22 अक्टूबर से रांची में होगी भाजपा जनजातीय मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक

National Executive meeting of BJP Tribal Front in Ranchi from 22 to 24 October
22 अक्टूबर से रांची में होगी भाजपा जनजातीय मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक
झारखंड 22 अक्टूबर से रांची में होगी भाजपा जनजातीय मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक

डिजिटल डेस्क, रांची। भारतीय जनता पार्टी जनजातीय समाज के बीच पैठ बढ़ाने की रणनीति के तहत झारखंड की राजधानी रांची में भाजपा के दिग्गजों का जुटान होने जा रहा है। पार्टी के जनजातीय मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 22 से 24 अक्टूबर रांची में होगी, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार में शामिल आठ मंत्री और लोकसभा एवं राज्यसभा के 46 सांसद शामिल होंगे।

पार्टी की अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने रविवार को बताया कि कार्यकारिणी की बैठक कुल सात सत्रों में होगी। पहले दिन भाजपा के एसटी मोर्चा के पदाधिकारी बैठक में शामिल होंगे। इसके अगले दिन यानी 23 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कार्यकारिणी का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। बैठक का समापन 24 को होगा। इन तीन दिनों के दौरान जनजातीय समाज के लिए केंद्र और भाजपा शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों, समाज की चुनौतियों और दूसरे विषयों पर मंथन होगा।

माना जा रहा है कि कार्यकारिणी में मंथन का खास फोकस झारखंड पर होगा। यहां की विधानसभा में आदिवासियों के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं, लेकिन 2019 में हुए चुनाव में भाजपा को इनमें से 26 सीटों पर पराजय झेलनी पड़ी थी और इस राज्य में पार्टी के सत्ता से बाहर होने की यही सबसे बड़ी वजह मानी गई थी। झारखंड की पराजय भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी एक बड़ा झटका थी। भाजपा को इस बात का बखूबी एहसास है कि झारखंड प्रदेश की सत्ता हाथ से निकलने के कितने नुकसान हैं। देश की हिंदी पट्टी के प्रदेशों में अपेक्षाकृत छोटा होने के बावजूद यह देश की अर्थव्यवस्था को आधार देनेवाला एक महत्वपूर्ण राज्य है और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व जानता है कि इस राज्य की सत्ता जनजातीय समाज के बीच पैठ के बिना हासिल नहीं हो सकती।

अपार खनिज संपदा की वजह से केंद्र की अब तक की सभी सरकारों की इस प्रदेश पर खास निगाह रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में बनी सरकार ने भी शुरू से ही झारखंड पर खास निगाह रखी। नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत सहित केंद्र की तीन बड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं की लांचिंग के लिए बार-बार झारखंड को चुना था, तो यह माना गया था कि यह प्रदेश भाजपा के लिए राजनीतिक-रणनीतिक और आर्थिक तौर पर बेहद अहम है। झारखंड के जनजातीय समाज को साधने की कवायद के तहत ही पार्टी ने इस प्रदेश के राज्यसभा सांसद समीर उरांव को पिछले वर्ष जनजातीय मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया।

हालांकि आईएएनएस ने रविवार को जब समीर उरांव से यह सवाल पूछा कि क्या भाजपा की निगाह जनजातीय समाज के वोट बैंक पर है? तो उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। भाजपा ने जनजातीय समाज को जितना सम्मान दिया है, उतना अब तक किसी दूसरी पार्टी और सरकार ने नहीं दिया। देश की आजादी के बाद पहली बार देश में केंद्रीय कैबिनेट में जनजाति समाज के आठ लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र की भाजपा सरकार एक साथ कई योजनाओं पर काम कर रही है, जबकि बाकी पार्टियों और सरकारों ने उन्हें केवल वोट बैंक के तौर पर ही देखा है।

(आईएएनएस)

Created On :   17 Oct 2021 4:30 PM GMT

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