नवोदय बैंक घोटाला : खामगांव में रिश्तेदार के घर छुपे आरोपी को पकड़ा

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
नवोदय बैंक घोटाला : खामगांव में रिश्तेदार के घर छुपे आरोपी को पकड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नवोदय बैंक घोटाले में फरार उद्यमी को खामगांव से गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया है।  अपराध शाखा के आर्थिक विभाग ने उसे विशेष अदालत में पेश कर पीसीआर में लिया है। आरोपी बालकिशन मोहनलाल गांधी (48) मानेवाड़ा रोड स्थित लाडीकर ले-आउट निवासी है और ग्लैडस्टोन समूह में भागीदार है। वर्ष 2010-11 में बालकिशन ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से मे. मित्तल बिल्डर्स, मे. क्वालिटी ट्रेडर्स के नाम से कुल 5 करोड़ 69 लाख का कर्ज नवोदय अर्बन को-ऑप. बैंक लिमिटेड से लिया था। 30 जून 2017 तक ब्याज समेत कर्ज की रकम 8 करोड़ 46 लाख 29 हजार 262 रुपए हो गई है, जो अब तक चुकता नहीं की गई है। 

अब तक करीब 14 किए गए गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि नवोदय बैंक में कुल 38 करोड़ 75 लाख 20 हजार 641 रुपए का घोटाला हुआ है। लेखा परीक्षक की शिकायत पर धंतोली थाने में बैंक के संचालक मंडल सहित बैंक अधिकारी और कर्जदारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। मामला करोड़ों से जुड़ा होने के कारण अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच सौपी गई थी। अभी तक बैंक अध्यक्ष अशोक धवड़, पूर्व पार्षद विजय बाभरे, झाम समूह के तीन संचालक व अन्य 13 से 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रकरण में अभी भी कई लोगों की गिरफ्तारी होना बाकी है। इस बीच बैंक घोटाले में लिप्त उद्यमी बालकिशन अपने रिश्तेदार जगदीश चंपालाल मंत्री के घर खामगंाव में छिपे होने की गुप्त सूचना मिली थी। उसके बाद आर्थिक विभाग की टीम ने खामगंाव जाकर बालकिशन को गिरफ्तार कर नागपुर ले आई। बुधवार की दोपहर विशेष अदालत में पेश कर बालकिशन काे 2 दिसंबर तक पीसीआर में लिया गया है। 

करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम देने के लिए आरोपियों में जो अधिकारी, कर्मचारी नौकरी छोड़कर गए हैं, उनके नाम पर भी कर्ज उठाया गया है। घटित प्रकरण से उन कर्मचारियों को भी पता नहीं है कि आरोपियों ने उनके नाम पर करोड़ों रुपए का कर्ज लिया है, जबकि इस बैंक के आर्थिक व्यवहार पर प्रतिबंधक लगा दिया गया था। इसके बावजूद लेन-देन का व्यवहार जारी रहा। इसके लिए बैंक के कम्प्यूटरों में छेड़छाड़ कर फर्जी रिकार्ड तैयार किया गया है। इतना ही नहीं, फर्जी खाते खोले गए, गिरवी संपत्तियों के दस्तावेज बकाया होने के बाद भी लौटाए गए। कई गिरवी संपत्तियों की कीमतें बढ़ाकर प्रकरण को अंजाम दिया गया है। 
 

Created On :   28 Nov 2019 6:40 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story