एनसीबी ने जब्त और नष्ट की गई ड्रग्स की जानकारी देने से किया इनकार

NCB refuses to give details of drugs seized and destroyed
एनसीबी ने जब्त और नष्ट की गई ड्रग्स की जानकारी देने से किया इनकार
आरटीआई एनसीबी ने जब्त और नष्ट की गई ड्रग्स की जानकारी देने से किया इनकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने पिछले तीन सालों के दौरान जब्त और नष्ट किए गए नशीले पदार्थों की जानकारी देने से इनकार कर दिया है। जांच एजेंसी ने नियमों का हवाला देते हुए खुलासा करने से इनकार किया है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एनसीबी से पिछले तीन सालों में जब्त  और नष्ट की गई ड्रग्स की जानकारी मांगी थी।  अब गलगली ने जांच एजेंसी के आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।

गलगली ने 11 नवंबर 2021 को दो अलग-अलग आवेदनों के जरिए एनसीबी से पिछले 3 वर्षों में जब्त किए गए माल, ड्रग्ज के प्रकार, कुल मूल्य, कुल अपराध और अभियुक्तों की संख्या की जानकारी मांगी थी। दूसरे आवेदन में गलगली ने नष्ट की गई ड्रग्स की विस्तृत जानकारी मांगी थी। गलगली के दोनों आवेदनों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 24 के आधार पर खारिज कर दिया गया। गलगली ने कहा कि वे इस बात से हैरान हैं क्योंकि एनसीबी अधिकारी खुद विभिन्न माध्यमों से ड्रग्स के बारे में ढेरों जानकारी प्रदान करते हैं और विभिन्न दावे करते हैं। तो वे सूचना के अधिकार अधिनियम में नागरिकों को जानकारी देने से क्यों बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ड्रग्स से जुड़ी इस तरह की जानकारियां आसानी से मुहैया करा देती है फिर एनसीबी इससे बचने की कोशिश क्यों कर रही है। गलगली ने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ड्रग्स के मामले पर स्पष्टीकरण और इस तरह की कार्रवाई की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग की है। क्योंकि हर एक नागरिक को जब्त किया गया ड्रग्स और उनके निपटान का विवरण जानने का अधिकार है।

क्या कहता है अनुच्छेद 24

सूचना के अधिकार कानून की धारा 24 के मुताबिक केंद्र सरकार या ऐसे संगठनों, दूसरी अनुसूची में निर्दिष्ट खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा स्थापित निकायों द्वारा सरकार को प्रदान की गई कोई भी जानकारी इस अधिनियम में निहित किसी भी चीज़ के अधीन नहीं होगी। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ी जानकारी और इस उपधारा के तहत मानवाधिकारों के उल्लंघन को बाहर नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, मानव अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के संबंध में मांगी गई जानकारी के मामले में, सूचना केवल केंद्रीय सूचना आयोग के अनुमोदन के बाद प्रदान की जाएगी।

 

Created On :   28 Nov 2021 8:10 PM IST

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