नक्सलियों ने बांटे धमकी वाले पर्चे, मंडला के मोती नाला क्षेत्र में बढ़ा मूवमेंट, सर्चिंग तेज

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नक्सलियों ने बांटे धमकी वाले पर्चे, मंडला के मोती नाला क्षेत्र में बढ़ा मूवमेंट, सर्चिंग तेज

डिजिटल डेस्क, मंडला। मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा में एक बार फिर नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। जिले के मोतीनाला थाना क्षेत्र में नक्सलीयों ने बमोरी, देवगांव में पर्चे फेंके हैं। जिसमें इस बार पुलिस के सूचना तंत्र को निशाना बनाया है और पुलिस को सूचना देने वालों को सावधान रहने की धमकी दी गई। एक पखवाड़े पहले भी नक्सली का मूवमेंट होने की जानकारी सामने आई थी।

पर्चे बांटने की घटना को लेकर मोतीनाला पुलिस और हॉक फोर्स के जवान थाना क्षेत्र में सर्चिंग कर रहे हैं, हलांकि अभी तक पुलिस को पर्चे नहीं मिलें हैं। सूत्रों ने बताया है कि मंडला जिले की सीमा क्षेत्र मवई मोतीनाला में नक्सलियों का मूवमेंट देखा गया है। नक्सली गतिविधियों को लेकर यह क्षेत्र अलर्ट है, लेकिन गत दिवस मोतीनाला थाना क्षेत्र से करीब 28 किलोमीटर दूर देवगांव, बमोरी में पर्चे फेंके जाने की जानकारी आई है। जिसमें पुलिस को सूचना देने वाले तंत्र को सावधान किया गया है।

बताया गया है कि इसके बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। वहीं मोतीनाला टीआई नीलेश परतेती का कहना है कि पर्चे बांटने की जानकारी लगी। नक्सली मूवमेंट को सूचना मिलती रहती है पुलिस एक्शन मोड में रहती है। जिससे की किसी भी स्थिति से निपटा जा सकें।

मददगार भी पकड़े जा चुके हैं
मोतीनाला थाना क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के मतदान दिवस के पांच दिन पहले नक्सलीयों का मददगार को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। आरोपी थाना क्षेत्र ग्राम भिमौरी निवासी शंकरलाल पिता माहूलाल धुर्वे 30 वर्ष के पास रखे बैग की तलाशी लेने पर नक्सली साहित्य, वायर, बैटरी, रस्सीबम बैटरी के सेल सहित अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया था।

यहां लेते शरण
केन्द्र सरकार के द्वारा मध्यप्रदेश के बालाघाट के बाद मंडला नक्सली प्रभावित की सूची में अभी एक साल पहले ही शमिल किया गया। नक्सली जिले आरामगाह का रूप ले चुके हैं। पिछले लंबे समय से लगातार या तो नक्सली के मददगार पकड़े जाते रहे हैं या उनके आने की सूचना मिलती रही है। समीपस्थ राज्य में किसी घटना को अंजाम देने के बाद या बिना कोई घटना किए भी पुलिस की चिंता से मुक्त होने के लिए नक्सली आते हैं। जानकार बताते है कि मवई मोतीनाला के जंगलों में कई बार यह नक्सली आराम करने आते हैं, इस दौरान यह पेड़ों व जंगलों में रहने वाले बैगाओं के साथ भी रह लेते हैं। जिससे यह पुलिस से सुरक्षित बने रहते हैं।

Created On :   14 Feb 2019 6:53 PM IST

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