रेंट ग्लोबल ट्रेनिंग प्रा. लि. और खुद विनोद गर्ग और उनके पुत्रों के नाम पर पांचों कंपनियों में 45 करोड़ 15 लाख 99 हजार 602 रुपए से अधिक की एंट्री हैं।
इस मामले में विनोद गर्ग से जवाब मांगने के लिए हमने उनके लोवर परेल स्थिति मुंबई कार्यालय के फोन नंबर 022-41731000 पर संपर्क किया। यहां मौजूद रिसेप्शनिस्ट ने पूरा मामला समझा, फिर विनोद गर्ग को बताने काे कहा। उन्होंने कहा- वे इस मामले पर दूसरे दिन बात करेंगे। जब दूसरे दिन फोन लगाया तो बताया गया कि वे इसका जवाब नहीं देना चाहते।
हमारे साथ 40 करोड़ का धोखा हुआ, कुछ नहीं मिला
नाम- एसआर दाखेरा
कितनी एंट्री- महालक्ष्मी टीएमटी प्रा.लि. के नाम से पांचों कंपनियों में 40 करोड़ के करीब एंट्रियां हैं।
पंकज मेहाड़िया और उनके साथियों के साथ मेरा व्यवहार था। उसकी बैलेंसशीट में जो मेरे नाम की एंट्रियां बताई जा रही हैं वही सही हैं। पंकज मेहाड़िया से अच्छे व्यापारिक संबंध थे। उसके कहने पर हमने कई लोगों को उधार माल दिया। अब लग रहा है गलती हो गई। मुझे 40 करोड़ रुपए उनसे लेना है, मगर नहीं मिले। आगे उम्मीद भी कम दिख रही है। कितने मिलेंगे पता नहीं।
एंट्रियां सही हैं, मगर मुझे कुछ नहीं चाहिए, इसलिए आप मेरे बारे में न लिखें
नाम : भारत अग्रवाल
कितनी एंट्री: बेरार मेटल प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज पीवीटी, एलटीडी के नाम से पंकज मेहाड़िया से संबंधित कंपनियों में 24 करोड़ 68 लाख 2 हजार 808 रुपए की एंट्रीज हैं।
पंकज मेहाड़िया से मेरा लेन-देन था। यह सही है। मेरे नाम की एंट्रियंा भी सही हैं, मगर मुझे अब उससे कुछ नहीं चाहिए। सब हिसाब-किताब हो गया है। इसलिए आप मेरे बारे में कुछ भी नहीं लिखें।
शहर के अच्छे-अच्छों की रकम अटक गई, मेरा तो उनके सामने कुछ भी नहीं
नाम- संदीप सुरी
एंट्रियां- करीब एक करोड़ रुपए की एंट्री संदीप सुरी ग्रुप के नाम से हैं।
मेरे नाम की एंट्री सही है। मगर मेरे जो पैसे पंकज मेहाड़िया के विश्वास में अटक गए, वह रकम तो दूसरों के मुकाबले कुछ भी नहीं है। अच्छे-अच्छों के करोड़ों अटके हैं। उम्मीद है कभी मिल जाए। वैसे शहर में लगभग हर बड़ा आदमी उसका शिकार बना। हालांकि लालच के कारण लोग फंसते गए।
हमारा लेन-देन था मगर अब मतलब नहीं है
एंट्रियां- गोलेचा ग्रुप के नाम से पंकज मेहाड़िया के खातों में करीब 2 करोड़ 25 लाख से अधिक की एंट्री है
नाम- विशाल गोलेचा
हमारा कभी पंकज मेहाड़िया से लेना-देना था। यह उसी की एंट्री हैं, अभी कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए इस पर कुछ नहीं बोलना।
मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से ईडी की जांच शुरू की है
पूर्णिमा आर्य, डिप्टी डायरेक्टर ईडी के मुताबिक पंकज मेहाड़िया का प्रकरण ईडी ने दर्ज किया है। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर कई एंगल पर जांच की जा रही है। इसमें हम संबंधितों को नोटिस देकर जांच कर रहे हैं, इसलिए इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है।
Created On :   5 May 2022 1:46 PM IST