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अगले तीन साल में तैयार हो जाएगा नवी मुंबई हवाईअड्डा, गूंजा हीट वेव का मुद्दा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। औरंगाबाद से सांसद सय्यद ईमत्याज जलील ने सोमवार को लोकसभा में उनके संसदीय क्षेत्र के जालना रोड पर फ्लाई-ओवर के निर्माण की मांग की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान की मांग पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए अपने क्षेत्र की सड़क निर्माण से संबंधित विभिन्न मांगों को सदन में रखा। उन्होंने देश में सड़कों का जाल बिछाने के काम के लिए केन्द्रीय मंत्री गडकरी की तारीफ करते हुए कहा कि वे अपने क्षेत्र में एक फ्लाईओवर की मांग कर रहे है, लेकिन कई बार इस मसले पर मंत्री से चर्चा के बाद भी मामला आगे नहीं बढ़ा है। उन्होंने कहा कि गडकरी साहब चुस्त है, लेकिन उनके मंत्रालय के अधिकारी सुस्त है और उनके आदेश की अवहेलना भी कर रहे है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2019 को मंत्री ने एक ट्वीट के जरिए मुख्य अभियंता को औरंगाबाद-सिलोड-जलगाव राजमार्ग की 8 दिन में मरम्मत करने के लिए कहा गया था। इसे चार साल हो रहे है, लेकिन अब तक इस मार्ग की स्थिति में कोई सुधार नहीं किया गया है। सांसद ने कहा कि मंत्री कहते है कि वे हर रोज 37 किलोमीटर नैशनल हाईवे बना रहे है, एक साल में साढ़े तेरह हजार किलोमीटर का लक्ष्य रखे है। औरंगाबाद से अजंता जाने वाली सड़क महज 150 किलोमीटर है, लेकिन यह भी पिछले 5 सालों में नहीं बन सकी है।
सांसद तुमाने ने पूछा - ईएसआइसी अस्पताल का निर्माण कार्य पिछले दो साल से लंबित क्यों
रामटेक से शिवसेना सांसद कृपाल तुमाने ने सोमवार को उनके संसदीय क्षेत्र में ईएसआइसी अस्पताल का निर्माण कार्य पिछले दो साल से लंबित पडे मुद्दे की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए जानना चाहा कि आखिर इससे संबंधित सभी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद निर्माण कार्य क्यों रुका पड़ा है और इसे कब तक शुरु किए जाने का विचार है। सांसद तुमाने ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में माइनिंग में काम करने वाले लगभग दो लाख कामगार है और एमआईडीसी में काम करने वालों की संख्या की लगभग इतनी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में उनके संसदीय क्षेत्र में ईएसआईसी अस्पताल के निर्माण की घोषणा हुई थी और 2019 में एमआईडीसी के अंदर दी गई भूमि का तत्कालीन श्रम मंत्री संतोष गंगवार और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में भूमिपूजन किया गया। दो साल बीत गए, लेकिन अस्पताल के निर्माण का कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है। सांसद तुमाने जब इसकी वजह पूछी तो जवाब में केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव ने पूरे देश में ऐसे 57 अस्पतालों का काम लंबित होने के लिए अलग-अलग कारणों को गिनाया, लेकिन स्पष्ट रुप से यह नहीं बताया कि अस्पताल का निर्माण कार्य कब शुरु होगा। हालांकि, उन्होंने यह बताया कि सरकार ने ईएसआइसी के डैशबोर्ड का गठन किया है और जिन अस्पतालों का कार्य लंबित पड़ा है उस बारे में इस पर प्राप्त जानकारी के आधार पर सारी कार्रवाइयों को पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
सांसद तुमाने ने नागपुर में चल रहे ईएसआईसी अस्पताल की खस्ताहाल का मुद्दा भी सरकार के संज्ञान में लाया। उन्होंने कहा कि सौ बेड वाले इस सरकारी अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है। यहां केवल एक एक्स-रे मशीन है। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सरकार उनके संसदीय क्षेत्र में अस्पताल शुरु होने तक क्या इस अस्पताल में सारी मशीनों सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी? इस पर केन्द्रीय मंत्री यादव ने तुमाने को आश्वस्त किया है कि नागपुर के इस अस्पताल की समस्या का वह जल्द समाधान करेंगे।
अगले तीन साल में तैयार हो जाएगा नवी मुंबई हवाईअड्डा : सिंधिया
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सरकार हवाई मार्ग के माध्यम से देश के छोटे शहरों को बड़े शहरों से जोड़ने में जुटी है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हम पूरी तरह संकल्पित है। इस दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का ही नतीजा है कि जेवर में नए हवाईअड्डे की आधारशिला रखी गई है और नवी मुंबई में बन रहा हवाईअड्डा अगले तीन साल में काम करना शुरू कर देगा।सिंधिया ने सोमवार को राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान राकांपा सदस्य व पूर्व नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। पटेल ने ‘उड़ान योजना’ के तहत छोटे शहरों से शुरू हो रही हवाई सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह योजना तभी सफल मानी जाएगी, जब छोटे शहरों को बड़े शहरों से जोड़ा जाएगा। उन्होने महाराष्ट्र के गोंदिया से हैदराबाद और इंदौर के लिए हवाई सेवा शुरू करने के लिए मंत्री को धन्यवाद दिया, साथ ही कहा कि गोंदिया से मुंबई, दिल्ली की सेवा कहीं ज्यादा जरूरी है। लेकिन मेट्रो शहरों में स्लॉट की कमी के चलते इस काम में मुश्किल आ रही है। इसके उत्तर में सिंधिया ने कहा कि सरकार छोटे शहरों को बड़े शहरों से जोड़ने में जुटी है। इसके लिए बड़े शहरों के हवाईअड्डों के विस्तारीकरण का काम चल रहा है। उन्होने बताया कि दिल्ली हवाईअड्डे से आज लगभग 7 करोड़ यात्री निकलते हैं। हम दिल्ली की क्षमता 7 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने में जुटे हैं। इसी पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जेवर में नए हवाईअड्डे की आधारशिला रखी है। जेवर में वर्ष 2024 तक लगभग एक करोड़ 20 लाख की क्षमता का पहला चरण तैयार हो जाएगा। इसी प्रकार नवी मुंबई में बन रहा हवाईअड्डा अगले तीन साल में बन कर तैयार हो जाएगा।
राज्यसभा में गूंजा हीट वेव का मुद्दा
मौसम विभाग की ओर से अगले कुछ दिनों में हीट वेव (लू) की चेतावनी जारी करने के बाद सोमवार को यह मुद्दा राज्यसभा में भी गूंजा। सदन के सदस्य डॉ विकास महात्मे ने इस मुद्दे को उठाते हुए इससे होने वाले असर और चुनौतियों को सदन के सामने रखा तो सभापति वेंकैया नायडू ने भी इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने इस मुद्दे को बेहद गंभीर बताते हुए केन्द्र सरकार को इससे लड़ने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के साथ राज्यों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए कहा। सरकार ने भी सदन को आश्वस्त किया कि वह इस मामले में शीघ्र दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में 17 मार्च से लू की स्थिति और भी ज्यादा गंभीर होने की चेतावनी दी है। सांसद महात्मे ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मार्च महीने में ही कई शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है। जबकि मई आने में अभी और समय है। उन्होंने मौसम वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के हवाले से बताया कि भारत में 50 सालों में हीट वेव से 17000 से भी ज्यादा मौतें हुई है। लू के कारण हीट क्रैम्प्स, हीट स्ट्रोक और गर्मी से थकावट की केसेस बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि हीट वेव का असर न केवल स्वास्थ्य पर बल्कि अनाज, फल, जानवरों और खेती पर भी होता है। पिछले साल यूनाइटेड स्टेट और कनाडा में हीट वेव से 1400 से भी अधिक लोगों की मौत हुई है और हजारों एकड़ जंगल जल गया है। सांसद महात्मे ने चिंता जाहीर करते हुए सरकार से अनुरोध किया कि हमारे यहां भी ऐसे हालात न बने इसके लिए केन्द सरकार ने हीट वेव से लड़ने के लिए राष्ट्रीय नीति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने हीट वेव को लेकर यलो अलर्ट जारी कर दिया है। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि इस चेतावनी के साथ उसका सामना करने के लिए राज्यों ने क्या करना चाहिए इस संबंध में एक एसओपी या दिशा-निर्देश जारी किया जाए।
Created On :   21 March 2022 9:41 PM IST