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राष्ट्रीय लोक अदालत: 53 हजार से अधिक मामले हुए निराकृत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेश भर की अदालतों में सुबह से शाम तक 53 हजार से अधिक मामले परस्पर सहमति से निराकृत हुए। इनमें प्री-लिटिगेशन व न्यायालयों से भेजे गए लंबित प्रकरण शामिल रहे। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव राजीव कर्महे ने बताया कि समझाइश से समाधान की इस प्रक्रिया में एक अरब 61 करोड़ से अधिक का मुआवजा वितरित हुआ। इस बार कुल पाँच लाख दो हजार 789 मामले सुनवाई के लिए रखे गए थे, जिनमें से 53 हजार 857 में समझौता कराने में सफलता मिली।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व कार्यपालक अध्यक्ष प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू के मार्गदर्शन में प्रात: 10 बजे से राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ हुआ। प्रदेश भर में कुल 1313 खंडपीठों के जरिए समझाइश देने का कार्य शुरू किया गया। इनमें से 12 खंडपीठ हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर व इंदौर-ग्वालियर बेंच से संबंधित थीं। जबकि शेष 1301 खंडपीठ राज्य की अधीनस्थ अदालतों से संबंधित थीं।
इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत की विशेषता यह रही कि प्रदेश भर के अनेक ऐसे परिवारों को पुनर्वासित किया गया, जो बिखरने-टूटने की कगार पर थे। वहीं अनेक पक्षकारों को छूटों का लाभ देते हुए लंबे समय से चले आ रहे विवादों से राहत दी गई। हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर में न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी व अधिवक्ता संजय राम ताम्रकार की युगलपीठ ने समझौता योग्य मामलों की सुनवाई करते हुए 32 लाख, 50 हजार का मुआवजा वितरित किया।
बीमा कंपनी 14 लाख देने हुई तैयार
जिला न्यायालय जबलपुर में पीठासीन अधिकारी आलोक कुमार सक्सेना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सड़क दुर्घटना में एक हाथ खो बैठे युवक के दर्द को समझा। इसी के साथ बीमा कंपनी को समझाइश दी। इसका यह नतीजा हुआ कि बीमा कंपनी 14 लाख देने तैयार हो गई।
पड़ोसियों का मनमुटाव दूर
जिला न्यायालय जबलपुर में पीठासीन अधिकारी तबस्सुम खान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बेलबाग थाना अंतर्गत बच्चों के झगड़े के कारण पड़ोसियों में चले आ रहे मनमुटाव को दूर करने समझाइश का सहारा लिया। अवयस्क बालिका की ओर से उसके पिता ने राजीनामा के लिए सहमति जताई, इसी के साथ दोनों पड़ोसी एक बार फिर अच्छे संबंध कायम रखने तैयार हो गए।
पति-पत्नी एक साथ रहने तैयार
जिला न्यायालय जबलपुर में पीठासीन अधिकारी विश्वेश्वरी मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष पति-पत्नी के विवाद का मामला आया। दोनों को इतने मनोवैज्ञानिक तरीके से समझाया गया कि वे एक साथ रहने तैयार हो गए। इसी तरह पारिवारिक सदस्यों के बीच विवाद के दो दांडिक प्रकरणों तक में समझौता हो गया।
दूरभाष कंपनी से जुड़े 16 विवाद हुए समाप्त
लोकोपयोगी सेवाओं की लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी उमाशंकर अग्रवाल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दूरभाष कंपनी के 16 प्रकरणों का निराकरण किया। इस प्रक्रिया में 40339 रुपए वसूल हुए। इसी तरह नगर निगम, जबलपुर के कुल 1670 प्रि-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए एक करोड़ 16 लाख 58 हजार 605 रुपए की वसूली की गई।
Created On :   13 Aug 2022 9:44 PM IST