ट्रांसमिशन कंपनी जबलपुर से कर रही शुरुआत - नैरो बेस टावर से दूर होगी डबल सर्किट लाइन डालने की बाधा

Narrow Base Tower will be away from the obstacle of laying double circuit line
ट्रांसमिशन कंपनी जबलपुर से कर रही शुरुआत - नैरो बेस टावर से दूर होगी डबल सर्किट लाइन डालने की बाधा
ट्रांसमिशन कंपनी जबलपुर से कर रही शुरुआत - नैरो बेस टावर से दूर होगी डबल सर्किट लाइन डालने की बाधा

डिजिटल डेस्क जबलपुर। नई पावर ट्रांसमिशन लाइन लगाने या उसके विस्तार में घनी आबादी के कारण आ रही दिक्कतों का समाधान मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने निकाल लिया है। जबलपुर के अनेक क्षेत्रों को सप्लाई देने वाले ट्रांसमिशन कंपनी के 132 केवी सब स्टेशन विनोबा भावे को अति उच्चदाब सप्लाई का एक और विकल्प उपलब्ध कराने व्हीकल फैक्टरी से विनोबा भावे सब स्टेशन की 5 किलोमीटर लाइन में पडऩे वाले घनी आबादी के इलाकों में पहली बार नैरो बेस टावर का उपयोग किया जा रहा है। जहाँ पारम्परिक टावर को फाउंडेशन होने के बाद करीब 94 वर्गमीटर की आवश्यकता पड़ती है, वहीं नैरो बेस को मात्र 9 वर्गमीटर की जगह लगेगी। इसके अलावा इन टावरों की ऊँचाई भी अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षात्मक होगी। अन्य टावर जहाँ 10 मीटर ऊँचे रहते हैं वहीं नेरो बेस टावर की ऊँचाई 15 मीटर रहेगी। इससे शहर से गुजरने वाली ट्रांसमिशन लाइन की ऊँचाई पूर्व की तुलना में अधिक होगी और इससे जन-धन की हानि से भी बचा जा सकेगा। खास बात यह है कि जबलपुर में डबल सर्किट लाने करीब 18 लोकेशन पर नए टावरों का निर्माण किया जा रहा है जिसमें 13 टावर नैरोबेस डिजाइन के होंगे तथा 5 टावर पारम्परिक होंगे।
132 सब स्टेशनों का विस्तार भी होगा
पावर ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी सुनील तिवारी ने बताया कि 132 केवी सब स्टेशन विनोबा भावे सघन आबादी वाले इलाके में बना है। इसके विस्तार और डबल सर्किट करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए कंपनी प्रदेश में पहली बार नई डिजाइन के नैरो बेस टावर का उपयोग कर रही है। जिसमें कम जगह पर टावर लगाकर पावर ट्रांसमिशन लाइन स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त शहर की विद्युत आपूर्ति को और अधिक मजबूत करने 132 केवी सब स्टेशन व्हीएफजे और 132 केवी सब स्टेशन विनोबा भावे का भी विस्तार किया जा रहा है। व्हीएफजे में चार 132 केवी के फीडर बनाए जा रहे हैं जिससे सुरक्षा संस्थानों को दो से अधिक 132 केवी लाइन की सप्लाई उपलब्ध रहेगी, साथ ही 132 केवी सब स्टेशन व्हीएफजे और विनोबा भावे सब स्टेशन की 220 केवी सब स्टेशन नयागाँव पर निर्भरता कम होगी।
ये होंगे फायदे 
 जानकारों की मानें तो व्हीएफजे से वर्तमान में सिर्फ 220 केवी सब स्टेशन जबलपुर से सप्लाई आती है, मगर इसका विस्तार करते हुए यहाँ 132 केवी के चार फीडर निर्मित किए जा रहे हैं जो 132 केवी माढ़ोताल होते हुए 220 केवी सब स्टेशन पनागर से जोड़े जाएँगे। इस तरह सब स्टेशन में दो अतिरिक्त 132 केवी की सप्लाई उपलब्ध रहेगी।  किसान अब अपनी फसल लेकर बैठे हैं लेकिन खरीदी बंद हो गई। वहीं पोर्टल भी पिछले 10 दिनों से बंद है, जिससे कारण किसानों को परेशानी हो रही है। पोर्टल कब खुलेगा इसे लेकर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है।

Created On :   26 July 2021 11:32 AM GMT

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