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फर्जी वैक्सीनेशन वालों को केंद्र कोविन एप पर करें डी-रजिस्टर, टीका लगाने में आ रही अड़चन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में फर्जी टीकाकरण के शिकार हुए लोगों के सामने एक और मुश्किल आ गई है, उनको इस लिए फिर से टीका नहीं लग पा रहा है क्योंकि कोविन एप पर एक बार उनके टीकाकरण को लेकर रजिस्ट्रेशन हो चुका है। यह मामला अब बांबे हाईकोर्ट पहुंच चुका है। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि मुंबई महानगरपालिका की ओर से फर्जी कोविड टीकाकरण का शिकार हुए लोगों के पुनः टीकाकरण के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करे। जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि टीकाकरण पोर्टल से इनका नाम हटाना मुश्किल है।
इससे पहले मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि फर्जी टीके का शिकार हुए 2053 लोगों में से 161 लोगों को दोबारा टीका लगाया जा चुका है। शेष लोगों को भी टीका लगाने की तैयारी है। जिन्हें टीका नहीं लगा है उन्हें दोबारा कोविन पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। जिससे उनकी सही तरीके से टीकाकरण हो सके। इसलिए मनपा ने केंद्र को एक प्रस्ताव भेजा है कि फर्जी टीके के पीडितों को टीकाकरण पोर्टल से डी- रजिस्टर किया जाए। जिससे इनका नए सिरे से पंजीयन हो सके। यह कार्य केंद्र की मंजूरी के बिना संभव नहीं है।
इस पर केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि पोर्टल से नाम को हटाना (डी-रजिस्टर) संभव नहीं है। फिर भी केंद्र मनपा के प्रस्ताव पर विचार करेंगी।
इससे पहले सरकारी वकील अरुणा पई ने मुख्य न्यायादीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ को बताया कि कांदिवली इलाके में फर्जी टीकाकरण शिविर को लेकर दर्ज की गई एफआईआर की जांच पूरी हो गई है। जल्द ही इस मामले में आरोपपत्र दायर किया जाएगा। फिलहाल पुलिस मामले को लेकर केमिकल विश्लेषण रिपोर्ट की प्रतिक्षा कर रही है। यह 30 दिनों के भीतर मिलेगी। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हॉफकिन इंस्टीच्यूट शीघ्रता से पुलिस को रिपोर्ट प्रदान करे। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में किसी को छोड़ा न जाए। खंडपीठ ने अब याचिका पर सुनवाई 30 अगस्त को रखी है।
Created On :   30 July 2021 8:19 PM IST