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नर्मदा एक्सप्रेस-वे : जहाँ से गुजरना है वहाँ आर्थिक गतिविधियाँ कैसे बढ़ेंगी, इसका पहले होगा आकलन
एमपीआरडीसी ने कंसल्टेंट किया अपॉइंट, फिजिबिलिटी के बाद जहाँ से गुजरना है उन हिस्सों की सड़क को उसी आधार पर दिया जाएगा आकार, प्रति किलोमीटर करीब 25 करोड़ के खर्च का अनुमान
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ उन क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा कैसे मिले इसकी संभावनाएँ पहले तलाशी जाएँगी। मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने इसके लिए एक कंसल्टेंट अपॉइंट किया है। एमपीआरडीसी को विशेषज्ञ यह बतायेंगे कि नर्मदा तट के किनारे जिन हिस्सों से यह एक्सप्रेस-वे गुजरना है वहाँ आर्थिक एक्टिविटीज को बढ़ावा कैसे मिल सकेगा। आकलन रिपोर्ट आने के बाद (फिजिबिलिटी ) यानी संभावनाओं को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से पूरे क्षेत्र के विकास को एक नई दिशा मिलेगी।
गौरतलब है कि 4 साल पहले एनएचएआई ने इस एक्सप्रेस-वे को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही दे दी है। एमपीआरडीसी के द्वारा इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की कवायद आरंभ की गई थी पर राज्य में सरकार बदलते ही यह प्रोजेक्ट ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया था। बीते साल प्रदेश में सरकार बदलते ही इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर फिर से काम आरंभ किया गया है। हाल ही में बजट में घोषणा भी की गई इस एक्सप्रेस-वे को उस अंदाज में निर्मित किया जाएगा जिससे इसके किनारे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा भी मिल सके। प्रारंभिक रूप से जो आकलन पिछली बार किया गया था उसमें यह बात सामने आई थी कि प्रति किलोमीटर 25 करोड़ इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में खर्च होंगे। छोटे बड़े 29 शहरों, कस्बों को इससे लाभ मिलेगा। डीपीआर को अंतिम रूप मिलने के बाद इसकी निर्माण एजेंसी भी तय हो सकेगी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इण्डिया, एमपीआरडीसी या लोक निर्माण एनएच कौन बनायेगा यह केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय तय करेगा।
इन हिस्सों से गुजरना है
अमरकंटक, डिण्डौरी, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, पिपरिया, होशंगाबाद, हरदा, हरसूद, खण्डवा, बड़वानी, अलीराजपुर इसके बाद गुजरात की सीमा में प्रवेश करेगा। कुल 1300 किलोमीटर के करीब इसकी लंबाई अभी आँकी गई है। 13 जिले इसके दायरे में आयेंगे। गुजरात की सीमा में इस पर काम गुजरात की सरकार करेगी।
इनका कहना है
एमपीआरडीसी के मुख्यालय में इस पर कार्य आरंभ कर दिया गया है। पहले कंसल्टेंट गतिविधियाँ, फिजिबिलिटी बतायेंगे उसके बाद जहाँ से यह गुजरना है उसको अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बनने से निश्चित तौर पर बड़ी आबादी को लाभ मिलने वाला है।
राजेन्द्र चंदेल, डीएम एमपीआरडीसी
Created On :   13 March 2021 3:36 PM IST