लापरवाही - आखिरी दिन भी 30 केन्द्रों में नहीं हुई खरीदी

Negligence - 30 centers did not buy even on the last day
लापरवाही - आखिरी दिन भी 30 केन्द्रों में नहीं हुई खरीदी
लापरवाही - आखिरी दिन भी 30 केन्द्रों में नहीं हुई खरीदी

वारदाने की कमीं से बनीं स्थिति, चार हजार किसान अभी नहीं पहुंचे, अधिकारी नहीं दे पा रहे जवाब
डिजिटल डेस्क  कटनी ।
धान खरीदी केन्द्रों में आखिरी दिन किसानों की जमकर फजीहत हुई। 2 दिसम्बर से शुरु खरीदी का समापन 20 जनवरी को अव्यवस्थाओं के साथ समाप्त हुआ। 61 केन्द्रों में आधे केन्द्र ऐसे रहे। यहां पर बारदाने की कमी के चलते धान खरीदी का काम दोपहर बाद बंद हो गया। खरीदी केन्द्र प्रभारी वारदाने को लेकर हाय-तौबा मचाते रहे। लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिया कि वे केन्द्रों में पहुंचे किसानों का सत्यापन कर लें,बाद में उनसे धान खरीदी जाएगी। रही कसर सर्वर की धीमी चाल ने पूरी कर दी। अंतिम दिन होने के कारण कलेक्टर स्वयं मैदान में रहे और उनकी टीम भी खरीदी केन्द्रों में लगी रही। इसके बावजूद खरीदी केन्द्र प्रभारियों की मनमानी चरम पर रही। दोपहर तक 36 हजार 29 पंजीकृत किसानों में से 32 हजार किसानों से करीब 24 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जिसमें सबसे खराब स्थिति परिवहन और भुगतान में है। गोदामों में धान नहीं पहुंचने से पर्ची जनरेट का काम रुका हुआ है। जिसके चलते करीब 400 करोड़ के धान विक्रय में किसानों को करीब 200 करोड़ ही मिला है।
तीन दिन से बंद तौलाई
स्लीमनाबाद क्षेत्र के पडऱभटा केन्द्र में सोमवार को अव्यवस्थाएं चरम पर रही। तीन दिन से सैकड़ों किसान यहां पर अपनी उपज लेकर बैठे हैं। इसके बावजूद खरीदी का काम बंद है। आखिरी दिन किसानों को उम्मीद रही कि अधिकारी उनकी समस्याएं सुनेंगे। लेकिन अव्यवस्था जस की तस बनी रही। बाद में 119 किसानों के द्वारा लाई गई उपज का सत्यापन कर तौल पर्ची खरीदी केन्द्र में दिया गया।
दशरमन में लगा ढेर
ढीमरखेड़ा क्षेत्र के धान खरीदी केन्द्रों में धान परिवहन नहीं होने से किसानों को परेशानी हुई। दशरमन सहित कई केन्द्र ऐसे रहे। जहां पर धान के ढेर लगे हुए थे। यहां पर 55 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। इसके बावजूद 25 हजार क्विंटल धान परिवहन का काम हुआ है। इसके साथ सिहुड़ी और अन्य केन्द्र ऐसे हैं। जहां पर ट्रांसपोर्टरों की मनमानी चरम पर दिखाई दी।
भगवान भरोसे होगी खरीदी
खरीदी केन्द्रों में तीन से चार दिनों तक डेरा डालने के बाद भी जब किसानों की खरीदी नहीं हुई तब किसान यहां से मायूस होकर लौटे। इस संबंध में नोडल विभाग ने प्रत्येक केन्द्रों से बचे हुए किसानों की जानकारी मांगी है। इसके बावजूद किसानों को अभी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। शाम पांच बजे खरीदी पोर्टल बंद हो गया। अब खरीदी केन्द्र से जो किसानो की लिस्ट आएगी। उसे भोपाल भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद खरीदी का काम शुरु किया जाएगा। जिससे लेट-लतीफी बनेगी। विभाग की गलती का खामियाजा किसान भुगतेंगे। खासतौर पर पिछले वर्ष भी इसी तरह की स्थिति
निर्मित हुई थी। जिसमें भुगतान के लिए अधिकारियों को भोपाल में जाकर कई तरह के पापड़े बेलने पड़े थे। जिसके बाद ही किसानों का भुगतान हो पाया था। इस बार भी इसी तरह के आसार अभी से दिखाई दे रहे हैं।
और कलेक्टेर ने  नहीं दिया जवाब
धान खरीदी में किसानों की परेशानी को लेकर कलेक्टर एसबी सिंह से भी प्रशासन का पक्ष जानने की कोशिश की गई। कलेक्टर ने तो परेशानी सुनी।
लेकिन अपना पक्ष नहीं रख सके। इसके बाद कलेक्टर का मोबाइल व्यस्त हो गया। यही हाल खरीदी में लगे अन्य विभाग के अधिकारियों का रहा। भुगतान के लिए परेशानी किसी तरह से जिन किसानों ने धान बेच दिया है अब वे बैंक के चक्कर भुगतान के लिए लगा रहे हैं। सोमवार को बड़वारा सहकारी बैंक के सामने दर्जनों किसान भुगतान पाने के लिए खड़े रहे।प्रेम लाल रजक ,सोहनलाल ,नरेश रजक ,रमेश विश्वकर्मा, मदन गुप्ता एवं अन्य किसानों ने बताया कि पांच-छह दिनों से वे लगातार बैंक आ रहे हैं। यहां पर बताया जाता है कि अभी मैनेजर नहीं है। जिसके चलते भुगतान रुका हुआ है।
 

Created On :   21 Jan 2020 8:13 AM GMT

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