गोंडवाना यूनिवर्सिटी को मंजूर हुआ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का संशोधन प्रकल्प

National Human Rights Commissions amendment project was approved by Gondwana University
गोंडवाना यूनिवर्सिटी को मंजूर हुआ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का संशोधन प्रकल्प
गड़चिरोली गोंडवाना यूनिवर्सिटी को मंजूर हुआ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का संशोधन प्रकल्प

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली. भारत सरकार के राष्ट्रीय मानवी हक आयोग का वर्ष 2020 का प्रतिष्ठित संशोधन प्रकल्प गड़चिरोली के गोंडवाना विश्व विद्यालय को मंजूर हुआ है। इस प्रकल्प के लिए आयोग ने कुल 14 लाख 35 हजार रुपए की निधि मंजूर की है। इस प्रकल्प का संशोधन कार्य विवि के समाजशास्त्र विभाग प्रमुख प्रा. डा. धनराज पाटील और उनकी टीम मिलकर करेगी। महाराष्ट्र प्रदेश के सार्वजनिक विवि में इस तरह का प्रकल्प पाने वाला गड़चिरोली का गोंडवाना विवि राज्य का पहला विवि है। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्गम क्षेत्र के कुछ चुनिंदा ग्राम पंचायतों और उनके गांवों में जाकर इस प्रकल्प के तहत संशोधन किया जाएगा। 

किस तरह का होगा संशोधन 

महाराष्ट्र राज्य के गड़चिरोली और छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर इलाके में आदिवासी नागरिकों की संख्या काफी अधिक मात्रा में है। इस क्षेत्र में कार्यरत ग्राम पंचायत और ग्रामसभाएं अपने स्तर पर आदिवासी क्षेत्र का विकास कर रहीं हंै। साथ ही ग्रामीणों को आत्मनिर्भर भी बना रहीं हैं। राष्ट्रीय मानवी हक आयोग के संशोधन प्रकल्प के तहत गोंडवाना विवि की टीम इसी क्षेत्र में पहुंचकर ग्रापं और ग्रामसभाओं के कार्य का अवलोकन करेगी। उनके कार्यों का मूल्यमापन कर विभिन्न प्रकार के कानून की जानकारी ग्रापं व ग्रामसभा प्रतिनिधियों को देगी। वर्षों से हाे रहे कार्यों में सुलभता और सरलता लाने के लिए उन्हें मदद भी की जाएगी। संशोधन के इस कार्य के लिए ग्रापं पंचायत और ग्रामसभा के क्रियाशील सदस्य, अशासकीय और शासकीय सदस्यों का चयन भी किया जाएगा। भारत सरकार के राष्ट्रीय मानवी हक आयोग का एक पत्र गोंडवाना विवि को प्राप्त हो चुका है। संशोधन का यह कार्य युद्धस्तर पर आरंभ करने के निर्देश भी आयोग ने दे दिए हैं। इन निर्देशों का पालन कर विवि भी अब जल्द ही संशोधन का कार्य आरंभ करेगा। 

कौन हैं प्रा. डा. पाटील 

प्रा. डा. धनराज पाटील ने इसके पूर्व ही बुंदेलखंड और आंध्रप्रदेश जैसे पिछड़े क्षेत्र के समुदाय केंद्र का ‘भारत के पहले समुदाय रेडिओ की भूमिका’ इस विषय पर संशोधन प्रकल्प पूर्ण किया है। इस प्रकल्प के लिए उन्हें भारत सरकार के समाज विज्ञान संस्था से अनुदान भी प्राप्त हुआ था। प्रा. डा. पाटील ब्राजील देश के समाजशास्त्र संशोधकों के पैनल के सदस्य होकर दक्षिण अफरिका के नॉर्थ-वेस्ट इस सार्वजनिक विश्व विद्यालय में समाजशास्त्र संशोधन मंडल के अंतरराष्ट्रीय  विशेषज्ञ परीक्षक के रूप में कार्य संभाल रहे हंै। वर्तमान में वे गड़चिरोली के गोंडवाना विवि में समाजशास्त्र विभाग प्रमुख के रूप में भी कार्यरत है। 

उनकी सफलता पर विवि कुलपति डा. प्रशांत बोकारे, प्र-कुलपति डा. श्रीराम कावले, कुलसचिव डा. अनिल चिताडे समेत प्रबंधन व अधिसभा सदस्यों ने उनका अभिनंदन किया है। 

Created On :   21 March 2022 5:54 PM IST

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